आर.डी.सिंह

आर.डी.सिंह
सुदूर संवेदन तकनीक का हिम जलविज्ञान में उपयोग
Posted on 01 May, 2012 03:12 PM हिमालय में स्थित हिम व हिमनद प्राकृतिक जलाशय का कार्य करते हैं। हिम व हिमनद गलन द्वारा उत्तर भारत की प्रमुख नदियों में ग्रीष्म काल में जल उपलब्ध होता है। हिम गलन से हिम आवरण में मार्च से अक्टूबर तक प्रतिवर्ष परिवर्तन होता है। हिम आवरण में परिवर्तन की जानकारी जलविज्ञानीय अनुकरण व निदर्श में सहायक है। जल अपवाह के आधार पर जल संसाधन व जल विद्युत परियोजनाओं की योजना, प्रबंधन व परिचालन होता है। जल आवरण
निचली मनेर बांध में दरार जनित प्रवाह का एनडब्लुएस डीएएमबीआरके द्वारा अनुकार अध्ययन
Posted on 30 Mar, 2012 11:08 AM जल संसाधनों के विकास एवं बेहतर उपयोग तथा बाढ़ प्रबंधन हेतु बांधों का निर्माण सर्वविदीत है। इसके फलस्वरूप नियोजित उद्देश्यों के साथ-साथ बांध के निचले क्षेत्रों के विकास की गतिविधि एवं आबादी में भी बढ़ोत्तरी होने लगती है। बांध में दरार उत्पन्न होने या इसके सम्पूर्ण-रूप से बह जाने की स्थिति में निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसी आपदा उत्पन्न हो सकती है। इन क्षेत्रों में घनी आबादी की वजह से अत्यधिक जान एवं
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