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प्रकृति के साथ से बनेगी बात
Posted on 01 Jan, 2018 10:53 AM
हम नववर्ष को मात्र तारीख बदलने के रूप में न देखकर, प्रकृति से एकाकार होने के ऐसे संकल्प के रूप में लें जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिये एक बेहतर विरासत छोड़ सकें।
कृषि और किसानों की मुस्कुराहट का आएगा नया दौर
Posted on 31 Dec, 2017 01:28 PM
हम आशा करें कि 2018 में सरकार कृषि और गाँवों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। इससे किसानों की मुस्कुराहट बढ़ेगी और उनकी खुशहाली का नया दौर आएगा।
उमंग एप (UMANG APP)
Posted on 31 Dec, 2017 01:15 PM
उमंग (यानी यूनिफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस अर्थात नए युग के शासन के लिये एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन) का उद्देश्य ई-गवर्नेंस को ‘मोबाइल प्रथम’ बनाना है। इसका विकास इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन द्वारा किया गया है। यह एक विकासमान मंच है, जो भारत के नागरिकों को अखिल भारतीय ई-गवर्नेंस सेवाएँ प्रदान करने के लिये तैयार किया गया है। इन सेव
ई-तकनीकों का ग्रामीण विकास में योगदान
Posted on 31 Dec, 2017 01:07 PM
आई.सी.टी. के महत्त्व को समझते हुए किसानों तक नवीनतम कृषि सम्बन्धी वैज्ञानिक जानकारियों के प्रसार हेतु कई पहल की गई हैं। वेब-आधारित ‘के.वी.के. पोर्टल’ भी बनाए गए हैं। आई.सी.ए.आर. के संस्थानों के बारे में जानकारियाँ उपलब्ध करवाने के लिये आई.सी.ए.आर. पोर्टल और कृषि शिक्षा से सम्बन्धित उपयोगी सूचनाएँ प्रदान करने के लिये एग्री यूनिवर्सिटी पोर्टल को विकसित किया गया है। इसके अतिरिक्त के.वी.के.
तीन साल तक शोध कर निकालेंगे आर्सेनिक का तोड़
Posted on 31 Dec, 2017 11:59 AM
गंगा नदी घाटी में आर्सेनिक की मौजूदगी और भविष्य में इसकी क्या स्थिति रहेगी, इसको लेकर व्यापक स्तर पर शोध होने जा रहा है।

इस शोध कार्य में भारत के चार संस्थानों के साथ ही यूके की भी चार संस्थाएँ हिस्सा लेंगी।
आर्सेनिकग्रस्त मरीज
गैस चैम्बर में 8 दिन
Posted on 31 Dec, 2017 11:24 AM
पिछले साल की तरह ही इस बार भी दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील हुई। फर्क यह रहा कि पिछले साल ज्यादा दिनों तक हवा की गुणवत्ता ‘बदतर’ रही थी, इस बार 8 दिनों तक वह स्थिति बनी। वहीं, सरकारी स्तर पर प्रदूषण से निपटने के उपाय की जगह आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बना रहा…
उलझ गया है गंगा सफाई का मसला
Posted on 30 Dec, 2017 11:59 AM
वाराणसी में गंगा की जो हालत है, ऐसी पहले कभी नहीं थी। पहले गर्मी के दिनों में
River Ganga
गाँधी समाज का बदलता पर्यावरण
Posted on 29 Dec, 2017 12:02 PM
हमारे यहाँ गरीब और साधारण लोगों का रोजगार प्राकृतिक संसाधनों पर आश्रित है, पर
मॉस वॉल और स्मॉग फ्री टॉवर की दरकार
Posted on 29 Dec, 2017 11:11 AM

वायु प्रदूषण के उपायों के मामलों में हमें यूरोपीय देशों से सीखने की जरूरत है। आखिर अधिकांश समय ठंड के मौसम

क्षारीय मिट्टी को कैसे सुधारें
Posted on 29 Dec, 2017 11:05 AM
क्षारीय मिट्टी को सामान्य मिट्टी के बराबर उत्पादक बनाया जा सकता है। इसका सही उपचार करके प्रति हेक्टेयर करीब 8 टन धान और 4 टन गेहूँ प्रतिवर्ष पैदा किया जा सकता है।

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