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नदियां
नदी जोड़ परियोजना - गम्भीर होती परिस्थितियों से तालमेल जरूरी
Posted on 23 May, 2016 02:04 PM
सन 1858 में सर आर्थर थामस कार्टन ने विदेशी माल ढुलाई का खर्च कम करने के लिये दक्षिण भारत की नदियों को जोड़ने का सुझाव दिया था। उसके बाद, सन 1972 में डॉ. केएल राव ने गंगा और कावेरी नदी को जोड़ने का सुझाव दिया। लगभग 30 सालों तक प्रस्ताव परीक्षणाधीन रहा और अन्ततः आर्थिक तथा तकनीकी आधार पर अनुपयुक्त होने के कारण खारिज हुआ।
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नदी, समाज और सरकार
Posted on 15 Nov, 2015 03:03 PM
इस कहानी के तीन पात्र हैं - नदी, समाज और सरकार। उनके कृत्य एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। हम, सबसे पहले प्रत्येक पात्र के बारे में मोटी-मोटी बातें जानने का प्रयास करेंगे। जानकारी के आधार पर समझ बनाएँगे। उसके बाद नदी, समाज और सरकार की जिम्मेदारियों पर चर्चा करेंगे। चर्चा का केन्द्र बिन्दु होगा प्रत्येक पात्र का हित। बदलते समय के साथ, समाज और सरकार के नजरिए में आये बदलावों को रेखांकित किया जाएगा।
कहानी का अन्तिम अध्याय, पात्रों के भविष्यफल पर अपनी राय पेश करेगा। कहानी का समापन, नदी की जिम्मेदारियों को बहाल करने के संकल्प के अनुरोध पर खत्म होगा। आइए सबसे पहले नदी को समझें-
![नदी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A5%80_6.jpg?itok=2mwrYigy)
राष्ट्रीय जल ग्रिड कितना आवश्यक
Posted on 03 Jul, 2015 08:34 PM भारत में वर्तमान में सुर्खियों में आई ‘राष्ट्रीय जल ग्रिड’ की संकलनदीजोड़ के मुद्दे पर बिहार मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी का पत्र प्रधानमन्त्री को
Posted on 03 Jan, 2015 11:57 AM6 नवम्बर 2014श्रद्धेय प्रधानमंत्री जी
![. .](https://farm8.staticflickr.com/7540/15994177388_9344cdcfee_z.jpg)
बहती रहे निर्मल गंगा
Posted on 22 Dec, 2014 01:13 PM गंगा को लेकर अब केवल सरकारी खानापूर्ति या हवाई बातें नहीं हो रही हबातें सब की ठीक, पर खूँटा वहीं गड़ेगा
Posted on 26 Nov, 2014 01:36 PM 2015-16 जल संरक्षण वर्ष होगा। इस वर्ष के दौरान “हमारा जिला : हमारा जल’’ के नारे को लेकर जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सरंक्षण मंत्रालय, हर जिले में पहुंचेगा। भारत के प्रत्येक जिले में पानी की दृष्टि से एक संकटग्रस्त गांव को ‘जलग्राम’ के रूप में चुनकर जल संकट से मुक्त किया जाएगा। भारत जल सप्ताह के सालाना आयोजन की अगली तारीखें 13-17 जनवरी, 2015 तय की गईं हैं।इन तारीखों तक मंत्रालय, जलग्राम की सूची तैयार कर लेगा। प्रत्येक जिले की जल संरचनाओं को चिन्हित करने का काम भी इन तारीखों तक पूरा हो जाएगा। मंत्रालय चाहता है कि भारत का कोई प्रखंड ऐसा न छूट जाए, जिसके बारे में यह ज्ञात न हो कि उसमें कितनी जल संरचना, कहां-कहां और किस स्थिति में हैं। इस समूची तैयारी के लिए जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी, प्रधानमंत्री कार्यालय की रफ्तार में काम कर रहे हैं।
![sant seechevaal ke mehanat se saaph huee nadee](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/sant%20seechevaal%20ke%20mehanat%20se%20saaph%20huee%20nadee_4.jpg?itok=iHS7iMdG)