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अज्ञान भी ज्ञान है
Posted on 07 Jan, 2017 02:03 PM

मुझे आज तक ऐसा एक भी धर्म ग्रंथ नहीं मिला, एक भी आदमी नहीं मिला, जिसने कहा हो कि अज्ञान क

सार्थक जीवन की ‘अनुपम’ मिसाल
Posted on 07 Jan, 2017 12:20 PM
बेंजामिन फ्रेंकलिन ने कहा है- “Either write some thing worth reading or do something worth writing” (अर्थात या तो कुछ ऐसा सार्थक लिखो जो पढ़ा जाये अथवा कुछ ऐसा सार्थक करो जिस पर लिखा जाये।) ‘गाँधी मार्ग’ के कीर्ति शेष सम्पादक अनुपम मिश्र ने उपर्युक्त उक्ति के दोनों छोरों को नितान्त प्रामाणिकता से साधा था। वे मन-वचन-कर्म से गाँधीवादी थे। सादगी उनका स्वभाव था। उच्च विचार उ
अनुपम मिश्र
पुस्तक परिचय : महासागर से मिलने की शिक्षा
Posted on 07 Jan, 2017 11:43 AM
अनपुम मिश्र अपनी शैली में अपने पिता पं.
अनुपम मिश्र
दुनिया का खेला
Posted on 06 Jan, 2017 04:53 PM


मैं उनसे कभी मिल नहीं पाया था। सभा गोष्ठियों में दूर से ही देखता था उन्हें। अपरिचय की एक दीवार थी। यह कोई ऊँची तो नहीं थी पर शायद मेरा अपना संकोच रोके रहा आगे बढ़कर मिलने से।

आज उनकी स्मृति में हम सब यहाँ एकत्र हुए हैं। उन्हें मैं प्रणाम करता हूँ।

अनुपम मिश्र
देश में पर्यावरण की स्थिति और चुनौतियाँ
Posted on 06 Jan, 2017 03:31 PM
हमने भारत की लगभग सभी नदियों को प्रदूषित कर चुके हैं। अब हाला
साध्य, साधन और साधना
Posted on 06 Jan, 2017 03:12 PM
अगर साध्य ऊँचा हो और उसके पीछे साधना हो, तो सब साधन जुट सकते हैं
Anupam mishra
और अब सियाचिन ... (Siachen Glacier Dispute)
Posted on 06 Jan, 2017 12:45 PM
क्या ग्लेशियर पिघलने के साथ बदल सकती है भारत और पाकिस्तान के बीच दुनिया के सबसे दुर्गम युद्ध क्षेत्र की सामरिक भूमिका
दुनिया भर में जल विवाद (Worldwide Water Dispute)
Posted on 06 Jan, 2017 12:19 PM
पानी की माँग बढ़ने के साथ-साथ इससे जुड़े विवाद भी बढ़ते जा रहे हैं। नदियों का पानी साझा करने वाले पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष बढ़ रहे हैं। ऐसे जल विवाद अफ्रीका, एशिया और दक्षिणी अमेरिका के विकासशील देशों को विशेष तौर पर प्रभावित कर रहे हैं..

पानी से जुड़े विभिन्न प्रकार के संघर्षः


1. विकास पर विवाद

मौलिक कर्तव्य हो स्वच्छता
Posted on 06 Jan, 2017 11:52 AM
स्वच्छ और स्वस्थ भारत के बिना श्रेष्ठ भारत की संकल्पना अधूरी है। गंदगी एवं बीमारी श्रेष्ठ भारत के रास्ते में बाधा हैं। भारत आज सभ्यता एवं संस्कृति के एक आधारभूत पैमाने स्वच्छता के मामले में विश्व में निचले पायदान पर खड़ा है। यह सही बात है कि विशाल जनसंख्या, अनियंत्रित शहरीकरण, बाजार का विस्तार, उपभोक्तावादी प्रवृत्ति ने स्वच्छता को गम्भीर चुनौती दी है, लेकिन प्रश्न यह है कि इन चुनौतियों का स
Sanitation
क्या पानी होगा जंग का हथियार
Posted on 05 Jan, 2017 04:48 PM
भारत और पाकिस्तान के तल्ख होते रिश्तों के बीच प्राकृतिक संसाधनों के सामरिक इस्तेमाल को लेकर छिड़ी बहस

“पीने का पानी एक बहुमूल्य वस्तु है और जीवन का पर्याय भी। इसका होना शक्ति प्रदान करता है” -जल सुरक्षा के मुद्दे पर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) टास्क फोर्स की रिपोर्ट
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