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समाचार और आलेख
पानी की कमी से जूझते देशो की सूची में भारत 13वें स्थान पर
Posted on 28 Mar, 2023 02:48 PMपानी को बचाने के लिए और उसे पीने लायक बनाए रखने के लिए विश्व में हर देश अपने स्तर पर कुछ न कुछ योजनाएं चला रहे है। पिछले कुछ समय में देखा गया है कि पीने के पानी की तादाद में गिरावट आई है।एक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 30 से 50 लीटर स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है लेकिन हमारे देश में करीब 88 करोड़ लोगों को जरूरत का 10 प्रतिशत हिस्सा भी नहीं मिल पाता यानी इस बात से यह तो साफ़ हो गया है कि लोगो को कम मा
नर्मदा को निगलती 'विकास' परियोजनाएं
Posted on 28 Mar, 2023 12:32 PMआधुनिक विकास को विनाश में तब्दील होते देखना हो तो देश के ठीक बीच से प्रवाहित नर्मदा नदी के साथ किया जाने वाला दुर्व्यवहार देख लेना चाहिए। यह जानना सचमुच बेहद दुखदायी है कि कोई सत्ता और समाज कैसे अपनी सदानीरा, पुण्यसलिला, जीवन दायिनी कहलाने वाली नदी को अपनी हवस के चलते ताबड़तोड़ समाप्त करता है। वन विभाग के 2020-21 के वार्षिक प्रतिवेदन के अनुसार मध्यप्रदेश में 1980 से 2020 तक 1163 विकास परियोजनाओ
नदी और बारिश की एक-एक बूंद बचाने की कोशिश
Posted on 27 Mar, 2023 02:52 PMजल संरक्षण के लिए तमाम सरकारी फरमान जारी होते हैं, कई अभियान भी चलाए जाते हैं। इन कोशिशों के बीच कुछ लोग ऐसे हैं जो संगठन के रूप में जल संरक्षण के भगीरथ प्रयास में जुटे हुए हैं। कुछ एकला चलो की तर्ज पर अकेले ही प्रयास कर रहे हैं। ये लोग नदी, गधरे और बारिश की एक-एक अमृत बूंद की चिंता कर रहे हैं, वे नई पीढ़ी के कल के लिए आज जल संरक्षण की कोशिश में जुटे हैं।
पहाड़ी जिलों में बिगड़ रहे हालात
Posted on 27 Mar, 2023 02:40 PMहमने बचपन से बड़े होते अक्सर यह सुना है, जल ही जीवन है, अर्थात जल के बिना जीवन संभव ही नहीं। लेकिन प्राकृतिक जलस्रोत लगातार सूखते जा रहे हैं। हालात यह हैं कि एशिया के वाटर हाउस वाले हिस्से में भी यानी हिमालय में जल संकट की समस्या पैदा हो चुकी है। हिमालयी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट जैसे राज्यों में जल के लिए करीब 60% आबादी झारनों और प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर है।
मिसाल :- हवेली मॉडल से सिंचाई की समस्या खत्म
Posted on 25 Mar, 2023 12:16 PMशासन जल संरक्षण कर भूजल स्तर सुधारने के प्रयास में करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष खर्च कर रहा है। फिर भी मंशानुरूप सुधार नहीं हो रहा है। स्थिति सुधरनें के बजाय बिगड़ती जा रही है। इसके विपरीत तीन संस्थाओं ने हवेली मॉडल से जिले के तीन गांवों में सिंचाई की समस्या खत्म कर दी। वहीं अपनी धुन के पक्के साधु कृष्णानंद ने बिना किसी लाभ व लालच जल संरक्षण के लिए एक हेक्टेयर का तालाब खोद डाला। उन्होंने परेशानियों
प्राचीन जल विज्ञान - बादलों की उत्पत्ति, वर्षा और इसका मापन (Part-I)
Posted on 25 Mar, 2023 10:18 AMवर्षा उन तीन मुख्य प्रक्रियाओं (वाष्पीकरण, संघनन, और वर्षा) में से एक है जिनके द्वारा जलविज्ञानीय चक्र, वायुमंडल और पृथ्वी की सतह के बीच पानी का निरंतर आदान-प्रदान संचालित होता है। इस अध्याय में प्राचीन भारतीय साहित्य में वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि बादलों की उत्पत्ति, सूर्य और महासागर और पृथ्वी की सतह के बीच अंतःक्रिया, संघनन और वर्षा पर चर्चा की गई है। यह अध्याय प्राचीन भारत में वर्षा
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पर लगाए गए 120 करोड़ के जुर्मानें पर लगाई रोक
Posted on 24 Mar, 2023 11:41 AMसुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर जिले की नदियों में अनट्रीटेड सीवेज छोड़ने और अनुचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश पर 120 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय मुआवजा लगाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगा दी है भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदी की खंड पीठ ने एनजीटी के 13 सितंबर 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याच
नदियों को बचाने के लिए बनाने होंगे ट्रिब्यूनल
Posted on 24 Mar, 2023 10:51 AMदेहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में जाने माने राष्ट्रीय चिंतक एवं विचारक के एन गोविंदाचार्य ने कहा कि देश की नदियों को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक अधिकार प्राप्त ट्रिब्यूनल बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा गंगा की निर्मलता, अविरलता एवं जल संरक्षण के लिए अगल से गंगा एक्ट बनाना चाहिए दो दिन के प्रवास पर उत्तराखंड पहुंचे गोविंदाचार्य ने राजपुर रोड स्थित विश्व संवाद केंद्र में कहा कि नदियों को ब
विश्व जल दिवस : क्या स्वच्छ पेयजल की समस्या से जूझ रहा है विश्व, जानें क्या कहती है यूएन रिपोर्ट
Posted on 22 Mar, 2023 02:29 PMइस वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च को विश्व जल दिवस घोषित किए जाने के 30 वर्ष पूरे हो गए हैं, जो दुनिया भर में स्वच्छ जल तक पहुंच के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक बेहतर अवसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार विश्व स्तर पर चार में से केवल एक व्यक्ति के पास ही साफ पीने के पानी तक पहुंच है। डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार 2000 के बाद से लगभग 1.8 बिलियन लोगों के
जलवायु परिवर्तन कार्य योजना के लिए महज 27 प्रतिशत निधि का ही हुआ उपयोग
Posted on 16 Mar, 2023 12:56 PMपर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 'जलवायु परिवर्तन कार्य योजना' के लिए वर्ष 2022-23 में आवंटित धन का केवल 27 प्रतिशत ही उपयोग कर सका बुधवार को राज्यसभा में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुदान मांगों (2023-2024) पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में 'कार्य योजना' के तहत धन के कम उपयोग का खुलासा हुआ।