There is a need for a multi-faceted approach to disaster management, combining advanced monitoring, early warning systems, community preparedness, and sustainable land use practices to mitigate future risks.
एक अध्ययन से पता चलता है कि समुद्री लू या हीटवेव (असामान्य रूप से उच्च समुद्री तापमान की अवधि) जो पहले हर साल लगभग 20 दिनों तक होती थी (1970-2000 के बीच), वह बढ़कर 220 से 250 दिन प्रति वर्ष हो सकती है। जानिए क्या होंगे इसके परिणाम?
Posted on 21 Nov, 2016 02:46 PM पिछले कुछ वर्षों से मौसम के बारे में कई तरह की बड़ी अजीब-अजीब बातें सुनने को मिल रही हैं, जैसे कि ‘इस बार बहुत अधिक गर्मी पड़ी’ या ‘अत्यधिक सर्दी पड़ी’। कभी-कभी ऐसा भी सुनते हैं कि ‘इस बार तो लगा ही नहीं कि सर्दी पड़ी।’ इसी तरह बारिश की भी कोई निश्चितता नहीं रह गई है। इस तरह का मौसमी बदलाव निश्चित ही चिंता का विषय है। ये मौसमी परिवर्तन हमारे-आपके आस-पास ही नहीं हो रहा है, बल्कि यह एक विश्वव्यापी
Posted on 20 Nov, 2016 11:41 AM बताया जा रहा है कि अधिकांश जंगली जानवर पानी की तलाश में बसासत की ओर रुख कर रहे हैं। पेयजल आपूर्ति ना होने पर वे आक्रामक हो रहे हैं। जिस कारण वन्य जीव व मानव में संघर्ष बढ़ रहा है।
Posted on 10 Nov, 2016 12:20 PM भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारतीय अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। कृषि भारत के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह खाद्य-पोषण एवं आजीविका संबंधी सुरक्षा प्रदान करती है। भारत में 60 प्रतिशत से भी अधिक लोग अपनी आजीविका हेतु कृषि पर निर्भर हैं। कृषि कुल सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 17 प्रतिशत योगदान देती है। विभिन्न प्रकार के उद्योग कच्चे माल की आपूर्ति हेतु कृषि पर निर्भर होते हैं। प
Posted on 04 Nov, 2016 11:02 AM संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के अन्तर्गत हुआ पेरिस समझौता ऐसा पहला अन्तरराष्ट्रीय दस्तावेज है जिसमें जलवायु न्याय शब्द को शामिल किया गया है। इसकी धारणा में उन तमाम सन्दर्भों को खोजा गया है, जिन्हें शुद्धतः कानूनी, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है।
Posted on 01 Nov, 2016 04:29 PM जलवायु परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है जिसका हिमालयी क्षेत्र पर भी अत्यधिक प्रभाव पड़ा है। जलवायु परिवर्तन का पर्वतीय खेती पर भी भविष्य में प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा अत: इससे बचने के लिये हमें अग्रिम रूप से तैयार होना होगा और इसके अनुकूलन तथा शमन के लिये पूर्व चेतावनी प्रणालियों एवं अन्य तरीके विकसित करने होंगे। इस लेख में ऋतुजैविकी, इसके अध्ययन के कारणों तथा हाल के समय में अनुकरण प्रतिमानों का ऋतुज
Posted on 29 Oct, 2016 10:28 AM विगत दिनों दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप में आए शक्तिशाली चाबा तूफान ने पृथ्वी को अपने विनाशकारी बवंडर से दो दिशाओं से घेरा। इसके बाद दक्षिण कोरिया की सड़कें जलमग्न हो गईं। वहाँ विमान-रेल यातायात के साथ-साथ जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस तूफान में सवा दो लाख लोगों का जीवन सीधे-सीधे प्रभावित हो रहा है तथा इसकी चपेट में आकर छह लोग मारे गए। इसके बाद यह तूफान 180 किलोमीटर प्रति घण्टे की गति से ज
Posted on 17 Oct, 2016 03:30 PM भीषण तमतमाती गर्मी, पारा 40-42 डिग्री के आस-पास, झुलसते पेड़-पौधे कि अचानक एक दिन तेज आँधी-तूफान, ओले और भारी बारिश की झड़ी फिर बाढ़ की नौबत आ जाये। पारा एकदम से नीचे गिर जाये। आजकल कुछ इस तरह का मौसम का हाल हो चुका है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मौसम में आ रहे ये तेज गति के बदलाव गम्भीर चेतावनी के सूचक हैं। ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि समूची पृथ्वी पर हो रहा है उनके अनुसार 5 कारण इ
Posted on 14 Oct, 2016 12:35 PM अल-नीनो के कारण ही भूमण्डल के एक हिस्से में बाढ़ और तूफान का बोलबाला रहता है, तो दूसरा हिस्सा भीषण सूखे और अकाल की चपेट में आ जाता है।