शोध पत्र

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जल-भण्डारण, संरक्षण तथा प्रबन्धन (Water Conservation, Management)
Posted on 30 May, 2016 03:51 PM
जल, सृष्टि के पंच तत्वों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि पृथ्वी पर जीवन का प्रार्दुभाव जल के द्वारा ही हुआ है। सभी जैविक क्रियाओं के लिए जल आवश्यक है। अतः जीवन के लिये जल एक आवश्यक घटक है। इसीलिए जल और जीवन का अटूट सम्बन्ध है। जल मानवीय मूलभूत आवश्यकता है। दैनिक जीवन में जल का विशेष महत्व है। जल की उपयोगिता असीमित है। जल, प्रकृति का अनूठा वरदान है। विश्व में पृथ्वी चारों ओर जल से घिरी हुयी ह
भारत की भूसंरचना - एक संक्षिप्त परिचय (India's Geomorphology)
Posted on 30 May, 2016 01:16 PM
भारत एक विविधता पूर्ण देश है। यहाँ के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति, भाषा, वेषभूषा, जलवायु और भूसंरचना एक दूसरे से अलग तथा समृद्ध है जिस पर वहाँ की भौगोलिक स्थित का गहरा प्रभाव होता है। भौगोलिक दृष्टि से भारत को हम निम्नलिखित पाँच भागों में विभाजित कर सकते हैं। पहला भाग उत्तर के पर्वतीय प्रदेश हैं, जो पश्चिम से पूर्व की ओर समानान्तर उत्तंग श्रेणियों के रूप में फैले हुये हैं इसे एक्स्ट्रा पेन
घोड़ा-कटोरा झील राजगीर (नालन्दा) आदर्श पक्षी विहार-एक विवेचना (Ghoda-Katora Lake, Rajgir (Nalanda), an Ideal Bird Sanctuary - A Review)
Posted on 30 May, 2016 11:44 AM

सारांश


घोड़ा कटोरा झील मीठे एवं वर्षाजल से भरी, राजगीर(जिला-नालन्दा) के पास स्थित है। यह झील अब पर्यटक स्थल के रूप में जानी जाती है। यहाँ किसी प्रकार की जीव हत्या वर्जित है। कालान्तर में यह पक्षी विहार का रूप ले चुका है। यहाँ पर विचरण करने वाले 37 पक्षियों का एक वर्ष तक के साप्ताहिक अवलोकन का विवरण प्रस्तुत किया गया है।

Abstract

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण | Conservation of Natural Resources in Hindi
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त करें | Get information about conservation of natural resources in hindi. Posted on 03 May, 2016 11:10 AM

जल का उपयोग कृषि, उद्योगों, यातायात, ऊर्जा तथा घरेलू उपयोग के संसाधन के रूप में किया जाता है। जल का संरक्षण जीवन का संरक्षण है। जल एक चक्रीय संसाधन है जिसको वैज्ञानिक ढंग से साफ कर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। पृथ्वी पर जल वर्षा और बर्फ से उपलब्ध होता है। यदि जल का युक्तिसंगत उपयोग किया जाए तो वह हमारे लिये कभी कम नहीं पड़ेगा। परन्तु संसार के कुछ भागों में जल की बहुत कमी है।

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
स्थायी विकास के लिये वर्षाजल संरक्षण: सूखा प्रभावित बुंदेलखण्ड क्षेत्र से एक केस स्टडी
Posted on 29 Jan, 2016 09:24 AM
वर्षाजल संरक्षण (आरडब्ल्यूएच) देश में एकीकृत जल विभाजक प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी) का अहम घटक है और उसे वर्षा पर निर्भर इलाकों, खासतौर पर बुंदेलखण्ड के सूखाग्रस्त इलाके में लोगों की आजीविका एवं खाद्य सुरक्षा के लिहाज से अहम माना जाता है। यह पूरा क्षेत्र मध्य भारत के 70.04 लाख हेक्टेयर भूभाग में फैला हुआ है। बुंदेलखण्ड का इलाका अर्द्ध शुष्क क्षेत्र है जहाँ लाल और काली मिट्टी पाई जाती है
IWRM for Rehabilitation of Bundelkhand Region of Uttar Pradesh
Posted on 28 Jan, 2016 09:33 AM
(A Concept Paper for inclusion of the project under Phase –II of the UPWSRP)

Introduction

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