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यादगार बने द्वीप
Posted on 19 Sep, 2008 11:56 AM

सुन्दरवन डेल्टा जो अपने शीतल जल और मनोरम वातावरण के लिए याद किया जाता था, आज वहां की धरती और पानी दोनों ही इतने अधिक गर्म हो गए हैं जितना पहले कभी नहीं हुए। द्वीपों से घिरे एक ऐसे ही अशान्त समुद्र का दर्द बयां कर रहे है मिहिर श्रीवास्तव/ सुन्दरवन डेल्टा के दक्षिण-पश्चिम में एक द्वीप है मौसिमी। इसी द्वीप की गोद में बसा है बालिहार गांव। इस गांव में रहने वाल

ब्रह्मपुत्र बोर्ड
Posted on 19 Sep, 2008 10:59 AM

पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापक बाढ़ और तटकटाव की समस्याओं का निदान खोजने के उद्देश्य से संसद के एक अधिनियम 1980(1980 का 46) के अंतर्गत ब्रह्मपुत्र बोर्ड को एक स्वयंशासित निकाय के रूप में तत्कालीन सिंचाई मंत्रालय के अधीन (अभी जल संसाधन मंत्रालय के नाम से पुनर्निर्मित) गठित किया गया है। बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र एवम् बराकघाटी तथा पूर्वोत्तर के सभी राज्य पूर्णतया या अंशतया शामिल हैं।

संकट में पानी
Posted on 18 Sep, 2008 08:45 PM

समुद तटीय इलाकों और सागरों पर पर्यावरण को विनाश करने वाली क्रियाओं के कारण महासागर भारी खतरे में है।

Fishery stock status
क्या आप जानते है?
Posted on 18 Sep, 2008 07:20 PM
प्रश्न 1. पोजोलाना क्या है ?
सूचना का अधिकार अधिनियम
Posted on 18 Sep, 2008 01:47 PM

सूचना का अधिकारसूचना

सूचना का अधिकार
मौत का पानी : दीपांकर चक्रवर्ती
Posted on 17 Sep, 2008 12:15 PM
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पानी में आर्सेनिक नामक विषैले तत्व की मौजूदगी की ओर उस वक्त लोगों का ध्यान गया, जब 1994-95 में 'द एनालिस्ट' में आपका शोधपत्र छपा, जिस पर 1996 में 'द गार्डियन' में छपे एक लेख में 'द वाटर ऑफ डैथ' (मौत का पानी) शीर्षक से टिप्पणी की गई थी। भूजल में आर्सेनिक विशाक्तता अब पानी को मौत का पानी बना रही है, इंडिया वाटर पोर्टल के लिए दिए गये साक्षात्कार की हिन्दी प्रस्तुति
दीपांकर चक्रवर्ती
वर्षा पर आधारित खेती हेतु भूमि एवं जल संरक्षण
Posted on 17 Sep, 2008 11:34 AM

भूमि एवं जल प्रकृति द्वारा मनुष्य को दी गयी दो अनमोल सम्पदा हैं, जिनका कृषि हेतु उपयोग मनुष्य प्राचीन काल से करता आया है। परन्तु वर्तमान काल में इनका उपयोग इतनी लापरवाही से हो रहा है कि इनका सन्तुलन बिगड़ ही गया है तथा भविष्य मे इनके संरक्षण के बिना मनुष्य का अस्तित्व ही खतरे मे पड़ जायेगा। हमारे देश की आर्थिक उन्नति मे कृषि का बहुमूल्य योगदान है। देश मे लगभग 70 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि वर्षा पर

water harvesting structure
ड्यू वाटर हार्वेस्टिंग
Posted on 16 Sep, 2008 05:24 PM

भुज [कच्छ], [आशुतोष शुक्ल]। आईआईएम अहमदाबाद के प्रो. गिरजा शरण, कोठारा गांव के हारुन व रफीक बकाल, सात सौ साल से भी अधिक पुराने जैन तीर्थ सुथरी के प्राण जीवन गोर और सायरा प्रायमरी स्कूल के हेडमास्टर सोढ़ा प्रताप सिंह में भला क्या समानता हो सकती है?

ओस की बूंद
नीयत का कमाल
Posted on 16 Sep, 2008 02:34 PM
मैत्री आंदोलन के प्रवर्तक कल्याण सिंह रावत से बातचीत

क्या मैती आंदोलन के इस तरह व्यापक होने की उम्मीद पहले से थी?

इस आंदोलन की जो अवधारणा थी और जो ताना-बाना बुना गया था, उससे ही यह उम्मीद हो गई थी कि लोग जरूर इस आंदोलन को अपनाएंगे और इसमें अपनी भावनात्मक दिलचस्पी जरूर दिखाएंगे। उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल में, यह आंदोलन अपने आप फैलता चला गया।
एक झील का दर्द : वेम्बानाड
Posted on 16 Sep, 2008 02:12 PM

'' वेम्बानाड गंदी और प्रदूषित हो गई है। आर्द्रभूमि पर खेती का अर्थशास्त्र में चावल की खेती के खिलाफ है।'' केरल को 'परमेश्वर की धरती' कहा जाता है। नावों की दौड़, पानी, हरे-भरे धान के खेत, जहां-तहां केले के पेड़ पर्यटकों को मन बरबस ही अपनी ओर खींच लेते हैं। यहां वे न केवल नावों की सैर का आनन्द उठाते हैं बल्कि शान्त, ग्रामीण नजारों का मजा भी लेते हैं। पर अफसोस!

वेम्बानाड झील
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