मनीष वैद्य

मनीष वैद्य
अनूठा पर्यावरण प्रेमी
Posted on 29 Oct, 2018 08:11 PM

दावा है कि कभी आपने ऐसा पुलिस अफसर नहीं देखा होगा, आज तक आपने जितने भी पुलिस अफसर देखे होंगे, अपराधों पर सख्ती से अंकुश लगाने या नरम-गरम छवि की वजह से पहचाने जाते रहे हैं। आमतौर पर खाकी वर्दी और रौब झाड़ना ही पुलिस की पहचान होती है लेकिन एक आईपीएस अफसर ने इस धारणा को पूरी तरह से बदल दिया।

जंगल का रूप लेते हाथीपावा के पौधे
बंजर जमीन में भी उगा सकेंगे पौधे
Posted on 20 Oct, 2018 01:36 PM
हमारे देश में लाखों हेक्टेयर जमीन बंजर है। इसका कोई उपयोग नहीं हो पाता। यदि किसी तरह इस जमीन पर भी पेड़-पौधे लगाए जा सकें तो कितना बेहतर हो, लेकिन बंजर जमीन में पौधों का पनपना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है। इस समस्या के निदान के लिये कई प्रयोग और अनुसन्धान किये जा रहे हैं, जिससे बंजर जमीन पर भी जंगल खड़ा किया जा सके।
साधारण विधि द्वारा पौधरोपण
पुनर्जीवित हुआ ढाई सौ साल पुराना तालाब
Posted on 12 Oct, 2018 02:31 PM

"जिस दौर में ये तालाब बने थे, उस दौर में आबादी और भी कम थी। यानी तब जोर इस बात पर था कि अपने हिस्से में बरसने वाली हरेक बूँद इकट्ठी कर ली जाये और संकट के समय में आसपास के क्षेत्रों में भी उसे बाँट लिया जाये। वरुण देवता का प्रसाद गाँव अपनी अंजुली में भर लेता था।

मीठा तालाब
पानी की महत्ता का स्मारक बाला तालाब
Posted on 22 Sep, 2018 06:38 PM

एक समाज ने अपना तालाब सहेजकर पानी के संकट की आशंका को हमेशा-हमेशा के लिये खत्म कर दिया। इस एक तालाब से आसपास के करीब 25 गाँवों में भूजलस्तर काफी अच्छा है। आज जबकि यह पूरा इलाका पानी के संकट से रूबरू हो रहा है तो ऐसे में यह तालाब और यहाँ का समाज एक मिसाल है, पानी को रोककर जमीनी पानी के स्तर को ऊँचा उठाने में। आसपास पहाड़ियों से घिरे होने की वजह से थोड़ी-सी भी बारिश में यह लबालब भर जाता है और अमूमन

बाला तालाब
आदिवासियों ने सहेजे माता नु वन
Posted on 03 Sep, 2018 02:32 PM

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में अपढ़ समझे जाने वाले आदिवासी समाज ने अपने जंगल को सहेजकर पढ़े-लिखे समाज को एक बड़ा सन्देश दिया है। जिले के 110 गाँवों में खुद आदिवासियों ने अपने बूते आसपास के जंगलों को न सिर्फ सहेजा, बल्कि वहाँ 41 हजार नए पौधों को रोपकर घना जंगल खड़ा करने के लिये भी जतन शुरू कर दिया है।

आदिवासियों के प्रयास से हरा-भरा हुआ जंगल
इजराइली तरीके से बारिश का पानी तिजोरी में
Posted on 07 Aug, 2018 04:14 PM

आपने शायद ही कभी सुना होगा कि बारिश के पानी को तिजोरी में रखा जाता हो, लेकिन मालवा के किसान अपने खेतों पर इसे साकार कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिये बाकायदा जमीन पर लाखों की लागत से पॉलिथीन बिछाकर बारिश से पहले ही इस पानी को इजराइली तरीके से अपनी तिजोरी में स्टोर करने की पूरी तैयारी कर रखी थी। इस बारिश का करोड़ों लीटर पानी अब इसमें संग्रहित हो चुका है, जो गर्मियों में भी फसल लहलहाएगा। मालवा के कई

पानी से लबालब भरा प्रहलाद का तालाब
श्रद्धांजलि : अमृतलाल वेगड़
Posted on 07 Jul, 2018 06:53 PM


नदी के विलुप्त होते सौन्दर्य को संजोने वाले नर्मदा के 'लाल' का अवसान

अमृतलाल वेगड़
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