अनिरुद्ध शर्मा

अनिरुद्ध शर्मा
आर्ट ऑफ लिविंग से यमुना खादर को नुकसान पहुँचाने के लिये वसूलें 120 करोड़ का जुर्माना
Posted on 28 Feb, 2016 11:31 AM

1. कार्यक्रम शुरू होने के पहले ही वसूली जाए राशि
2. मंगलवार से मामले की प्रतिदिन होगी सुनवाई
3. कहा कि 35 लाख नहीं 2-3 लाख लोग होंगे शामिल

गंगा के साथ ही सुधारनी होगी यमुना की दशा
Posted on 05 Jun, 2014 10:28 AM

यमुना की सभी सहायक नदियां बुरी तरह हो चुकी हैं प्रदूषित

मलबा डालते पकड़े गए तो होगा जुर्माना
Posted on 23 Jul, 2013 11:16 AM

यमुना में प्रदूषण रोकने के लिए उठाया कदम


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का निर्देश, पांच लाख का करना होगा भुगतान, विशेष पुलिस बल की तैनाती करने को कहा
यमुना में छोड़ा जाएगा गंगा का पानी
Posted on 14 Mar, 2013 04:13 PM

लिखित आश्वासन के बाद लौटने को राजी हुए ब्रजवासी

इंग्लैंड टेम्स को जिंदा कर सकता है तो हम यमुना को क्यों नहीं!
Posted on 11 Mar, 2013 03:47 PM
1974 में वाटर पॉल्यूशन कंट्रोल एक्ट बना था जिसके तहत नदी में अशोधित व अर्धशोधित सीवेज या औद्योगिक पान
यूरोप के डेन्यूब कमीशन की तर्ज पर बने यमुना कमीशन
Posted on 09 Mar, 2013 01:05 PM
यमुना में जल की गुणवत्ता बेहतर हो, उस पर निगरानी रखने और उसकी सेहत में सुधार के लिए सिफारिश करने के लिए कई बोर्ड, कमीशन, कमेटी, अथॉरिटी व एजेंसी हैं लेकिन इनमें से किसी के पास यमुना के बारे में निर्णायक फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। यमुना कई प्रदेशों से गुजरती है। हर प्रदेश अपने-अपने तरीके से यमुना की दशा सुधारने के लिए प्रयास करने का दावा करते हैं और कई मौक़ों पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप क
सहायक नदियों की इतनी दुर्दशा तो कैसे बचे यमुना!
Posted on 08 Mar, 2013 09:35 AM
हथिनीकुंड बैराज तक यमुना की हालत बेहतर है, राजधानी के छोटे-बड़े 22 नाले इसे मैला करने में निभा रहे हैं भूमिका
गलत जल बँटवारे से यमुना हो रही मैली
Posted on 07 Mar, 2013 11:52 AM
साढ़े चार हजार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी यमुना नदी की हालत बीते दो दशकों में ज्यादा खराब हुई है। विशेषज्ञ व पर्यावरणविदों का मानना है कि यमुना की दुर्दशा की असल वजह यमुना बेसिन के राज्यों के बीच नदी जल बँटवारे का वह करार है जो 1994 में हुआ था। इस करार के तहत पांच राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व दिल्ली ने तय किया कि वे
स्टील इंडस्ट्री यमुना में फेंक रही तेजाब
Posted on 27 Sep, 2012 11:22 AM
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की अनदेखी के चलते वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया के स्टेनलेस स्टील कारखानों से हर रोज निकलने वाला लाखों लीटर तेजाब व जहरीला पानी न केवल यमुना को विषैला बना रहा है बल्कि इलाके के भू-जल व मिट्टी को भी दूषित कर रहा है। इन कारखानों में तेजाब व अन्य कठोर रसायनों की मदद से स्टेनलेस स्टील शीट बनाने की प्रक्रिया, जिसे 'पिकलिंग' कहते हैं, के बाद जहरीले प्रवाह को सीधे खुल
वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कों पर बह रहा है स्टील कंपनियों से निकलने वाला जहरीला पानी
हर रोज बहा रहे हैं करोड़ों लीटर 'पानी'
Posted on 21 Sep, 2012 04:29 PM

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर 1254.2 करोड़ हो चुके हैं खर्च, पर ट्रीटेड पानी के इस्तेमाल की नहीं है कोई व्यवस्था

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