शोध पत्र

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पंचायत समिति केशवराय पाटन की भूजल स्थिति
Posted on 23 Nov, 2015 12:26 PM
पंचायत समिति, केशवराय पाटन (जिला बूंदी) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बूंदी जिले में 355 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 309 मिलियन घनमीटर रह गई है।
पंचायत समिति हिण्डोली की भूजल स्थिति
Posted on 23 Nov, 2015 12:24 PM
पंचायत समिति, हिण्डोली (जिला बूंदी) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बूंदी जिले में 355 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 309 मिलियन घनमीटर रह गई है।

भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति नोखा की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 04:39 PM
पंचायत समिति, नोखा (जिला बीकानेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। जिले में उपलब्ध भूजल के अनियोजित दोहन के कारण भूजल संसाधन में कमी उत्पन्न हो गई है।
पंचायत समिति श्रीडूंगरगढ़ की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 04:36 PM
पंचायत समिति, श्रीडूंगरगढ़ (जिला बीकानेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। जिले में उपलब्ध भूजल के अनियोजित दोहन के कारण भूजल संसाधन में कमी उत्पन्न हो गई है।
पंचायत समिति बीकानेर की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 04:34 PM
पंचायत समिति, बीकानेर (जिला बीकानेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। जिले में उपलब्ध भूजल के अनियोजित दोहन के कारण भूजल संसाधन में कमी उत्पन्न हो गई है।
पंचायत समिति रायपुर की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 02:05 PM
पंचायत समिति, रायपुर (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति सहाड़ा की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 02:03 PM
पंचायत समिति, सहाड़ा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति शाहपुरा (जिला भीलवाड़ा) की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 02:01 PM
पंचायत समिति, शाहपुरा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति सुवाणा की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 02:00 PM
पंचायत समिति, सुवाणा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति माण्डलगढ़ की भूजल स्थिति
Posted on 22 Nov, 2015 01:58 PM
पंचायत समिति, माण्डलगढ़ (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
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