जल प्रबंधन

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July 15, 2024 Kritsnam where engineering meets hydrology, founded by K. Sri Harsha focuses on developing accurate, easy to install, tamper-proof, and weather-proof smart water metering solutions to deal with the growing water crisis in India.
An AI generated image, highlighting water shortage and use of tankers to provide water but water being wasted when available (Image Source: Praharsh Patel)
May 8, 2024 What is the ecosystem based approach to water management? How can it help in solving the water woes of states in the Deccan Plateau?
An ecosystem based approach to water management (Image Source: India Water Portal)
April 18, 2024 As the demand for water from the Hindu Kush Himalaya region is expected to rise due to population growth, the impacts of temperature increases, and development requirements, researchers emphasise the urgent need to enhance scientific collaboration and rejuvenate existing treaties and governance structures.
Rivers of destiny (Image: Vikramjit Kakati/Wikimedia Commons; CC BY-SA 3.0 DEED)
April 7, 2024 Advancements in smart irrigation: IoT integration for sustainable agriculture
Enhancing efficiency through sprinkler irrigation (Image: Rawpixel; CC0 License)
April 4, 2024 Tackling India's water crisis: A blueprint for agricultural water efficiency
Women working in the field in India (Image: IWMI Flickr/Hamish John Appleby; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
March 22, 2024 Our role in decentralized water management to solve water crisis in cities.
Sunil Mysore talking about his inputs on solving the water crisis in cities
वाटर-वर्कफोर्स का मानचित्रण : जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार का एक अघ्ययन
जानिए कैसे बेहतर जल प्रबंधन को कुशल बनाने से रोजगार और जल सुरक्षा मिल सकती है | Know how better and efficient water management can lead to employment opportunities and water security Posted on 11 Jan, 2024 05:42 PM

बेहतर जल प्रबंधन के लिए जल-श्रमशक्ति (Water workforce) को कुशल बनाने से रोजगार और जल सुरक्षा मिल सकती है। जल की सुरक्षा वाले (Water Secured Village) गांवों के लक्ष्य के साथ भारत में जल आपूर्ति और प्रबंधन के लिए कई कार्यक्रम हैं, जिनमें जल जीवन मिशन (जेजेएम) के माध्यम से गांवों में अच्छी गुणवत्ता वाली पाइप जलापूर्ति प्रदान करना, अटल भूजल योजना के माध्यम से भूजल प्रबंधन आदि शामिल हैं। और स्वच्छ भ

जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार का एक अघ्ययन
गांव-गांव तक पहुँच रहा है पीने का साफ़ पानी
जानिए कैसे हर घर नल योजना से ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पानी उपलब्ध होने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार आ रहा है|Know how Har Ghar Nal Yojana is not only providing clean water in rural areas but also improving the health of the people. Posted on 05 Jan, 2024 03:45 PM

देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में 'हर घर नल जल योजना' की शुरुआत की थी. इस योजना ने पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल दी है. इसका सबसे सकारात्मक प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ा है. जो पहले से काफी बेहतर होने लगी है.

गांव-गांव तक पहुँच रहा है पीने का साफ़ पानी
अमृत सरोवर मिशन - तालाब एवं जल संरक्षण का महाअभियान
हमारे देश में तालाबों की संख्या काफी कम होती जा रही है इसलिए वर्षा जल का पर्याप्त संरक्षण न होने के कारण भूमिगत जल का स्तर काफी कम होता जा रहा है इसलिए प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी द्वारा 24 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर देश के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाबों के निर्माण के लिए अमृत सरोवर योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। अमृत सरोवर रचनात्मक कार्यों का प्रतीक है जो कि आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित है। अमृत सरोवर योजना के माध्यम से देश भर में तालाबों को फिर से पुनर्जीवित एवं कायाकल्पित किया जाएगा। जिसका उद्देश्य भविष्य के लिए पानी का संरक्षण करना है। भारत सरकार के द्वारा 15 अगस्त 2022 को पूरे देश में 50,000 अमृत सरोवर तालाब बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। इस काम के लिए राज्य की जगहों को चिन्हित कर लिया गया। Posted on 22 Nov, 2023 01:44 PM

जल ही जीवन है, जल के बिना मानव का जीवन सुरक्षित नहीं रह सकता है। जल हमारे लिए ही नहीं अपितु पशु-पक्षी, जीव-जंतु, मनुष्य इत्यादि सबके लिए अनिवार्य है। जल का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। एक कहावत है "जल है तो कल है।" पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, किंतु इसमें से 97 प्रतिशत जल खारा है जो पीने योग्य नहीं है। पीने योग्य पानी मात्र 3 प्रतिशत है इसमें भी 2 प्रतिशत जल हिम एवं ह

