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Meta Description
Agriculture, an important sector of our economy accounts for 14 per cent of the nation’s GDP and about 11 per cent of its exports. India has the second largest arable land base (159.7 million hectares) after US and largest gross irrigated area (88 milion hectares) in the world. Rice, wheat, cotton, oilseeds, jute, tea, sugarcane, milk and potatoes are the major agricultural commodities produced. More importantly, over 60 per cent of the country’s population, comprising several million small farming households, depends on agriculture as a principal income source and land continues to be the main asset for livelihood security. 
Meta Keywords
Flowers, trees
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Rural electrification can affect irrigation practices. Image for representation purposes only. (Image Source: IWP Flickr photos)
गोबर को ‘गोबर’ ही ना समझो
Posted on 19 Oct, 2014 01:47 PM कृत्रिम उर्वरक यानी रासायनिक खादें मिट्टी में मौजूद प्राकृतिक खनिज
dung flower pot
बुंदेलखंड के गांवों में रोजगार संकट से बढ़ता पलायन
Posted on 18 Oct, 2014 02:25 PM पलायन एक महत्वपूर्ण जनांकिकीय घटना है जो जनसंख्या के आकार, वितरण तथ
Migration
बैगाओं की खेती की चर्चा
Posted on 17 Oct, 2014 11:09 AM
हाल ही में बैगा आदिवासियों की खेती को इंडोनेशिया के किसान देखने आए तो वे देखते ही रह गए। एक ही खेत में डोंगर कुटकी, सलहार, मड़िया, कंगनी, सिकिया, झुंझरू, राहर, सांवा आदि फसलों को देखकर उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ। उन्होंने न केवल बैगाओं की खेती को देखा बल्कि वे दो दिनों तक उनके साथ गांव-घर में रहे, भोजन किया और खूब बातें की।
बैगा जनजाति का भोजन
तालाबों के लिए देशी अनाजों को भी बचाना होगा
Posted on 08 Oct, 2014 01:57 PM मैं कोदो हूं, अनाजों का राजा। मेरी विंध्य क्षेत्र में तीन प्रजातियां हैं-कोदइला, लूमा और विसवरिया। मैंने 80-80 वर्षों तक कोठियों में सुरक्षित रहकर अकाल-दुर्भिक्ष के समय लोगों की सेवा की है। विंध्य क्षेत्र में पहले जो लगभग 6 हजार तालाबों का निर्माण हुआ था उसमें मेरी भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता।

यह बीज महोत्सव के मौके पर आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी का हिस्सा है। यह कार्यक्रम 20-21 सितंबर को सतना में आयोजित किया गया था। इसे परंपरागत देसी बीज अनाज बीज महोत्सव समिति ने आयोजित किया था।

इस अवसर पर एक पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई थी जिसमें देशी अनाजों के महत्व पर प्रकाश डाला गया था। कुटकी, सांवा, ज्वार, मक्का, जौ, कठिया, बाजरा, आदि अनाजों की कहानी आकर्षण का केंद्र थी।
<i>देशी अनाज</i>
भील अपने खेत पानी के टैंकर से सींचते हैं
Posted on 03 Oct, 2014 11:08 AM हम टीवी के रूपहले पर्दे पर भील आदिवासियों को रंग-बिरंगी पोषाकों में नाचते हुए देखते हैं और मोहित हो जाते हैं लेकिन जब हम उनसे सीधा साक्षात्कार करते हैं तो उनके कठिन जीवन की असलियत देख-सुनकर वह आकर्षण काफूर हो जाता है।

ऐसा ही अहसास मुझे तब हुआ जब मैं उनसे मिला और उनके दुख-दर्द की कहानियां सुनीं। हाल ही मुझे 31 अगस्त से 3 सितंबर तक पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर में रहने का मौका मिला।

इस दौरान एक भिलाला युवक रेमू के साथ मैं डेढ़ दर्जन गांवों में गया। ये सभी गांव अलीराजपुर जिले में स्थित हैं। इनमें से कुछ हैं-खारकुआ, छोटा उण्डवा, तिति नानपुर, घोंगसा, उन्दरी, हिरापुर,फाटा इत्यादि।
Krishi
बिहार और उसका पानी
Posted on 03 Oct, 2014 09:07 AM

