भारत

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बौद्ध भिक्षुओं पर पुलिसिया हमला
Posted on 30 Aug, 2016 12:35 PM

घटना तवांग के स्थानीय लोगों पर पुलिस द्वारा गोलियाँ चलाए जाने की है। जोकि अपने नेता लामा

पर्यावरण संरक्षण के लिये वन्य जीव संरक्षण आवश्यक
Posted on 30 Aug, 2016 12:22 PM
विकास की दौड़ में इंसान इतनी तेजी से आगे निकल चुका है, कि कई अहम चीजों को नजरअंदाज कर चुका है, वो ये भूल चुका है कि अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिये, उसको उन सभी का संतुलन बनाए रखना होगा, जो उसे प्राकृतिक रूप से मिलता है, जिसे हम पारिस्थितिकी तंत्र या इकोसिस्टम कहते हैं। आज मानवजाति का अस्तित्व इसीलिये भी खतरे में है क्योंकि इंसान ने पारिस्थितिकी तंत्र को ही बिगाड़ दिया है। बढ़ती आबादी और जंग
तापमान में वृद्धि जलवायु परिवर्तन और वर्तमान राजनीति
Posted on 30 Aug, 2016 12:05 PM
औद्योगिक विकास के वर्तमान स्वरूप ने शहरीकरण पर जोर दिया जिसके चलते गाँवों से लोगों का पलायन हुआ और नगरों में कंक्रीट के जाल बिछ गए। कृषि योग्य भूमि पर गगनचुम्बी इमारतों का अंधाधुंध तरीके से निर्माण हुआ। इसके लिये कहीं पेड़ों को काटकर जंगलों का विनाश कर दिया गया तो कहीं आबादी को बसाने के लिये नदियों के किनारों को पाट दिया गया। उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थलों केदारनाथ और नैनीताल में आवासीय होटल
तीसरी फसल उफान पर
Posted on 29 Aug, 2016 05:02 PM
बिहार में गंगा और सोन नदी में बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट
केन-बेतवा लिंक बुन्देलखण्ड को बाढ़-सुखाड़ में डुबोकर मारने का काम है- राजेन्द्र सिंह
Posted on 29 Aug, 2016 03:02 PM


अरुण तिवारी द्वारा जलपुरुष राजेन्द्र सिंह से बातचीत पर आधारित साक्षात्कार

राजेन्द्र सिंहराजेन्द्र सिंह सुना है कि पानी के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार आजकल आपके मार्गदर्शन में काम रही है?
मेरा सहयोग तो सिर्फ तकनीकी सलाहकार के रूप में है। वह भी मैं अपनी मर्जी से जाता हूँ।

उत्तर प्रदेश सरकार अपने विज्ञापनों में आपके फोटो का इस्तेमाल कर रही है। ऐसा लगता है कि आप अखिलेश सरकार से काफी करीबी से जुड़े हुए हैं। पानी प्रबन्धन के मामले में क्या आप सरकार के कामों से सन्तुष्ट हैं?

कुछ काम अच्छे जरूर हुए हैं। लेकिन सरकार के प्लान ऐसे नहीं दिखते कि वे राज्य को बाढ़-सुखाड़ मुक्त बनाने को लेकर बनाए व चलाए जा रहे हों। बाढ़-सुखाड़ तब तक आते रहेंगे, जब तक कि आप पानी को ठीक से पकड़ने के काम नहीं करेंगे।

मछलियों द्वारा खाद्य सुरक्षा
Posted on 29 Aug, 2016 11:36 AM
हिन्दु धर्म पौराणिक कहानियों की बात करें तो पहला अवतार मछली के रूप में ही था। जब सारी पृथ्वी जलमान हो जाती है तब ईश्वर मानवों के आदि पूर्वजों को मछली का अवतार लेकर बचाते हैं। किलकारी मारते बच्चे आज भी ‘मछली जल की रानी है’ सुनाते हैं और हमारे चेहरे खुशी से खिल उठते हैं। आज भी जल परियों और डॉल्फिन की कहानियाँ रुचि पूर्वक सुनी, लिखी और कही जाती हैं। मछलियाँ अनादि काल से हमारी सामाजिक संरच
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