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अलवण जल के संसाधन
Posted on 07 Oct, 2018 05:25 PM

आप अलवण जल के महत्त्व को पहले से ही जान चुके हैं जिसके बिना पृथ्वी पर जीवन का कोई अस्तित्व संभव नहीं है। इस पाठ में आप अलवण जल के स्रोतों एवं इसके उपयोग के बारे में जानेंगे तथा अलवण जल की गुणवत्ता को बचाए रखने के महत्त्व को समझेंगे।

उद्देश्य
इस पाठ के अध्ययन के समापन के पश्चात आपः

water pollution
इंसानी जिन्दगियाँ महज आँकड़ा नहीं
Posted on 07 Oct, 2018 01:11 PM

हम में से बहुत से लोगों के लिये इंसानी जिन्दगियों का सीवर में समाते जाना कोई मुद्दा ही नहीं है। यही वजह है कि सुई से लेकर सेटेलाइट तक बनाने वाला देश इस अमानवीय काम में तकनीक का इस्तेमाल न के बराबर करता है। बात सिर्फ उनकी नहीं है जो उनमें उतरने के बाद घर लौटकर नहीं आते, जिन्हें मुआवजा थमाकर व घटना पर बयान देकर फाइल बन्द कर दी जाती है, उनकी भी है जो जिन्दा होते हुए भी बार-बार नर्क में उतरने क

सीवर साफ करता सफाईकर्मी
अच्छे मानसून से सुधरेगी किसान की हालत
Posted on 06 Oct, 2018 06:18 PM

अच्छा मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये वरदान सरीखा समझा जाता है। इससे कृषि पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। भूजल का स्तर ऊँचा होता है। दुधारू पशुओं और वन्य जीवों की मृत्यु दर कम हो जाती है। कृषि पैदावार बढ़ने से कृषि ऋणों के पुनर्भुगतान की सम्भावनाएँ बढ़ जाती हैं क्योंकि किसानों की आय बढ़ जाती है। खाद्य पदार्थो में तेजी नहीं रहने पाती। सब्सिडी का बोझ कम होने लगता है। वित्तीय परिदृश्य में स

monsoon
बेतुकी नीतियों की मार झेल रहा कृषि क्षेत्र
Posted on 06 Oct, 2018 06:02 PM

विश्लेषणों से पता चलता है कि कृषि क्षेत्र में अपने परिव्यय से भारत को अपेक्षित लाभ नहीं हो सका है। कृषि को समर्थन देने और गरीबी उन्मूलन के लिये बेहतर तरीका कृषि क्षेत्र को राज-सहायता मुहैया कराने के बजाय ज्यादा तेजी से निवेश किया जाना रहता। ध्यान रखा जाना चाहिए कि आदानों पर बेतहाशा सब्सिडी से कृषि प्रणाली में बड़े पैमाने पर अकुशलता पनपी है।

Agriculture
कार्यक्रमों का फायदा नहीं मिल पाता किसानों को
Posted on 06 Oct, 2018 05:42 PM

देश के सम्मुख दो नीतिगत मुद्दे प्रमुख हैं। पहला, किसानों पर खर्च करने के लिये नियत पैसा क्या लक्षित हितग्राहियों तक पहुँच पाता है? कहना यह कि क्या बाजार उन्हें उनकी उपज का मूल्य दे पाता है। दूसरा, किसानों के लिये ढाँचागत निर्माण पर खर्च किया जाने वाला पैसा क्या उनके लिये सम्भावनाओं के द्वार खोलता है? दोनों ही गम्भीर मुद्दे हैं।

कृषि जिंस की खरीद
पंजाब, तेलंगाना और विदर्भ के किसान अब भी बेहाल
Posted on 06 Oct, 2018 03:27 PM

मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के दिवास्वप्न दिखा रही है, पर विदर्भ, पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों में किसानों की बदहाली बदस्तूर है। पंजाब में 2000 एवं 2015 के बीच साढ़े 16 हजार से अधिक किसान बेतहाशा कर्जों के कारण खुदकुशी पर मजबूर हो गए। 2015 में तेलंगाना में जहाँ 1358 किसानों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2016 में यह आँकड़ा कम होकर 632 पर आ गया। इस सकारात्मक बदलाव के पीछे बड़ी भूमिक

Agriculture
किसान आन्दोलन और राजनीति
Posted on 06 Oct, 2018 03:17 PM

भावनात्मक राजनीति में किसान शब्द का बहुत उपयोग हुआ है, जैसे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की राजनीति की सफल शुरुआत 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में उनके द्वारा आयोजित किसान मार्च से मानी जाती है। हो सकता है कि विद्वानों को इस पर आपत्ति हो लेकिन फिर भी यह किसान मार्च नेहरू के राजनैतिक कैरियर के लिये मील का पत्थर ही साबित हुआ

Farmers' protest
कूच की नौबत ही क्यों आये
Posted on 06 Oct, 2018 03:02 PM

दिल्ली कूच तो 2018 में हुए उन किसान आन्दोलनों की एक कड़ी भर था, जिन्हें केन्द्र तथा राज्य सरकार ने दबाने का प्रयास किया। इससे औपनिवेशिक दौर के बारे में कही गई बातें याद हो आती हैं। किसानों को हाईवे जाम करने पड़ रहे हैं, ताकि अपने लोकतांत्रिक ‘‘रहनुमाओं’ की तवज्जो पा सकें। उदाहरण के लिये 2018 में किसान आन्दोलनों को लें। मार्च, 2018 में मुम्बई में किसान विरोध यात्रा में चालीस हजार से ज्यादा
किसान आंदोलन
कृषि संकट
Posted on 06 Oct, 2018 02:47 PM

किसानों की विरोध यात्रा : किसानों की सात माँगें मान ली गई हैं, और चार लम्बित हैं। सरकार ने कर्जमाफी तथा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की बाबत स्थिति अभी स्पष्ट नहीं की है

संकट में किसान
किसानों के हाथ खाली के खाली
Posted on 06 Oct, 2018 12:59 PM

कहना उचित नहीं है कि जिन 23 कृषि जिंसों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये जाते हैं, उनमें से प्रत्येक

किसान आन्दोलन
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