वर्ष 2008 कोसी का तटबंध नहीं टूटा होता तो यह वर्ष भी सूखे की भेंट ही चढ़ गया था। इस तरह से राज्य में सिंचाई के लिए पानी के उपयोग की वर्तमान स्थिति किसी भी पैमाने से संतोषजनक नहीं कही जा सकती है।

. पश्चिम बंगाल, उसके पूर्व में है, पश्चिम में उत्तर प्रदेश, दक्षिण मेें झारखंड और उत्तर में नेपाल से घिरा भारत का एक राज्य है बिहार। यहां की आबादी 10.38 करोड़ ( 2011) है और यह उत्तर प्रदेश-महाराष्ट्र के बाद भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। इसका भौगोलिक क्षेत्र 94163 वर्ग किमी है और 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर के जनसंख्या घनत्व के साथ यह सघन आबादी वाला इलाका है। राज्य में लिंग अनुपात 1000 पुरुषों पर 916 महिलाओं का है। यहां की साक्षरता की दर अभी भी 63.82 (2011) प्रतिशत है। जिसमें 73.39 प्रतिशत पुरुष और 53.33 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं। केवल दस प्रतिशत हिस्सा शहर में और बांकि आबादी गांव में रहती है।

बिहार भारत का सबसे अधिक बाढ़ग्रस्त राज्यों में है और यहां बाढ़ पीड़ितों का घनत्व सबसे अधिक है।

flood in kosi
बारिश और बिजली के बिना भुखमरी के कगार पर किसान
Posted on 25 Sep, 2014 12:14 PM

ग्रेटर नोएडा, 1 अगस्त। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरसात न होने और बिजली न आने के कारण किसानों की धान की फसल सूख गई है। जो बची है उसे देखकर किसान बेहद परेशान हैं। जहां पर नहर का पानी है वहां पर फिर भी धान की फसल बची हुई है। लेकिन ज्यादातर जिलों में धान और ज्वार की फसल बर्बाद हो गई है। इससे किसान के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होने लगा है। वहीं पशुओं के लिए

Draught
बीटी कपास भूजल को भी दूषित कर रहा है
Posted on 18 Sep, 2014 04:27 PM
दस साल पहले 2002 में बीटी (बेसिलस थुरिनजेनिसस) कपास को भारत के किसानों के हाथों में कई सारे फील्ड ट्रायल के बाद सौंप दिया गया। किसानों को इसे सौंपते हुए इसकी खूबियां गिनाई गईं। कहा गया - इसकी खेती की लागत सामान्य कपास के मुकाबले कम पड़ेगी और इसमें कीटनाशकों का खर्च भी कम आएगा। लेकिन नतीजे के तौर पर आज इस कपास के पीछे कई हजार किसानों को आत्महत्या तक का
<i>बीटी कपास</i>
सिंचाई में लवणीय जल की समस्या एवं प्रबंधन
Posted on 15 Sep, 2014 11:31 AM नहरी क्षेत्रों में कई स्थानों पर मिट्टी सदैव नम (तैलीय) सी दिखाई देती है। ऐसी जमीन में फस्ल नहीं होती। ऐसी मिट्टी जब दिखाई दे तो समझ लेना चाहिए कि मिट्टी भूमि ऊसर या सेम की समस्या से ग्रसित हो चुकी है। अतः बिना ऊसरता को समाप्त किए इस जमीन में कोई भी फसल लेना आर्थिक रूप से उपादेय नहीं होगा। तेलिया या सोडिक जल से सिंचाई करने से मिट्टी की भौतिक दशा खराब हो जाती है। अतः इसको सुधारने हेतु कैल्शियम य
Drip Irrigation
सिंचाई व्यवस्था के विविध आयाम
Posted on 15 Sep, 2014 10:26 AM

वर्तमान में सिंचाई सुविधाओं के संचालन, अनुरक्षण, विस्तार व आधुनिकीकरण की दिशा में प्रभावी कदम उठाकर सिंचाई व्यवस्था की कुशलता में संवृद्धि करने का प्रयास किया जा रहा है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में भी भागीदारी सिंचाई प्रबंधन (पीआईएम) के आधार पर क्षमता की उपयोगिता में वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है। हर्ष का विषय है कि वर्तमान में कृषि विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान विभागों के माध्यम से जल स

Drip irrigation
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