प्रेमशंकर शुक्ल

प्रेमशंकर शुक्ल
पानी आबाद करता है
Posted on 11 May, 2011 09:03 AM
पानी आबाद करता है
गवाह हैं सभ्यताएँ

जीवन के चमत्कारों से
मनुष्य की आत्मा को
मोहता ही रहा है

पानी का मतलब
Posted on 10 May, 2011 08:49 AM
पानी का मतलब
दुनिया को मतलब देना है
और आदमी को बचाना है
मतलबी होने से

पानी का मतलब
एक तिहाई भू-भाग है
लेकिन घूँट भर की प्यास को
सूखने नहीं देना उससे भी बड़ी चुनौती है

पानी का मतलब
कविता में तैनात मतलब को छुट्टी देना है

पानी का मतलब
‘ठण्डा मतलब कोका कोला’ नहीं
प्यास की वर्तनी को
पानी-प्यास
Posted on 09 May, 2011 08:52 AM
पानी की जुबान पर
प्यास रहती है

प्यास भी
जब बोलती है
तो केवल पानी कहती है

रेवा छन्द
Posted on 07 May, 2011 10:01 AM

रेवा से पहले रेवा के पानी के संगीत से
हुआ अपना आत्मीय साक्षात्कार
फिर दरस-परस कूल-कछार से
रेवा! किलक-हुलस बहती है
कहती हैः जीवन! जीवन! जीवन!
जीवन से बड़ा नहीं कोई उद्गार
नहीं कोई चमत्कार
जीवन ही रचता है
अपना प्रिय संसार

रेवा कुलीनः
जिसके कूल भरे हैं
जीवन की गरिमा-महिमा से
सुख का अंतरा

rewa kund
एक लोटा प्यास
Posted on 06 May, 2011 10:16 AM
एक लोटा प्यास
एक गिलास पानी!

डारो और गुइय्याँ
जिअरा नहीं अघात!!

बहने का सुख
Posted on 05 May, 2011 08:54 AM
तुम्हारी गुनगुनी निगाह
पिघला गयी
मेरी सारी बरफ़

मुझे भी
बहने का सुख मिला!

बारिश
Posted on 04 May, 2011 10:20 AM
न बादलों की आवाजाही
न बिजली की कड़क
न घटा घहरानी
फिर भी मैं भीग गया हूँ

पोर-पोर
भर गया हूँ रंध्र-रंध्र
तुम्हारे प्यार की उन उतप्त बदलियों ने
कर दिया मुझे लहालोट

और बाढ़ में बह गया
हम दोनों का शरीर
सुबह के घाट पर

रूह की नमी से याद रहा
कि बारिश
प्यास के एक रिश्ते का नाम है!

पानी के हँसने में
Posted on 03 May, 2011 11:11 AM
पानी के हँसने में
हयात है
लहरों में जिन्दगी का
पैगाम हुआ करता है

जाहिली से घूँट भरने से
पानी को चोट पहुँचती है
प्यास और पानी का रिश्ता
बहुत पाक है
इसे समझने में बात है

कोई पूर्वाभ्यास नहीं
Posted on 02 May, 2011 10:45 AM
पानी कोई पूर्वाभ्यास नहीं करता
और मंच पर प्रकट हो जाता है सीधे
फिर भी इतनी अभिनय कुशलता-
इतना सुन्दर खेला
कि भीतर का पानी हँस-हँस कर
हो जाता है लहालोट

मंच पर नाट्य पारंगत
और मंच परे की भी उसकी भूमिका सुदक्ष
एक ओर पात्र को इतनी संजीदगी से
वहीं दूसरी ओर पूरी निर्लिप्तता के साथ
जीकर बताना
यह है पानी के ही बूते की बात
पानी से ही जाना
Posted on 30 Apr, 2011 10:31 AM
पानी में
सुन्दर कविता

पानी में
बड़ी कहानी

पानी-पानी-पानी

पानी में अपनी पीड़ा
पानी में अपना प्यार
पानी से ही जाना
दुर्गम से होना पार

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