अमृत सरोवर मिशन
जलप्रबंधन का सामाजिक - ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य कोशी क्षेत्र के सन्दर्भ में
आजकल जल प्रबंधन सम्पूर्ण विश्व में मानवता के समक्ष ज्वलंत समस्या बनकर उभरा है। वैज्ञानिक अविष्कारों ने जहाँ जीवनस्तर को काफी ऊँचा उठा दिया है और जनसंख्या भी बढ़ी है। प्राकृतिक संसाधनों के प्रचूर मात्रा में दोहन के परिणाम स्वरूप प्राकृतिक संसाधन और मानव सभ्यता के बीच का संतुलन डगमगाने लगा है और इससे कोशी क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। सन् 1987 में कोशी पीड़ित विकास प्राधिकार की स्थापना हुई जो जल प्रबंधन के क्षेत्र में पूर्ण पड़ाव जैसा था।

Posted on 15 Nov, 2023 01:19 PM

वैसे तो कोशी क्षेत्र जल के मामले में हमेशा से आत्मनिर्भर रहा है लेकिन कभी-कभी अत्याधिक आत्मनिर्भरता भी नई त्रासदी को जन्म दे देता है। कोशी क्षेत्र में फैले अकुत जल संपदा का अगर सही प्रबंधन नहीं किया जाता तो आज कोशी वासी पहले की अपेक्षा कोशी की क्रूरता से ज्यादा विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होते। प्राथमिक स्रोत जो कि अधिक प्रामाणिक और महत्वपूर्ण होते हैं के आधार पर 20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में

जलप्रबंधन का सामाजिक - ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य कोशी क्षेत्र के सन्दर्भ में
शुद्ध जल के लिए जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत (Need for water resources management for pure water)
हमारे देश में बढ़ते जल प्रदूषण के कारण जल जनित रोगों की वृद्धि इस कदर हुई है कि 10% से अधिक आबादी चपेट में आ चुकी है। जल में विकृति लाने वाले प्रदूषक तत्व विभिन्न स्रोतों से मानवीय क्रियाकलापों के दौरान ही प्रवेश करते हैं व मानव पर ही हानिकारक प्रभाव डालते हैं। मानव के अतिरिक्त जलीय एवं स्थलीय जीव-जन्तु भी प्रभावित होते हैं। Posted on 15 Nov, 2023 12:21 PM

धरती पर 70% हिस्से में पानी है। जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0-0.001% जलवाष्प और बादल के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटियों में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों मे 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकियों, जै

शुद्ध जल के लिए जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत
हरियाणा राज्य में जल संसाधनों के प्रबंधन की समस्याएं एवं जियोइंफॉर्मेटिक्स तकनीक द्वारा उनका निदान
भूजल की गुणवत्ता अच्छी थी, अधिक दोहन के कारण भू-जल स्तर लगातार नीचे गिरता चला गया तथा कृषि क्षेत्र जहाँ भू-जल की गुणवत्ता खराब थी, अधिक सतही पानी के प्रयोग के कारण तथा भूजल की अनुपयोगिता के कारण भूजल स्तर लगातार ऊपर आता चला गया। इसका एक प्रमुख कारण गेहूं-चावल फसल चक्र को भी माना जाता है। Posted on 14 Oct, 2023 12:08 PM

सारांश : 

जल संसाधनों के सतत विकास व प्रबंधन के लिए इन संसाधनों की सही मात्रा का पता चलना तथा प्रयोग के स्तर के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण व शहरीकरण के कारण जल संसाधनों की उपलब्धता पर लगातार विपरीत प्रभाव पड़ता जा रहा है। एक तरफ पानी की मांग बढ़ी है और दूसरी तरफ पानी की गुणवत्ता पर लगातार प्रदूषण का प्रकोप जारी है। नयी तकनीको

हरियाणा राज्य में जल संसाधनों के प्रबंधन की समस्याएं एवं जियोइंफॉर्मेटिक्स तकनीक
जल संसाधन प्रबन्धन में जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम का मुल्यांकनः बामनवास पंचायत समिति का एक अध्य्यन
वर्षा की मात्रा में कमी की वजह से भूमिगत जल स्तर गिर गया जिससे कुओं के जल स्तर में गिरावट आई और अधिकांश कुएं सूख गये सन 2015-16 में कुओं की संख्या 4343 थी लेकिन पिछले 5 वर्षों में कुऐं की मात्रा में गिरावट दर्ज की गयी। Posted on 10 Oct, 2023 03:12 PM

