मीना कुमारी/राजकुमार भारद्वाज

मीना कुमारी/राजकुमार भारद्वाज
खापों के लोकतंत्र में मोल का पानी पीता दुजाना
Posted on 31 Aug, 2014 11:03 AM

. लोक में जल अपनी पुस्तक में श्याम सुंदर दुबे ने लिखा है, कुआं लोक तीर्थ है। कुआं रस कुंड है। कुआं पूजन कर नई माएं कुएं से मंगलाशीष मांगती हैं। अपने स्तन की पहली दुग्ध धार कुएं में छोड़ती हैं। कहती हैं यह दूध मेरा नहीं है, मेरे बच्चे का भी नहीं। यह तो तुमसे रस लेकर मेरी दुग्ध वाहनियों ने इस अमृत को पाया है।

दुजाना इस परंपरा का वाहक रहा है, लेकिन एक जमाने में नवाबों के शहर समूचे दुजाना को पानी पिलाने वाला दुर्गु का कुआं जब से ध्वस्त हुआ है तब से पूरा गांव मोल का पानी पीता है।
पहल्यां होया करते फोड़े-फुणसी खत्म, जै आज नहावैं त होज्यां करड़े बीमार
Posted on 29 Aug, 2014 11:32 AM

परसराम का तालाबकुलदे से कुछ ही दूरी पर है, परसराम तालाब
और गंगासर बन गया अब गंदासर
Posted on 29 Aug, 2014 11:17 AM

गंगसर तालाबबेरी के सामाजिक कार्यकर्ता पीतांबर मुलाकात के तु
अपने पर रोता दादरी का श्यामसर तालाब
Posted on 21 Aug, 2014 11:02 AM

श्यामसर तालाबसेठों-साहूकारों के कस्बे चरखी दादरी में अपने
खनन से गंगा तट पर बसे गांव में तेजी से गिर रहा भूजल स्तर
Posted on 01 Aug, 2014 11:02 AM
पंजनहेड़ी/ कटारपुर (हरिद्वार) गंगा तट के किनारों के आसपास पोपुलर के पेड़ों के खेतों के बीच बसे इन गांवों में खनन अब स्थायी हो गया है। पंजनहेड़ी के साधुराम कहते हैं, खनन हो कहां नहीं रहा है। सारे गांवों में हो रहा है और नियमित हो रहा है और हम लाठी-गोली के साए में जीते हैं।

इन गांवों में आने वाले हर आदमी को शक की नजरों से देखा जाता है। छोटे-छोटे बच्चे बार-बार की कोशिश के बाद ही मुंह खोलते हैं। उन्हें समझाया गया है कि वे बाहरी लोगों से कोई बात नहीं करें।

कटारपुर गांव के अक्षय मक्की के खेत में पानी देने में व्यस्त हैं, खनन कितने बजे होता है, सर रात 8 से सुबह आठ तक। इतना बोलकर फिर खेत में चले जाते हैं। गांव के बाहर गंगा तट से तकरीबन 30 मीटर दूर स्थित शिव मंदिर में बाबा बृहस्पत पिछले 10 सालों से टिके हैं।
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