राजस्थान

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जलवायु परिवर्तन और भारतीय कृषि
कृषि विस्तार भी, बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के साथ ही भूमि के उपयोग में तेजी से परिवर्तन और भूमि   प्रबन्धन के तरीकों में बड़ा बदलाव अनुभव कर रहा है। 30 सितम्बर 2013 को संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी समिति आई.पी.सी.सी. की रिपोर्ट के आधार पर वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इंसानों के कारण ही धरती के तापमान में अत्यधिक बढोतरी हो  रही है। Posted on 05 Sep, 2023 02:06 PM

देश की आजादी के बाद, हमने जितनी भी उपलब्धियां हासिल कीं, उन सभी में देश को भुखमरी से आजादी दिलाना और खाद्य उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर करना, हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। यह सब कुछ हमारे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के अथक प्रयास ही सम्भव हो सका है। सन् 1960-61 में हमारा खाद्य उत्पादन 82 मिलियन टन था जो आज 2013-14 में बढ़कर अपने रिकार्ड स्तर 264 मिलियन टन तक पहुंच गया है। बढ़ती हुई आबादी के बा

जलवायु परिवर्तन और भारतीय कृषि
राजस्थान : बाड़मेर के पांच गांव बने 'हर घर जल'
बाड़मेर राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला है जो पशु मेले के लिए प्रसिद्ध है और इसका थार त्योहार हर मार्च में मनाया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक शामिल होते हैं। बाड़मेर में गर्मियों के दौरान तापमान 51 डिग्री तक चला जाता है। अगस्त, 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा के समय जिले के 4 लाख से अधिक घरों में से केवल 21,469 घरों (5.28%) के पास नल का पानी था। आज 38 हजार (9.49% ) से अधिक परिवारों को नल के जरिए पीने योग्य पानी मिल रहा है। पिछले 23 महीनों में 17,110 परिवारों को नल कनेक्शन दिया गया है। Posted on 04 Aug, 2023 05:28 PM

बाड़मेर जिले के इन गांवों में लोग अपने घरों में नल का पानी देखकर उत्सव मनाने का आह्वान करते हैं। इन ग्रामीण समुदायों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है। इस मरुस्थलीय जिले में बहुत सीमित वर्षा के कारण, उनके घरों में नल से पानी मिलने की बात पहले कभी किसी नहीं सोची थी। लेकिन, जल जीवन मिशन ने इसे संभव बना दिया है।

बाड़मेर के पांच गांव बने 'हर घर जल',फोटो क्रेडिट :-जल जीवन संवाद
पोस्टर : पीने के पानी के स्रोत को गंदा न करें
Posted on 23 Oct, 2012 08:36 AM

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पोस्टर : पीने के पानी के स्रोत को गंदा न करें
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