/regions/india
भारत
स्वच्छ जल से सुरक्षा अभियान
Posted on 05 Feb, 2024 12:37 PMअच्छा जन-स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक विकास, स्वच्छ पेयजल और बेहतर स्वच्छता सेवाओं के पहुंच पर निर्भर करता है। स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता के महत्व को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी 6) में भी शामिल किया गया है, जिसमें सुरक्षित पेयजल के लिए विशिष्ट लक्ष्य और मानक हैं। कई वर्षों से, नियमित जलापूर्ति करते समय पेयजल गुणवत्ता के मुद्दे.
![स्वच्छ पेयजल,बेहतर स्वास्थ्य](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-02/OIG4%20%281%29.jpeg?itok=KAq434Ub)
स्वच्छ भारत दिवस 2 अक्टूबर 2022
Posted on 05 Feb, 2024 11:20 AMजलजीवन मिशन
2 अक्टूबर, 2022 को, जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में स्वच्छ भारत दिवस (एसबीडी) मनाया। स्वच्छ भारत दिवस हर साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। स्वच्छ भारत दिवस बापू के उद्धरणों में से एक 'स्वच्छता अगली शक्ति है' से प्रेरित है। यह विभाग, केंद्र सरकार के दो अग्र
![स्वच्छ भारत दिवस,PC-Wikipedia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-02/download%20%2821%29.jpg?itok=nsIo6O6W)
प्राचीन प्रबंधन की प्रणाली पर अब वर्तमान में मोहर लगी
Posted on 03 Feb, 2024 02:39 PMपिछले कुछ दिनों में दो समाचारों ने मुझे अपने वश में कर लिया है। पहला समाचार फिल्म PS-1 का एक प्रचार वीडियो है, जिसमें मुख्य अभिनेता, चियान विक्रम, लगभग एक दिव्य राजा के शानदार कामों पर प्रकाश डालते हैं। दूसरा समाचार तमिलनाडु के उदयलुर में एक आयताकार शिव लिंगम द्वारा चिह्नित एक गैर-वर्णित समाधि के बारे में है। जल शक्ति मंत्री होने के नाते, मैं इस राजा का पानी के साथ संबंध से इस तरह प्रभावित हुआ
![बांध](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-02/OIG1%20%281%29.jpeg?itok=3ZXpGnu3)
क्षमता निर्माण के माध्यम से लचीलेपन का निर्माण
Posted on 03 Feb, 2024 02:07 PMसुरक्षित स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण पेयजल तक पहुंच प्रत्येक नागरिक का अधिकार है और यह एक समृद्ध और स्वस्थ अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान देता है। जल जीवन मिशन (जेजेएम) के निर्माण का केन्द्र बिन्दु 'स्थिरता' है। ग्रामीण भारत में हर परिवार में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करने के लक्ष्य के अलावा, जेजेएम जनिक स्वास्थ्य इंजीनियरों का एक ऐसा कैडर बना रहा है, जो व्यापक क्षमता-निर्मा
![ग्रामीण जलापूर्ति योजना](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-02/OIG4.jpeg?itok=JohBQWCI)
नर्मदा परिक्रमाः जागतिक प्राकृतिक संकट का हल | Narmada Parikrama solution to global natural crisis
Posted on 25 Jan, 2024 03:32 PMविश्व में मां नर्मदा ही एक ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। यह परिक्रमा कब से की जा रही है इसके स्पष्ट साक्ष्य तो नहीं, लेकिन सदियों से समाज अपने बुजुर्गों से इस परंपरा का अनुगमन कर रहा है, और विभिन्न अर्थों में यह परिक्रमा अध्यात्म, पीढ़ीगत मूल्य , सृष्टि के रहस्य और प्रकृति तथा जल के महत्व को अपने में समेटे हुए है।
![नर्मदा परिक्रमा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Narrmadariver%20%20.jpeg?itok=WxWr4Ci-)
