जाहिद खान
जाहिद खान
ग्रीन हाउस गैसों का उत्पात
Posted on 04 Aug, 2014 11:40 AMप्रकृति से छेड़-छाड़ समूची मानव जाति के लिए खतरनाक हो सकती है, यह बात कई अध्ययनों से सामने आ चुकी है। पर्यावरण परिवर्तन के अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर हमें चेतावनी दी है कि यदि हमने ग्रीन हाऊस गैसों के बढ़ते प्रदूषण को इसी तरह से नजरअंदाज किया तो इसके गंभीर नतीजे पूरी दुनिया को भुगतने होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग यानविश्व विरासत रानी की वाव
Posted on 06 Jul, 2014 12:21 PMहमारे देश में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक यानीअच्छा संकेत है पर्यावरण जागरूकता
Posted on 06 Jun, 2014 10:09 AMदेश के करीब 650 जिलों के 158 इलाकों में भूजल खारा हो चुका है, 267 जिलों के विभिन्न क्षेत्रों मे
गंगा की फिक्र
Posted on 05 Dec, 2012 10:25 AMदेश के बड़े इलाके की जीवनधारा कही जाने वाली गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण, चिंता का विषय है। तमाम कोशिशों के बाद भी गंगा को मैली होने से बचाने में नाकामी ही हाथ लगी है। बल्कि इन उपायों के बीच गंगा का पानी और भी जहरीला हुआ है। अब तो और इसका पानी लोगों को कैंसर का रोगी बना रहा है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) के एक अध्ययन के मुताबिक गंगा में इतनी ज्यादा धातुएं और घातक रसायन घुल गए हैं किकीटनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक
Posted on 11 Jul, 2012 05:17 PMआज हमारे देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों के खेती में कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग हो रहा है। हमारे खाने में मीठा जहर परोसा जा रहा है, जो सिंचाई जल और कीटनाशकों के जरिए अनाज, सब्जियों और फलों में शामिल हो रहा है। कीटनाशक के ज्यादा इस्तेमाल से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो रही है तथा यह कीटनाशक जमीन में रिसकर भूजल को जहरीला बना रहा है। नदियों तालाबों तथा अन्य जलस्रोतों में बहकर वहां के पानी को जहरीला बनसिर पर मैला ढोने का कलंक कब मिटेगा
Posted on 11 May, 2012 12:10 PMसिर पर मैला ढोने की कुप्रथा रोकने के लिए बने कानून को आज भले ही 18 साल हो गए हों, लेकिन फिर भी समाज में इस कानून का कोई असर नहीं दिखलाई देता। जहां मानव समाज आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है वहीं आज भी कुछ लोग मैला ढोने के लिए मजबूर हैं अगर वह इस मैला ढोने के काम को छोड़कर एक अच्छा जीवन जीना चाहे तो समाज उसे जीने नहीं देती है। इस कलंक के बारे में बताते जाहित खान।बड़ी परियोजनाएं और पर्यावरण मंजूरी के सवाल
Posted on 11 Apr, 2012 11:52 AMकंपनी को परियोजना के लिए 4004 एकड़ जमीन चाहिए, जिसमें से 2900 एकड़ वनभूमि है। उड़ीसा की नवीन पटनायक सरकार ने अभी
दिल्ली में फिर सुपरबग का खतरा
Posted on 13 Oct, 2011 11:55 AMदिल्ली के पानी में जब भी सुपरबग की आशंका जताई जाती है तो दिल्ली सरकार कुछ फौरी कदम उठाकर, चैन क
भूजल प्रदूषण नियंत्रण के लिए कब बनेगी राष्ट्रीय योजना
Posted on 10 Oct, 2011 12:40 PMसमिति का मानना है कि सरकार को इस योजना का विस्तार उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड जैसे द
स्वच्छ पेयजल का संकट
Posted on 13 Aug, 2011 11:21 AMजल बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि तमाम दावों के विपरीत वह दिल्लीवासियों को साफ पेयजल मुहैया करा प