भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के घोषणा पत्रों में बस इतना सा है पर्यावरण

घोषणा पत्रों में पर्यावरण नाममात्र
घोषणा पत्रों में पर्यावरण नाममात्र

पर्यावरण का मुद्दा पिछले दशकों में काफी चर्चा में रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की बात हो या पीने के पानी की समस्या या फिर गिरता भू-जल स्तर, सभी चिंता के विषय हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ती गर्मी ने प्रथम चरण के औसतन मतदान को भी प्रभावित किया है। भाजपा का 'पर्यावरण अनुकूल' बनाम कांग्रेस का 'पर्यावरण न्याय' है, पर दोनों केवल नारों जैसे ही लगते हैं। फिलहाल धरती के खतरे के प्रति लापरवाही ही दिखती है।

देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने घोषणा पत्र तो जारी किए हैं, पर ताज्जुब की बात है कि पर्यावरण जैसा अग्रिम विषय कांग्रेस और भाजपा दोनों के घोषणा पत्र में आखिरी बिंदु के रूप में अपनी जगह बना पाया है। कांग्रेस ने पूर्व की भांति तीव्र, समावेशी और सतत विकास के प्रति अपनी गहन प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की तो भाजपा ने भारतीयता का पुट देते हुए पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक स्वस्थ समाज निर्माण की बात कही। साथ ही पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को प्रोत्साहित किया है। भाजपा ने रीसायक्लिग के प्रोत्साहन और ई-वेस्ट मैनेजमेंट मिशन पर काफी जोर दिया है। साथ ही पंचामृत के अनुरूप नॉन फॉसिल ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 2070 तक नेट-जीरो एमिशन प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय अनुकूलन कोष में आवंटन बढ़ाने की बात कही है तो ग्रीन ट्रांजिशन के लिए जरूरी फंडिंग को सुविधाजनक बनाने व 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य की प्राप्ति और राज्य सरकारों एवं निजी क्षेत्र के साथ मिलकर ग्रीन ट्रांजिशन फंड ऑफ इंडिया की स्थापना की बात भी की है।
 

घोषणापत्र में शामिल कुछ बिंदु

नए प्राधिकरण व योजनाओं का गठन

भाजपा

कांग्रेस

कई ऐसी योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं जिनसे पर्यावरण की सुरक्षा होगी जैसे- पीएम सूर्य घर योजना, रेलवे का विद्युतीकरण, ई-बस, इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार के साथ, एथनॉल और बायो फ्यूल का उपयोग बढ़े। भाजपा ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की बात कही है।

पर्यावरण मानकों

की स्थापना, निगरानी व कार्यान्वयन और राष्ट्रीय- राज्य स्तरीय योजनाएं लागू करने के लिए स्वतंत्र पर्यावरण संरक्षण व जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए नए प्राधिकरण का गठन। जल शक्ति मंत्रालय के दायरे का विस्तार। सभी शहरों, कस्बों, ग्राम पंचायतों में पेयजल के लिए राष्ट्रव्यापी योजना।

वायु गुणवत्ता में सुधार

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के नेशनल क्वालिटी स्टैंडर्ड को सभी क्षेत्रों में लागू करेगी। 2029 तक 60 शहरों पर विशेष ध्यान।

वायु प्रदूषण की समस्या से तत्काल निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को मजबूत करेगी।

आपदा प्रबंधन

उचित नीतियों के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं में होने वाले नुकसान को बेहद कम करने हेतु आपदा प्रतिरोधी इकोसिस्टम बनाने की बात कही है। हिमालयी राज्यों में आपदा से बचाव का समग्र दृष्टिकोण अपनाएंगे।

कांग्रेस ने आपदा प्रबंधन का दायरा बढ़ाते हुए जंगली जानवरों, पशुधन, कृषि फसलों व बागानों को भी शामिल किया है। भूस्खलन का अध्ययन, रोकने के उपाय व नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्च स्तरीय समिति नियुक्त करेगी।

तटीय क्षेत्रों का संरक्षण

भाजपा ने मछुआरा समुदाय की स्थायी आजीविका, सुरक्षा व अन्य सेवाओं के लिए सैटेलाइट इमेजरी विशेष कार्यक्रम की बात की है।

कांग्रेस ने मछली पकड़ने वालों की आजीविका की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता और उसे बिना प्रभावित किए तटीय क्षेत्र के संरक्षण की बात कही है।

वनीकरण

भाजपा वन आवरण बढ़ाकर कार्बन सिंक के लक्ष्य को प्राप्त करने और जैव विविधता की रक्षा व संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। साथ ही हिमालय के वातावरण की रक्षा करेंगे।

कांग्रेस वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए वन व वन आवरण को पुनः परिभाषित करेगी और आधुनिक वैज्ञानिक मानकों के अनुसार वनीकरण में स्थानीय समुदायों को शामिल करेगी।

रीसायक्लिंग

भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में रीसायक्लिंग के प्रोत्साहन और ई-वेस्ट मैनेजमेंट मिशन पर काफी जोर दिया है। साथ ही पंचामृत के अनुरूप नॉन फॉसिल ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 2070 तक नेट-जीरो एमिशन प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का संकल्प लिया है।

 

जल प्रबंधन

तकनीक व

पारंपरिक ज्ञान के माध्यम से बेसिन प्रबंधन को राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना में जोड़कर प्रमुख नदियों के बेसिन संरक्षण और पुनर्जीवन में तेजी लाई जाएगी।

नागरिक संगठनों

व स्थानीय निकायों के समन्वय से जल प्रबंधन का बड़ा भागीदारी कार्यक्रम। सीवेज के सुरक्षित निपटान का व्यापक कार्यक्रम दस वर्षों में सभी नगरपालिकाओं में लागू।

जलवायु परिवर्तन

 

कांग्रेस ने राष्ट्रीय अनुकूलन कोष में आवंटन बढ़ाने की बात कही है तो ग्रीन ट्रांजिशन के लिए आवश्यक फंडिंग को सुविधाजनक बनाने व 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य की प्राप्ति करेगी। राज्य सरकारों एवं निजी क्षेत्र के साथ मिलकर ग्रीन ट्रांजिशन फंड ऑफ इंडिया की स्थापना करेगी।

जल गुणवत्ता प्रबंधन 

भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने-अपने घोषणा-पत्रों में समान रूप से व्यापक जल गुणवत्ता प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए दूषित पानी के उपचार और नदियों में अपशिष्ट पदार्थों के प्रवाह को रोकने के लिए राज्य सरकारों की मदद की बात की है।

 

स्रोत - राजस्थान पत्रिका, 23 अप्रैल 2024

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Post By: Kesar Singh
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