जैविक खेती और भारतीय किसान
Posted on 25 Jan, 2024 11:53 AMउन्नीसवीं सदी में औद्योगिक क्रांति के साथ खेती में रसायनों का प्रयोग और नतीजे में अधिक लागत से अधिक उत्पादन का चलन शुरु हुआ था। इस कथित कृषि-विकास के परिणामों पर बीसवीं सदी की शुरुआत में कृषि- वैज्ञानिक अलबर्ट हावर्ड ने सवाल उठाए थे।
![जैविक खेती और भारतीय किसान](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Krishi-1_0.jpeg?itok=uOnE7ZZg)
चीतों के शिकार नहीं कर पाने से बढ़ी चिंता
Posted on 24 Jan, 2024 04:08 PMकूनो नेशनल पार्क के बाड़े से खुले जंगल में छोड़े गए दो नर चीतों अग्नि और वायु के शिकार न करने से पार्क प्रबंधन ने चिंता जताई है। इधर विशेषज्ञ यह आशंका जता रहे हैं कि लंबे समय तक बाड़ों में कैद रखने और भोजन उपलब्ध कराए जाने से चीतों में आलस्य की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो उनके सेहत के लिए ठीक नहीं कही जा सकती। बता दें कि बरसात के दिनों में चीतों की ताबड़तोड़ मौत की घटनाओं के बाद खुले जंगल से
![चीतों के शिकार नहीं कर पाने से बढ़ी चिंता](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Cheetah.jpeg?itok=vJj1QyF-)
दुनिया में बांधों को हटाना क्यों जरुरी है
Posted on 24 Jan, 2024 01:17 PMबांधों से सिंचाई, पनबिजली, घरेलू और औद्योगिक जल आपूर्ति, जल भंडारण और बाढ़ प्रबंधन जैसे लाभ प्रदान करने का दावा तो किया जाता है लेकिन विश्व बांध आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अधिकांशतः ये लाभ वादों से कम होते हैं। बांध की उम्र बढ़ने के साथ, इसके जलाशय में गाद भर जाने के कारण ये लाभ और भी कम हो जाते हैं। इसके अलावा, ये लाभ भारी लागत और व्यापक प्रतिकूल प्रभावों के साथ आते हैं। इसलिए जब भी किसी बांध क
![दुनिया में बांधों को हटाना क्यों जरुरी है](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Dams-1.jpeg?itok=lGvXGYxD)
सभी लोग पानी-पर्यावरण के लिए कार्य करें
Posted on 23 Jan, 2024 05:08 PMवरिष्ठ लेखक डॉ. खुशालसिंह पुरोहित से आशीष दशोत्तर की बातचीत
वरिष्ठ लेखक, पत्रकार एवं पर्यावरणविद् डॉ. खुशालसिंह पुरोहित पर्यावरण डाइजेस्ट के सम्पादक हैं। आपने मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' के निर्देशन में पीएच.डी. की उपाधि के बाद पर्यावरण विषय में नीदरलैण्ड से डी.
![डॉ. खुशालसिंह पुरोहित से आशीष दशोत्तर की पर्यावरण पर बातचीत](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Interview%20kushal%20singh%20.png?itok=qPyLtZX1)
ग्रीन क्रेडिट के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं
Posted on 20 Jan, 2024 05:32 PMवर्तमान में विकास का आधार ऊर्जा है। लेकिन ऊर्जा के परंपरागत रूप ग्रीन हाउस गैंसों के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। ग्रीन हाउस गैंसों में से एक व कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के लिए अहम कारक है। कार्बन उत्सर्जन व इससे उपजे प्रदूषण को कम करने के लिए नई-नई युक्तियां विकसित की जा रही हैं और समाधान तलाशे जा रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार की नई संभावनाएं भी पनप रही हैं। यदि आप
![ग्रीन क्रेडिट के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं | Employment prospects in the field of green credit](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Green%20credit%20oprtunity%20.jpeg?itok=d-I3IIF-)