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प्रश्न. सूक्ष्म-पोषक तत्व क्या है ?
Posted on 16 Jul, 2011 02:28 PM उत्तर फसलों को जिन पोषक तत्वों की कम मात्रा (1 पीपीएम) की आवश्यकता होती है उसे सूक्ष्म पोषक तत्व कहते हैं जैसे - जिंक, लोहा, कॉंपर, बोरान एवं मैग्नीज, मालीबिडनम।

प्रश्न. अच्छी देशी खाद कैसे बनायें ?
Posted on 16 Jul, 2011 02:26 PM उत्तर नाडेप-विधि द्वारा, कम्पोस्ट के गड्ढे तैयार करके तथा वर्मीकम्पोस्ट तैयार कर देशी खाद उत्तम गुणवत्ता की तैयार कर सकते हैं ?

प्रश्न. देशी खाद के प्रयोग से मुख्य लाभ क्या है ?
Posted on 16 Jul, 2011 02:24 PM उत्तर मृदा स्वस्थ होती है तथा लम्बे समय तक उत्पादन मिलता रहता है।

प्रश्न. मिट्टी में मुख्य पोषक तत्व कौन-कौन से है?
Posted on 16 Jul, 2011 02:22 PM उत्तर मुख्य तत्व तीन होते है 1. नत्रजन, 2. फास्फोरस, 3. पोटाश। इन्हीं से उत्पादन में वृद्धि होती है।

प्रश्न. स्वस्थ मृदा क्या है?
Posted on 16 Jul, 2011 02:21 PM उत्तर स्वस्थ मृदा का मतलब है कि उसमें फसल उगाने की ताकत के साथ साथ आवश्यक पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा हो और नमी रोकन की क्षमता हो।

प्रश्न. खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी कौन सी होती है।
Posted on 16 Jul, 2011 02:19 PM उत्तर दोमट मिट्टी में सभी प्रकार की फसलें अच्छी उपज देती है।

प्रश्न. खेती एक घाटे का धंधा है, इसे लाभकारी कैसे बनाएं।
Posted on 16 Jul, 2011 02:18 PM उत्तर सरल और सस्ता उपाय है। विविधीकरण को अपनाएं अर्थात अपने खेतों पर उद्यानिकी, मुर्गीपालन, पशुपालन, मधुमक्खीपालन तथा मशरूम की खेती आदि अपनाएं।

प्रश्न. खेत का रकबा कम है गुजर बसर नहीं हो पाता क्या करें।
Posted on 16 Jul, 2011 02:16 PM उत्तर कृषि उद्यमिता अपनाएं। वर्मी कम्पोस्ट/नाडेप कम्पोस्ट तैयार कर बिक्री कर सकते है बहुंत मॉंग है। औद्यानिक एक सफल रास्ता है। उसे अपनाएं।

प्रश्न. खेत बंजर की स्थिति में है कई वर्षो से कुछ भी नहीं होता है क्या करें।
Posted on 16 Jul, 2011 02:13 PM उत्तर कृषि वानिकी अपनाएं। औषधीय पौधों की खेती कर सकते है। सरकार की तरफ से औषधीय खती पर प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

प्रश्न. विगत कई वर्षो से धान-गेहूँ की खेती कर रहा हूँ। अनुभव में आ रहा है कि गेहूँ की उपज कम होती जा रही है।
Posted on 16 Jul, 2011 01:08 PM उत्तर धान गेहूँ का फसल चक्र अधिक पोषक तत्व की मॉंग करता है। जिससे भूमि कमजोर हो जाती है। इसलिए गेहूँ की उपज कम हो रही है। अतः गेहूँ की कटाई के बाद तथा धान की रोपाई के पहले खेतों में हरी खाद का प्रयोग तथा औसतन 10 कुन्तल गोबर की खाद का प्रयोग करें।

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