मनोज मिश्र

मनोज मिश्र
माँग के अनुरूप पानी मुहैया कराना सरकार के लिए बनी चुनौती
Posted on 14 Mar, 2015 04:30 PM

बिजली से अधिक पानी का इन्तजाम करना कठिन होता जा रहा है। नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती पानी के इन्

प्रधानमंत्री जी, सफाई में निकले कूड़े का क्या होगा
Posted on 05 Oct, 2014 01:58 PM
दिल्ली में प्रतिदिन निकलता है करीब 10 हजार टन कूड़ा। गाजीपुर, ओखला
waste
बढ़ती दिल्ली की बड़ी प्यास
Posted on 05 Jun, 2014 05:02 PM
जल संकट पर जल बोर्ड की जंग
water crisis
पानी की उपलब्धता बढ़ाए बिना वादों पर अमल मुश्किल
Posted on 12 Jan, 2014 11:37 AM
अभी चुनौती पानी के लिए दिल्ली की दूसरे राज्यों पर पानी की निर्भरता कम करने की है। मुश्किल से सवा सौ एम
तपती गर्मी में गहराई पानी की किल्लत
Posted on 19 May, 2013 03:24 PM
दिल्ली जल बोर्ड के लिए हर घर को पानी मुहैया कराना चुनौती
यमुना की बीमारी क्या है
Posted on 23 Mar, 2013 11:26 AM
गंगा के बाद यमुना दूसरी नदी है, जिसके संरक्षण में लापरवाही का मुद्दा इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि पर्यावरणविदों के साथ साधु-संतों और आमजनों ने संघर्ष का एक लंबा सिलसिला शुरू कर दिया है। यमुना किनारे के विभिन्न क्षेत्रों से बढ़ता हुआ यह संघर्ष दिल्ली तक भी एकाधिक बार पहुंच चुका है। आदिवासियों के जल, जंगल और ज़मीन पर अधिकार और इनके संरक्षण के बाद गंगा और यमुना की प्रवाह निरंतरता और निर्मलता दूसरा
यमुना को साफ करने का सरकारी प्रयास बेअसर
Posted on 22 Apr, 2011 09:00 AM
नई दिल्ली, 17 अप्रैल। दिल्ली की धरोहर यमुना को साफ करने का एक और सरकारी प्रयोग बेकार साबित होने वाला है। इस बार गंदे नालों के मुंहाने पर करीब दो हजार करोड़ रुपए की लागत से इंटरसेप्टर लगने वाला है। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड की सलाह के बाद इंटरसेप्टर लगाने का ठेका दिया जाएगा। प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। जुलाई से काम शुरू भी होने वाला है। लेकिन पर्यावरण से जुड़ी संस्थाएं विज्ञान और पर्यावरण कें
दिल्ली में अब पानी के निजीकरण की तैयारी
Posted on 21 Mar, 2011 04:36 PM

हंगामे की शुरुआत, कांग्रेस में ही झलके मतभेद

दिल्ली का लगातार गिर रहा है भूजल स्तर
Posted on 02 Aug, 2010 09:25 AM
एक और समस्या यह है कि लोग पुरानी कोठी-बंगलों को तोड़कर फ्लैट या होटल बना रहे हैं। इससे पानी की खपत अचानक कई गुणा बढ़ जाएगी और इलाके में पानी का संकट बढ़ जाएगा। पुरानी मांग के हिसाब से उस कालोनी के लिए पानी का आबंटन है। उसी हिसाब से पाइप लाइन डली है। इससे पाइप लाइन पर भी ज्यादा दबाव पड़ेगा और पाइप फटेगी। इसे रोकने के लिए बोर्ड के पास ठोस कानून नहीं है। भूजल के दोहन को रोकने का भी अधिकार बोर्ड के पास नहीं है। दिल्ली के भूजल का मालिक केंद्रीय भूजल प्राधिकरण है। दिल्ली का जल प्रबंधन लगातार चुनौती बनता जा रहा है। राजधानी में पानी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि जल स्तर हर साल एक मीटर नीचे गिर रहा है। जल बोर्ड की पानी की लाइन दिल्ली की 30 फीसद इलाके में नहीं है। इसके बावजूद जल बोर्ड का घाटा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बोर्ड दिल्ली सरकार से 22 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुका है जिसके लौटने के आसान नहीं है। दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रमेश नेगी का दावा है कि बोर्ड की वसूली बढ़ाने से लेकर पानी का समान बंटवारा करने का प्रयास हो रहा है। इसके बेहतर नतीजे निकल रहे हैं। पानी की चोरी, लीकेज घटाने और
×