सारांश

प्रस्तुत शोध पत्र में राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले की बामनवास पंचायत समिति में संचालित जल संग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम एवं उसके परिणामों का सांख्यिकीय विश्लेषण किया गया हैं। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में पहले से उपलब्ध जल संसाधनों, उनके प्रदूषित होने एवं जलाभाव के कारणों, प्रभावों एवं जल प्रबन्धन के तरीकों का भी उल्लेख किया गया हैं।

 इंटरनेशनल जर्नल ऑफ जियोग्राफी एंड एनवायरनमेंट
प्रशासन से ले कर गाँव तक विभिन्न हितधारकों का नज़रिया, जेजेएम-पीएमयू सिक्किम
सिक्किम में कुल 1,31,880 परिवार (एचएच) हैं, जिनमें से 90,626 एचएच (68.72%) के पास नल जल आपूर्ति है। सिक्किम में कुल 439 गाँव हैं, जिनमें 84 गांवों में 100% परिवारों के पास नल कनेक्शन हैं और 19 गाँव 'हर घर जल' प्रमाणित हैं। Posted on 18 Sep, 2023 04:46 PM

जेजेएम एक अवसंरचना विकास कार्यक्रम

सिक्किम राज्य शांति और नीरव भूमि के रूप में पहचाना जाता है, क्योंकि यह हिमालय के स्प्रिंग स्रोतों से धन्य है जो अच्छी गुणवत्ता और प्रचुर मात्रा में पानी प्रदान करते हैं। इसे 2016 और 2018 में भारत में 'सबसे स्वच्छ राज्य' के रूप में सम्मानित किया गया। यह पूर्वी हिमालयी क्षेत्र भी 'हर घर जल' प्राप्त करने की दिशा में अग्रणी राज्यो

सिक्किम स्प्रिंग स्रोत
दमचोक गाँव के घरों में पहुंचा नल से जल,लद्दाख
सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दमचोक के ग्राम प्रधान एवं नंबरदार श्री कर्मा एशाय कहते हैं, 'पहले हमें दूर-दराज की जल धाराओं से पानी लाना पड़ता था और सर्दियों में कभी-कभार सेना के टैंकरों से बहुत मदद मिलती थी। लेकिन आज जल जीवन मिशन के तहत हर दरवाजे पर पानी का कनेक्शन हमारे लिए एक सपने के सच होने और जीवन बदलने वाली आजादी जैसा है। मैं इस नेक कदम के लिए सरकार और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ।   Posted on 18 Sep, 2023 04:25 PM

लेह  जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से पहले अंतिम लद्दाखी गांव दमचोक के ग्रामीणों के लिए घर पर नल से निर्बाध बहता पानी पाना अब कोई सपना नहीं रह गया है। इस शून्य-सीमा वाले गाँव में पानी लाने के लिए ग्रामीणों द्वारा सुबह के समय को कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती है क्योंकि उन्हें अब अपने घरों में नल का पानी मिल रहा है।

दमचोक गाँव के घरों में पहुंचा नल से जल
जल प्रबंधन एवं जबलपुर के तालों का समीक्षात्मक अध्ययन (Study of water management and Ponds of Jabalpur)
आधुनिक समय में तकनीकी विकास के कारण जल संसाधनों का प्रचुर प्रयोग सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, जल परिवहन तथा उद्योग आदि के लिए किया जा रहा है, और जल की खपत मानव की प्रगतिशीलता का द्योतक बन गयी है। भूमिगत जल स्तर नीचे जाने से जल में लवणीयता भी बढ़ गयी है, क्योंकि भूमि के नीचे का मीठा पानी कम हो जाने से उसमें लवणयुक्त पानी मिलता जा रहा है। तटीय क्षेत्रों में भूमिगत जल स्रोतों में मीठा पानी कम हो जाने से समुद्र का खारा पानी रिसकर इन स्रोतों को प्रदूषित कर रहा है।
Posted on 21 Aug, 2023 06:06 PM

मानव को जीवित रहने के लिए वायु के बाद दूसरा स्थान जल का ही है। इसके अतिरिक्त, कोई भी आर्थिक कार्य ऐसा नहीं है, जो जल के बिना संभव हो। वस्तुतः जल के बिना जीवन ही संभव नहीं है। सभ्यता के आदिकाल से ही मानव जल का उपयोग अपनी विविध आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु करता रहा है। यह आवश्यकता प्रगति के साथ-साथ तेजी से बढ़ती जा रही है। आधुनिक समय में तकनीकी विकास के कारण जल संसाधनों का प्रचुर प्रयोग सिंचाई, जल व

जबलपुर के ताल,PC-Wikipedia
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