पंकज शुक्ला

पंकज शुक्ला
नदियां मैली, जंगल छोटे धरती छलनी
Posted on 07 Dec, 2011 02:31 PM

सूत्रों के अनुसार नदियों में बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड अर्थात बीओडी की मात्रा का आकलन किया गय

अर्घ्य
Posted on 01 Apr, 2011 12:38 PM
पानी से पहला परिचय कब हुआ था? इस सवाल का सटीक जवाब किसी के पास भी मिलना मुश्किल है। इसी तरह मुझे भी याद नहीं कि पानी से मेरा पहला परिचय कैसे हुआ था। स्वाभाविक ही है, जन्म के भी पहले फ्लूइड के रूप में तरलता से पहला नाता बना। जन्म के बाद हुए हर संस्कार में पानी ही रहा हरदम मेरे साथ, जुड़वा की तरह।
नदी
Posted on 31 Mar, 2011 10:46 AM
न बैठो चुप
न सोचो हो गया सब कुछ
अभी कहाँ हुआ सृजन?
अभी तो रचना है एक संसार
जो होगा तुम्हारा
अभी तो तुम्हारा उद्गम है
नन्हीं नदी की तरह।
बहा दो राह के रोड़ो को
चलो तुम भी पत्थरों में
अपनी राह बुनते हुए
करो कम करने की कोशिश
समन्दर का खार,
आत्मसात कर बुरों को
बना दो अच्छा
नन्हीं नदी की तरह।
न कहो मिल गया सब कुछ
जल नीति में नीयत का सवाल
Posted on 31 Mar, 2011 10:32 AM

इंसान ने पेड़ भी काटे लेकिन कभी पौधे लगाए भी पर पानी लिया ही, कभी प्रकृति को पानी लौटाया नहीं।

कैसे बचेगा पानी
Posted on 30 Mar, 2011 02:19 PM
जल संकट से निपटने के लिए जागरुकता के लिए जागरुकता के साथ वैज्ञानिक तरीकों को भी अपनाए जाने की जरूरत है। सबसे कारगर तरीका है बारिश का पानी बचाना। हम छत का पानी बचा कर भू जलस्तर बढ़ा सकते हैं। इजरायल, सिंगापुर, चीन, आस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर काफी काम किया जा रहा है। यहाँ बेहतर परिणाम मिले हैं। सिंगापुर में तो यह पानी का प्रमुख स्रोत बन गया है, जबकि चेन्नई में तेजी से गिरत
बिन पानी सब सून
Posted on 30 Mar, 2011 02:16 PM
• मुंबई में वाहन धोने के लिए 50 लाख लीटर पानी खर्च कर दिया जाता है। भोपाल में हर दिन किसी न किसी जगह लीकेज होने से करीब 500 लीटर पानी रोजाना बह जाता है।
धरती, जल,हवा, वन कोई नहीं रहा पावन
Posted on 30 Mar, 2011 01:41 PM
धरती, जल, वायु और वन, जीवन के लिए अनिवार्य इन तत्वों में से कोई शुद्ध नहीं बचा। धरती बंजर हो रही है, पानी जहरीला होता जा रहा है। हवा दूषित है और आकाश में धुँआ और धूलकण हैं। केन्द्र सरकार की स्टेट आफ इंवायरमेंट रिपोर्ट 2009 इसी कड़वी हकीकत को बयान करती है। रिपोर्ट के अनुसार देश की 328.73 मिलियन हेक्टेयर जमीन बंजर हो रही है। इसमें से 93.68 मिलियन हेक्टेयर पानी के क्षरण तथा 16.03 मिलियन हेक्टेयर पानी
अपना नलकूप बढ़ा रहा जल संकट
Posted on 30 Mar, 2011 11:41 AM
9 फीसदी आबादी की नल पर निर्भरता घटी
2 हजार बसाहटों में नहीं जल स्रोत
घर-घर हो रहे नलकूप खनन, पानी बचाने में रुचि नहीं
जगमग शहर, सीवेज उपचार में फिसड्डी
Posted on 30 Mar, 2011 09:39 AM

रोजाना यूँ ही बहा दिया जाता है 26 हजार मिलियन लीटर पानी

धन गंवाया, पानी गया, सूखे रह गये खेत
Posted on 23 Mar, 2011 04:49 PM

दस सालों में 90 फीसदी घट गया सिंचाई रकबा


अगस्त 1986 में राज्यों के सिंचाई मंत्रियों को संबोधित करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने कहा था-‘सोलह सालों से हमने धन गंवाया है। सिंचाई नहीं, पानी नहीं, पैदावार में कोई बढ़ोतरी नहीं, लोगों के दैनिक जीवन में कोई मदद नहीं। इस तरह उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।’
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