बीकानेर जिला

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अफ्रीकी टिड्डों के हमले की आशंका
Posted on 17 Sep, 2010 02:01 PM


इस साल बारिश के सभी पुराने रिकार्ड टूट गए हैं। राजस्थान व गुजरात के वे इलाके जो बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं, के बाशिंदे बाढ़ से जूझ चुके हैं।

African locust
कृषि प्रधान देश में बेरोज़गार किसान
गांव के एक 45 वर्षीय किसान प्रेमनाथ कहते हैं कि उनके पास रोज़गार और आय के स्रोत के नाम पर ज़मीन के केवल कुछ टुकड़ा है. जिससे साल भर की आमदनी भी नहीं हो पाती है, लेकिन इसके बावजूद वह केवल इसलिए खेती करते हैं क्योंकि उनके पास स्थाई रूप से रोज़गार का कोई अन्य साधन नहीं है Posted on 04 Oct, 2023 03:41 PM

किसी देश के विकास में आने वाली समस्याओं में एक प्रमुख समस्या बेरोज़गारी है. भारत जैसे विशाल देश में आज भी कई छोटे छोटे गांव ऐसे हैं जहां नौजवानों की एक बड़ी आबादी बेरोज़गार है. नौकरी के लिए या तो उनके पास कोई स्रोत नहीं है या फिर उन्हें शहरों के लिए पलायन करनी पड़ रही है. देश की बढ़ती जनसंख्या कारण रोज़गार की मांग में भी दिन-ब-दिन इज़ाफ़ा होता जा रहा है.

कृषि प्रधान देश में बेरोज़गार किसान
जल संरक्षण की अलख जगाती एक ग्रामीण महिला
Posted on 09 Nov, 2014 11:27 AM रेगिस्तान जहां जल को तरसती मरूक्षेत्र की जमीन पर पानी अमृत तुल्य मा
Vimla
रेगिस्तान का पानी
Posted on 28 Aug, 2010 10:30 AM
सोने-चांदी के गहनों और दूसरी कीमती चीजों को तो हर कोई बहुत संभालकर रखता है। मगर राजस्थान के बीकानेर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर एक गांव ऐसा भी है, जहां पीने के पानी का भंडारण करने वाले तालाब पर सुरक्षा प्रहरी तैनात हैं। ऐसा इसलिए, ताकि ग्रामीण अपनी जरूरत के मुताबिक ही तालाब से पानी लेकर जाएं और उसका सदुपयोग हो। तकरीबन आठ हजार की आबादी वाले इस गांव की प्यास बुझाने के लिए यही एकमात्र ताला
सिंधु नदी-प्रणाली और राजस्थान
Posted on 15 Jun, 2010 10:13 AM थार के विशाल मरुस्थल में स्थित सिंधु नदी-प्रणाली (इन्डस रीवर सिस्टम) विश्व की एक महानतम नदी प्रणाली है। इस प्रणाली में सिंध नदी के अलावा उसकी प्रमुख सहायक नदियां , झेलम, चिनाब, रावी, व्यास, सतलज और लुप्त प्राय सरस्वती शामिल है। भारत के इतिहास में युग में प्रवेश करने के पूर्व भी पंजाब, सिंधु और राजस्थान के उत्तरी-पश्चिमी भाग सिंधु नदी प्रणाली से लाभान्वित होते रहे थे। गत कुछ दशकों मे की गई पुरातत्व सम्बन्धी खोज के फलस्वरूप यह सिद्ध हो गया है कि ईसा के 2300 वर्ष पूर्व गंगानगर जिले में स्थित कालीबंगा सभ्यता का केंद्र था, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता अथवा हड़प्पा संस्कृति कहा जाता है। कालीबंगा महानदी सरस्वती के किनारे पर स्थित थी।

यद्यपि सिंधु घाटी में बारह महीनों बहने वाली नदियां विद्यमान थी, तथापि इस क्षेत्र में सिंचाई उक्त नदियों के किनारे-किनारे
सिंधु नदी तंत्र और राजस्थान
Posted on 15 Jun, 2010 10:07 AM जिस गति से देश में पानी का संकट गहराता जा रहा है, वह निश्चय ही राष्ट्रीय विकास नीति निर्धारकों के समक्ष एक अहम मुद्दा बनता जा रहा है और समय रहते हुए जल नियोजन के लिए सटीक प्रयास नहीं किए गये तो राष्ट्रीय विकास गति मन्थर पड़ जाएगी, यद्यपि यह निश्चित है कि बदली हुई पर्यावरणीय दशाओं के कारण समाप्त हुए भू-जल स्रोतों का पुनर्भरण तो नहीं हो सकता किन्तु जल की खपत को नियंत्रित कर उसके विकल्प तलाशे जा सकते हैं, जैसे कठोर जनसंख्या नियंत्रण, शुष्क-कृषि पद्धतियां एवम् जल उपयोग के लिए राष्ट्रीय राशनिंग नीति इत्यादि। साथ ही के. एल. राव (1957)द्वारा सुझाए गए नवीन नदी प्रवाह ग्रिड सिस्टम का अनुकरण एवम् अनुसंधान कर हिमालियन एवम् अन्य नदियों को मोड़ कर देश के आन्तरिक जल न्यून वाले सम्भागों की ओर उनके जल को ले जाया जा सकता है। सम्प्रति देश की समस्त नदियों के जल का 25 प्रतिशत भाग ही काम में आता है। शेष 75 प्रतिशत जल समुद्र में गिर कर सारा खारा हो जाता है।

जल अनुशासन ही समाधान
Posted on 16 May, 2010 08:57 AM

सरकार ने जीवन के हर क्षेत्र में समाज को अपने ऊपर निर्भर बनाने की कोशिश की है। सस्ता विकल्प था समाज की पहल से तालाब, कुएं, बेरियां खुदवा कर समाज के सुपुर्द कर देना। आज भी बिप्रासर का तालाब इसलिए सिर उठाए खड़ा है, क्योंकि वहां के समाज ने उसके आगोर में कोई अतिक्रमण स्वीकार नहीं किया।

राजस्थान के 33 में से 26 जिले अकालग्रस्त घोषित किए जा चुके हैं। जैसलमेर और बाड़मेर तो अनंतकाल से ही 'सूखाग्रस्त' रहे हैं, लेकिन वहां पानी के लिए कभी दंगा नहीं हुआ, जैसा इंदिरा गांधी नहर का लाभ पा रहे श्रीगंगानगर, बीकानेर या हनुमानगढ़ में हुआ। यहां के समाज ने कमतर पानी की उपलब्धता के साथ जीना सीखा है। पानी के परिवहन के बजाय पानी के अनुशासन के साथ जीना सीखा है। ऎसा नहीं कि बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के लोगों में ये गुण नहीं थे। वे भी उतने ही गुणवान रहे हैं और अनुशासित भी। लेकिन नहर के झुंझुने ने उनका अनुशासन बहुत पहले तोड़ दिया।
गुरु दक्षिणा में वर्षाजल संचय
Posted on 11 Jul, 2009 09:41 AM
बीकानेर, 7 जुलाई। देवीकुण्ड सागर स्थित ब्रह्म गायत्री सेवाश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव राष्ट्र उन्नति, विश्व शांति के रुप में मनाया गया। गुरु शब्द की मीमांसा करते हुए सेवाश्रम के अधिष्ठाता पं.
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