Kesar Singh

खगड़िया के अलौली की प्रमिला ने जैविक खाद बनाकर धरती-घरती दोनों साधा
जीविका द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देने की बाद ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में जागृति आयी है। गांव के स्तर पर महिलाएं नये-नये काम करके आर्थिक रूप से सबल हो रही हैं। महिलाओं के बनाये गये इन समूहों में से कई समूह वर्मी कंपोस्ट बनाने काम कर रहे हैं। Kesar Singh posted 8 hours 11 minutes ago
वर्मी कंपोस्ट
सोलन के बद्दी में डाबर ने तालाब का किया पुनरुद्धार
बद्दी, सोलन में स्थित डाबर इंडिया की इकाई ने 2030 तक वाटर पॉजिटिव होने के अपने मिशन के अंतर्गत धर्मपुर गांव में एक तालाब के पुनर्जीवन की योजना की और पूरा किया। इस पुनर्जीवन अभियान से थाना पंचायत के 350 से अधिक परिवारों को लाभ होगा। Kesar Singh posted 16 hours 7 minutes ago
सोलन के बद्दी में डाबर ने तालाब का किया पुनरुद्धार
बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर कर रहे खेती
संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (यूएनसीसीडी) के आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2019 के बीच भारत की कुल रिपोर्टेड जमीन की 30.51 करोड़ हेक्टेयर भूमि की गुणवत्ता गिरी, बंजर हुई है। इसका मतलब है कि 2019 में देश की कुल जमीन का 9.45% गुणवत्ता गिर चुका था, जो 2015 में केवल 4.42% था। यह जानकारी यूएनसीसीडी द्वारा जारी की गई है। Kesar Singh posted 16 hours 35 minutes ago
बड़ी मात्रा में कृषि भूमि की गुणवत्ता गिरी या बंजर हुई हैं
देश भर के जलाशयों के भंडार खाली, खतरे में खेती
नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जल आयोग द्वारा प्रकाशित आंकड़े भारत में जल संकट की बढ़ती गंभीरता को प्रकट करते हैं। इन आंकड़ों से देश के जलाशयों के स्तर में हुई खतरनाक कमी का पता चलता है। 25 अप्रैल 2024 तक, भारत के प्रमुख जलाशयों में जल की मात्रा में उनकी कुल भंडारण क्षमता के मुकाबले लगभग 30-35 प्रतिशत की कमी आई है।


Kesar Singh posted 17 hours 25 minutes ago
जलाशयों के जलभंडारों में उल्लेखनीय कमी
जलवायु परिवर्तनः रोगवाहक जन्य रोगों के विशेष संदर्भ में मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव
वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्ष 2100 तक तापमान में 1.4 से 5.8°C तक की वृद्धि के साथ समुद्र के स्तरों में 18-59 से.मी. तक की वृद्धि की संभावना है जिसके चलते तटवर्ती क्षेत्रों में जल प्लावन के कारण वर्ष 2050 तक 200 मिलियन लोग अपनी जगह से अलग हो जाएंगे। Kesar Singh posted 2 days 16 hours ago
जलवायु परिवर्तनः रोगवाहक जन्य रोगों के विशेष संदर्भ में मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव
सूखी ही बहने को मजबूर नदियाँ
दुनिया में ज्यादातर नदियां अपने तटवर्ती क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी रही हैं। यह भी कटु सत्य है कि सभ्यताओं का विकास ही नदियों के विलोपन का कारण भी बन रहा है। यह किसी से छुपा नहीं है, लेकिन विकास की अंधी दौड़ में आज नदियों का अस्तित्व खतरे में है। अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह का कारण, नदी से मिलने वाली रेत व जलराशि है। Kesar Singh posted 3 days 4 hours ago
नदियों के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह
पर्यावरण-प्रबन्धन और प्रकृति-संरक्षण: एक वैदिक दृष्टिकोण
अथर्ववेद के ‘पृथ्वीसूक्त’ में पृथ्वी को माता और हमें इसके पुत्र कहा गया है। यह सूक्त प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण का आह्वान करता है और “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना को दर्शाता है। रवीन्द्र कुमार जी का लेख हमारे आदिग्रन्थों में पर्यावरण संबंधी मान्यताओं को दर्शाता है। Kesar Singh posted 4 days 4 hours ago
प्रकृति-संरक्षण पर वैदिक दृष्टिकोण
जलवायु परिवर्तन से धार से दिल्ली तक तपन, सेहत पर हो रहा बुरा असर
वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने अप्रैल में एशिया में हीट वेव की तीव्रता को बहुत बढ़ा दिया है। इस दौरान दर्ज किए गए उच्चतम तापमान ने लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। मानव-जनित गतिविधियों के कारण जलवायु में आए बदलाव ने इन गर्मी की लहरों की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि की है। Kesar Singh posted 4 days 5 hours ago
