Posted on 18 Feb, 2014 03:46 PMना कर इतना तकबूर तू जहां इक रोज फानी है, तेरे आला हो गुजरे ना कुछ बाकी निशानी है। मतलब यह कि अपने आप पर इंसान इतना गुरूर मत कर, यहां पर सब कुछ खत्म हो जाने वाला है। तेरे बड़े-छोटे चले गए हैं, जिनकी आज कोई निशानी भी नहीं बची है। शमशान घाट में लिखे इसी कथन को सत्य मानते हुए एक शख्स अपना जीवन ऐसी सेवा को समर्पित कर चुका है, जिसे करना हर किसी के बस की बात नहीं।
Posted on 07 Feb, 2014 10:54 AMदुनिया की सबसे स्वच्छ नदी में शुमार चंबल में पानी की लगातार हो रही कमी से घड़ियालों पर संकट मंडराने लगा है और उनकी संख्या भी कम हो
1. सभी ग्राम पंचायतों से आग्रह है कि जनवरी/फरवरी 2014 में किसी भी दिन लोगों के आर्थिक कल्याण से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों पर ग्राम सभा की विशेष बैठक आयोजित करें।
2. इन बैठकों में कृषि, बागवानी, डेयरी, मत्स्य, राष्ट्रीय ग्रामीण जीवनयापन अभियान (एनआरएलएम), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ), वाटरशेड, मृदा संरक्षण, हस्त शिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम आदि जैसे कार्यक्रमों के सरकारी प्रभारी उपस्थित रहें।
3. जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी इस तरह से बैठक की तिथियों का संयोजन करें ताकि उपरोक्त कर्मचारी ग्राम सभा की बैठकों में उपस्थित रह सकें। उपरोक्त सभी विभागों के सरकारी प्रभारी इन बैठकों में भाग लें क्योंकि इससे उनकी योजनाओं की प्रगति में सुधार होगा तथा साथ ही यह उन्हें पारदर्शी बनाएगा जिससे ये कार्यक्रम और भी अधिक प्रभावशाली होंगे।
Posted on 15 Jan, 2014 03:20 PMनई दिल्ली, 12 जनवरी। पर्यावरण व वन मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने रविवार को परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी में देरी के लिए अधिकारियों व अपने पूर्ववर्ती पर्यावरण मंत्रियों के ‘मन के डर’ को जिम्मेदार ठहराया। देश की मौजूदा आर्थिक नरमी के लिए इन मंजूरियों में देरी को भी दोष दिया जा रहा है।