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शोध पत्र
मूल सरयू ही पुरानी सरयू है
Posted on 31 May, 2023 03:26 PMप्रत्येक धारणा के पीछे कोई न कोई ठोस कारण होता है। तथ्य बताते हैं कि पूर्व काल में सरयू जी भैरव धाम महाराजगंज के सामने से होकर प्रवाहित होती थीं। इसे इस तरह भी कहा जा सकता है कि सरयू जी की एक प्रवाहित शाखा यहाँ से होकर जाती थी। सरकारी अभिलेखों ने लोक मानस में व्याप्त ज्ञान को ग्रहण करने और उस आधार पर शोध करके अभिलेख तैयार करने की परेशानी नहीं उठायी। जिसका परिणाम यह हुआ कि सहायक नदी को छोटी सरयू
शास्त्रों से संगम तक मूल सरयू
Posted on 30 May, 2023 03:39 PMमनुना मानवेन्द्रण या पुरी निर्मिता स्वयं
आदिकवि वाल्मीकि ‘श्री सरयू जी’ को अयोध्या धाम से उत्तर की ओर प्रवाहित होना बताते हैं। श्रीराम और विश्वामित्र के संवाद में ब्रह्मर्षि बताते हैं कि ‘श्री सरयू’ भगवान के मानस से संभव हुई हैं। श्री रुद्रयामल के श्री अयोध्या महात्म्य में राजा दशरथ कहते हैं- "त्वन्तु नेत्रोद्भवा देवि हर्रेनारायणस्य हि ।" हे देवि!
राष्ट्रीय नदी गंगा का पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र
Posted on 10 Feb, 2023 02:00 PMमनीष कुमार नेमा, सुरेन्द्र कुमार चंदनीहा, प्रवाहिनी अंक 24 (2017), राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की
किसी नदी का पारिस्थितिकी तंत्र वह समग्र क्षेत्र होता है जिसमें उसके अपने प्राकृतिक वातावरण में उपस्थित सभी जैविक (Biotic) घटकों जैसे पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों और सभी अजैव (Abiotic) घटकों के बीच समस्त भौतिक और रासायनिक क्रियाएँ संपादित होती हैं।
बड़ा भूंकप आने का संकेत दे रही उत्तराखंड की धरती
Posted on 10 Jun, 2019 01:00 PMउत्तराखंड की धरती भविष्य में बेहद बड़े (आठ रिक्टर स्केल) भूंकप का संकेत दे रही है। यहां पिछले 11 सालों में आए भूकंपों से महज पांच फीसद ही ऊर्जा बाहर निकल पाई है, जबकि 95 फीसद अभी भी भूगर्भ में जमा है। यह बात वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने साल 2007 से 2018 के बीच आए भूकंपों के अध्ययन के बाद कही है। संस्थान में गुरुवार को शुर
आंखों से आंसू निकाल रहा नीर
Posted on 01 Jun, 2019 04:14 PM
पानी को लेकर हर साल हम मुसीबत झेलते हैं, लेकिन उसको सहेजने के प्रति हमारी अन्यमनस्कता जा नहीं रही है। पानी का मोल प्यास लगने पर मालूम होता है। कोई इसका विकल्प नहीं बन सकता। इसलिए इस अनमोल प्राकृतिक संसाधन की एक-एक बूंद बचाइए, तभी हमारी पीढ़ियों का गला तर हो सकेगा।
हैंडपंप ताल तलैया सूखे, रसातल में पानी
पानी के लिए शासन से मांगे 8 करोड़
Posted on 20 May, 2019 03:59 PM
ग्राम पंचायतों को हैंडओवर हो चुकी पाइप पेयजल योजनाओं की दशा बदतर हो चुकी है। कहीं के पाइप टूटे हैं तो किसी स्थान पर मोटर आदि में खराबी के चलते जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इस तरह प्रभावित पच्चीस पाइप पेयजल योजनाओं की मरम्मत के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी ने सात करोड़ इक्यासी लाख रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है।