पूरे एशिया में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी
पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) का महत्व क्या है? और भारत में पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) एक व्यवस्थित प्रक्रिया है जो प्रस्तावित परियोजनाओं, नीतियों या कार्यक्रमों को लागू करने से पहले उनके संभावित पर्यावरणीय परिणामों का मूल्यांकन करती है। इसका प्राथमिक उद्देश्य पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर किसी परियोजना के संभावित प्रतिकूल प्रभावों की पहचान करना और उनका आकलन करना है, साथ ही इन प्रभावों को कम करने या कम करने के उपायों का प्रस्ताव करना है Kesar Singh posted 5 days 7 hours ago
पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रक्रिया
बेहिसाब भूजल दोहन भूकंप के खतरे को विनाशकारी बना देगा
बेहिसाब भूजल दोहन भूकंप के खतरे को विनाशकारी बना देगा। हाल फिलहाल के दो अध्ययन हमारे लिए खतरे का संकेत दे रहे हैं। एक अध्ययन पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के आवृत्ति और तीब्रता बढ़ने की बात कर रहा है। तो दूसरा भूजल का अत्यधिक दोहन से दिल्ली-NCR क्षेत्र के कुछ भाग भविष्य में धंसने की संभावना की बात कर रहा है। दोनों अध्ययनों को जोड़ कर अगर पढ़ा जाए तस्वीर का एक नया पहलू सामने आता है। Kesar Singh posted 5 days 14 hours ago
भूजल का अत्यधिक दोहन
जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं वर्तमान प्रदूषण रहित चुनौतियां (भाग 2)
जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर पड़ रहा है। पहले से ही खाद्य व आवास की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए बदलती जलवायु व इसका प्रभाव त्रासदी पूर्ण है। वैसे समाजशास्त्रियों की मानें तो गरीबी अपने आप बीमारियों का समुच्चय है। जलवायु परिवर्तन बहुत सारी बीमारियों के होने की प्रक्रिया को बहुत भयानक कर देगा। Kesar Singh posted 6 days 7 hours ago
स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं वर्तमान प्रदूषण रहित चुनौतियां (भाग 1)
जलवायु परिवर्तन से मिट्टी पर पड़े प्रभाव का सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि होती है और वाष्पीकरण का संतुलन खराब हो जाता है व हमारी मिट्टी की आर्द्रता असंतुलित हो जाती है। इसके परिणाम स्वरूप हमें सूखे की मार झेलनी पड़ सकती है। अगर यह स्थिति लगातार बनी रही तो मिट्टी मरुस्थल में तब्दील हो जाती है। मिट्टी एक समय ऊसर व बंजर हो जाती है। अर्थात हमारे पास भोज्य पदार्थ के उत्पादन के लिए पर्याप्त उर्वर भूमि नहीं बचेगी और हमें भूख व कुपोषण की चपेट में आकर अपनी जान गंवानी पड़ेगी। हालांकि यह स्थिति अभी भी बनी हुई है। लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इसका स्वरूप और विकराल हो सकता है। Kesar Singh posted 6 days 8 hours ago
जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
बढ़ते तापमान और मौसम में बदलाव से गर्मी की लहरों और चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है, जिससे बीमारी, चोट और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही जलवायु-संवेदनशील रोगजनकों के फैलाव में बदलाव आता है, जिससे डेंगू और डायरिया जैसी बीमारियाँ कुछ क्षेत्रों में अधिक आम हो सकती हैं। जलवायु परिवर्तन से फसलों की पैदावार में कमी, खाद्य कीमतों में वृद्धि, खाद्य असुरक्षा और अल्पपोषण का खतरा बढ़ता है। इससे जल सुरक्षा भी प्रभावित होती है। ये परिवर्तन गरीबी, मानव प्रवास, हिंसक संघर्ष और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। Rising temperatures and climate change are increasing the frequency and intensity of heat waves and extreme weather events, increasing the risk of disease, injury, and death. It also changes the spread of climate-sensitive pathogens, which could cause diseases like dengue and diarrhea to become more common in some areas. Climate change increases the risk of reduced crop yields, increased food prices, food insecurity and undernutrition. This also affects water security. These changes may increase poverty, human migration, violent conflict, and mental health problems. Kesar Singh posted 1 week 1 day ago
सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
कार्बन डाईऑक्साइड रिकार्ड हाई से बाढ़-सूखे का खतरा
पृथ्वी को गर्म करने में कार्बन डाई ऑक्साइड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वायुमंडल में इस गैस के स्तर में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। कार्बन की खतरनाक बढ़त ने मौसम की एक्सट्रीम कंडीशन को बढ़ाया है यानी बाढ़-सूखे का खतरा बहुत बढ़ गया है। 




Kesar Singh posted 1 week 2 days ago
कार्बन डाईऑक्साइड रिकार्ड स्तर पर
दुबई में बाढ़ क्यों
Kesar Singh posted 1 week 3 days ago
फ्लैश फ्लड
समृद्ध जैव संकेतक और जलीय जैविक-संपदा से परिपूर्ण अंडमान द्वीप समूह
प्रदूषण और पर्यावर्णीय जैव निगरानी के लिए जैव संकेतक के रूप में प्रोटोजोआ सहित कई प्रजातियों के महत्व को लम्बे समय से मान्यता प्राप्त है, विशेष रूप से जल शोधन संयंत्रों और सक्रिय स्लज (कोच) प्रक्रियाओं में। इनके प्रति समझ हमें विकसित करनी पड़ेगी। Kesar Singh posted 1 week 4 days ago
जलीय जैविक-संपदा से परिपूर्ण अंडमान द्वीप समूह
पर्यावरण प्रदूषण और विकट समस्या जलवायु परिवर्तन से महासागर को सहेजना आवश्यक
पर्यावरण प्रदूषण और मौजूदा समय की विकट होती समस्या जलवायु परिवर्तन का महासागर पर क्या असर होता है? और इसके विपरीत महासागर पर्यावरण और मानव जीवन पर किस तरह से प्रतिक्रिया करता है, इन तमाम बातों को समझने के लिए भारतीय वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान कर रहे हैं। What is the impact of environmental pollution and climate change on the ocean? And on the contrary, Indian scientists are continuously doing research to understand how the ocean reacts to the environment and human life. Kesar Singh posted 1 week 5 days ago
पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का महासागर पर असर
भारत के जलनायक
प्राचीन वैदिक काल में ही नहीं बल्कि मध्यकाल और उसके बाद के समय में भी जल विकास और संचयन के क्षेत्रों में उत्कृष्ट निर्माण कार्य किए गए। जल विकास और संचयन के अनेक प्रमुख कार्य तो स्वाधीनता संग्राम के साथ-साथ ही चलाए गए जिनके निर्माण में भारतीय इंजीनियरों, स्वतंत्रता सेनानियों, रजवाड़ों और राजघरानों के शासकों और अनेक अज्ञात नायकों ने उल्लेखनीय सफलताएँ प्राप्त करके देश में अपनी अमिट छाप लगा दी। Not only in the ancient Vedic period but also in the medieval period and thereafter, excellent construction works were done in the fields of water development and harvesting. Many major works of water development and harvesting were carried out simultaneously with the freedom struggle, in the construction of which Indian engineers, freedom fighters, rulers of princely states and royal families and many unknown heroes achieved remarkable successes and left their indelible mark in the country. Kesar Singh posted 2 weeks ago
जल समृद्ध परंपरा
जल प्रशासन में गुजरात और भारत की जलयात्रा
गुजरात और भारत की जल यात्रा बहुत दिलचस्प है, जिसने दुनिया को दिखाया है कि जल को संधारणीय बनाने और पर्यावरण संरक्षण को बहाल करने के लिए जल प्रबंधन में कैसे नयापन लाया जा सकता है। संधारणीयता के उद्देश्य से, लोगों की भागीदारी प्रौद्योगिकी पर केंद्रित ये पहल, पूरी दुनिया के लिए किफायती, प्रेरक और विश्वसनीय मॉडल का मार्ग प्रशस्त करती है। The water journey of Gujarat and India is very interesting, which has shown the world how to innovate in water management to make water sustainability and restore environmental protection. These initiatives, focused on people-participatory technology with the aim of sustainability, pave the way for affordable, inspiring and reliable models for the entire world. Kesar Singh posted 2 weeks 1 day ago
जल प्रशासन में गुजरात की भूमिका प्रभावी
पर्यावरण-अनुकूलन के लिए विविधीकृत खेती अपनाएं
एक विविधिकृत फार्म क्या है? क्या पानी-पर्यावरण और पर्यावरण अनुकूलन में उपयोगी है? Kesar Singh posted 2 weeks 2 days ago
विविधिकृत खेती
×