पैकेज्ड पानी

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May 31, 2021 Women become active leaders in the iJal value chain
iJal bridged the gender gap through economic empowerment and reduced the water collection drudgery for women (Image: Safe Water Network)
January 17, 2021 Last year was shrouded with a myriad of disasters but all was not bad. There were many success stories and great efforts in the water sector that maintained our hopes for a better tomorrow.
All was not negative for 2020 in the water sector as many states and districts gained credit for themselves (Image Source: IWP Flickr Album)
April 1, 2016 Blasting and drilling around Chirimiri's coal mines have taken a toll on the area's water resources and environment. The film presents the community's perspective on this issue.
Coal mining in Chirimiri
February 16, 2016 Policy matters this week
The Upper Lake, Bhopal (Source: IWP Flickr Photos)
January 17, 2016 A significant number of the urban poor purchase water from tankers and those that deliver water in plastic cans, bottles, sachets, etc, incurring a sizeable monthly expenditure on water purchases.
Water scarcity and informal water markets in urban India (Source: Wikimedia Commons)
December 5, 2015 Water ATMs have been in use in India for a decade but who are they helping and are they fulfilling their objective, which is to provide safe and clean drinking water to the poor at a low cost?
Water vending machines at work (Source:Sarvajal)
क्यों होती है पीने के पानी की बोतलों में एक्सपायरी डेट
Posted on 17 Dec, 2021 03:45 PM

 पानी की बोतलों की एक्सपायरी डेट की वास्तविकता,फोटो:इंडिया वाटर पोर्टल (फ्लिकर)

 पानी की बोतलों की एक्सपायरी डेट की वास्तविकता 

पानी की बोतलों की एक्सपायरी डेट की वास्तविकता
बोतलबंद इंडस्ट्री पर एक नजर
बोतलबंद पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना कि नल का पानी, क्योंकि बोतलबंद पानी में भी अनेक प्रकार के जीवाणु मौजूद होते हैं, जो सेण्टर फॉर एनवायरमेन्ट और विश्व के कई देशों में की गई शोध-प्रक्रिया से पता चलता है। भारत में बोतलबंद पानी के मार्केट में तेजी से वृद्धि होने से, पानी के संसाधनों पर कॉरपोरेट का हस्तक्षेप भी बढ़ता जा रहा है, जिससे पानी की समस्या और भी गहराई में पहुंच सकती है। इसलिए, हमें बोतलबंद पानी का सेवन कम से कम करना चाहिए, और साथ ही पानी के संरक्षण में सहयोग करना चाहिए।
Posted on 19 Oct, 2023 11:58 AM

पेयजल सहित औसत घरेलू पानी की मांग वर्ष 2000 में 85 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन (एलपीसीडी) से बढ़कर क्रमशः 2025 और 2050 तक 125 एलपीसीडी और 170 एलपीसीडी हो जाएगी। इस बीच बोतल बंद पानी की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है। ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर बॉटल का बाजार 2020 में 36000 करोड़ रुपये का आँका गया था। 2023 के अंत तक इसके 60000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाने क

बोतलबंद इंडस्ट्री पर एक नजर
बोतलबंद जल : गुणवत्ता, वैशिष्ट्य एवं सुरक्षा की दृष्टि में
अपनी जल दैनिक आवश्यकता का मात्र 40 प्रतिशत भाग ही प्राप्त कर पा रहे हैं। किसी तरह खीच-तान के काम चलाना पड़ रहा है। जल उपभोग तेजी से बढ़ रहा है। इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन के हिसाब से लगभग 60 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। औद्योगीकरण के कारण कहीं कहीं यह मात्रा घटकर मात्र 10 से 15 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन रह गई है। Posted on 14 Aug, 2023 02:36 PM

सम्पूर्ण जैव सृष्टि, जैव विविधता एवं अद्यतन सभ्यता के विकास के इतिहास के साथ जुड़ी है - जल की कहानी । जीवन का पर्याय बना यह शीतल, निर्मल, स्वच्छ एवं सुस्वादु जल आखिर किसे नहीं भाता और कौन नहीं अपने कंठ को तरल करता तथा पिपासा को शान्त करता । वैदिक काल में इसे "आप" की संज्ञा दी गई और इसकी व्यापकता एवं सम्मान में वैदिक साहित्य में अनेकों श्लोक एवं ऋचाएं सृजित एवं अलंकृत हुए | उदाहरणार्थ "आपे हिष्ट

बोतलबंद जल,Pc-Wikipedia
धरती चुकाती है बोतलबंद पानी की कीमत
Posted on 26 Jan, 2013 10:27 AM

पानी के क्षेत्र में और आर्थिक रूप से संपन्न इलाकों में बोतलबंद पानी की शुरूआत विलासिता के रूप में हुई थी जो कि स

बाजार का पानी
Posted on 07 Jun, 2010 01:38 PM दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश से एक बड़ा भ्रम अचानक टूटा है कि अगर हम पीने के लिए बाजार का बोतलबंद पानी इस्तेमाल कर रहे हैं तो पूरी तरह सुरक्षित हैं। दरअसल, पेयजल की शुद्धता को लेकर समूची दिल्ली में जो स्थिति बन चुकी है उसका फायदा उठा कर पानी को छोटी और बड़ी बोतलों में बेचने का धंधा बड़े पैमाने पर पसर गया है। लेकिन शुद्धता के मानकों का कितना पालन होता है यह इसी से समझा जा सकता है कि एक याचिका की
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