जागरण जंक्शन

जागरण जंक्शन
बाढ़-सूखे का इलाज है पाल-ताल-झाल
Posted on 20 Sep, 2011 03:20 PM
पाल: बरसात के पानी को रोकने के लिए किसी क्षेत्र के चारों ओर ऊंची दीवार उठाना। धीरे-धीरे यह पानी धरती के अंदर जाकर जल स्तर की वृद्धि में सहायक होता है।

ताल: वर्षा जल को रोकने के लिए परंपरागत तौर पर मौजूद ताल-तलैये।

झाल: ऊंचा स्थान। बाढ़ की स्थिति में यहां जाकर बचा जा सकता है।
कहां गया पानी!
Posted on 12 Jul, 2011 12:43 PM

जल: आज जो पानी हम पीते हैं, वही पानी करोड़ों साल पहले विशालकाय डायनासोरों के युग में एक या अन्य रूपों में मौजूद था। वायुमंडल में रिसाइकिल होकर हमारे गिलास तक पहुंचने वाले धरती पर मौजूद इस स्वच्छ जल की मात्रा इतने वर्षों से तकरीबन लगातार स्थिर है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर यह पानी गया कहां?

प्रदेशों की परेशानी
Posted on 12 Jul, 2011 12:08 PM

उत्तर प्रदेश


आवश्यकता: 20 हजार एमएलडी उपलब्धता: 15 हजार एमएलडी

जल संरक्षण प्रदेश में जल संरक्षण और प्रबंधन के नाम पर कागज की नाव ही तैरायी गयी है। यहां न बड़े भवनों में रेन हार्वेस्टिंग के नियम पूरी तरह अमल में आ सके और न ही अंधाधुंध जल दोहन पर अंकुश लगाने के लिए बना जल प्रबंधन एवं नियामक आयोग अपने पूरे प्रभाव में नजर आया।

थोड़ा है स्वच्छ जल
Posted on 12 Jul, 2011 11:11 AM

कहने को तो धरती का तीन चौथाई हिस्सा जलाच्छादित है, लेकिन इसमें पीने योग्य स्वच्छ जल की हिस्सेदारी अंशमात्र ही है। धरती पर मौजूद जल की कुल मात्रा 1.4 अरब घन किमी है। इस पानी से पूरी पृथ्वी पर तीन किमी चौड़ी पानी की परत से ढका जा सकता है। यहां मौजूद कुल पानी का करीब 95 फीसदी महासागरों में मौजूद है जो अत्यधिक लवणीय होने के कारण पीने या अन्य उपयोग लायक नहीं है। चार चार फीसदी पानी ध्रुवों पर मौजूद ब

जल संकट: देश की कहानी
Posted on 12 Jul, 2011 10:37 AM

देश में पानी की मांग खतरनाक दर से बढ़ रही है। दूसरा सर्वाधिक आबादी वाला यह देश 2050 तक चीन को पछाड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच सकता है। उस स्थिति में 1.6 अरब आबादी के लिए यहां जल संकट विकराल रूप ले सकता है। तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था और व्यापक कृषि क्षेत्र के चलते देश में जलापूर्ति की अभी ही समस्या है। हालांकि जल संसाधनों का कुप्रबंधन इस देश की जलापूर्ति को बदतर करने में अहम योगदान कर रह

कुछ बड़ी परियोजनाओं के सफल प्रयोग
Posted on 02 Jul, 2011 11:13 AM

अंतरबेसिन जल स्थानांतरण द्वारा सिंचाई, बाढ़ की रोकथाम और जल प्रबंधन के प्रयास इससे पहले भी किए गए हैं। देश और विदेश में ऐसे सफल प्रयोगों द्वारा जनजनित समस्याओं को दूर करके खुशहाल जीवन जिया जा रहा है।
 

प्रस्तावित नदी जोड़ परियोजना (National River Linking Project)
Posted on 02 Jul, 2011 10:44 AM

एनडब्लूडीए के नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान के तहत हिमालयी और प्रायद्वीपीय क्षेत्र की चिह्नित नदियों एवं स्थानों को कुल 30 नहरों द्वारा आपस में जोड़ा जाना है। इनमें हिमालयी क्षेत्र में 14 और प्रायद्वीपीय क्षेत्र में 16 संयोजक नहरें शामिल हैं।

नदी जोड़ो परियोजना
थम न जाए धारा
Posted on 02 Jul, 2011 10:14 AM

देश की जल समस्या के लिए नदी जोड़ने का नुस्खा डेढ़ सौ साल से भी पुराना है, लेकिन इस नुस्खे की पेचीदगियों ने हर बार ऐसी किसी भी कोशिश का रास्ता रोका है। इस कोशिश का सबसे बड़ा अवरोध पर्यावरण को होने वाला नुकसान है। नदियों को जोड़ना चाहिए या नहीं, जोड़ें तो कैसे व कितना और किस कीमत पर, ऐसे ढेरों सवाल नदियों के जोड़े जाने की कवायद पर मंडराते रहते हैं। करीब एक दशक पहले जब राजग सरकार के समय नदियों को

नदी जोड़ो परियोजना पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध होगा
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