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ग्लोबल वार्मिंग ने पैदा किया जीवन पर संकट
मानव जीवन का अस्तित्व प्रकृति के संतुलन पर आधारित है. विकास की अंधी दौड़ में मानव समाज प्रकृति को व्यापक तौर पर क्षतिग्रस्त कर चुका है. वर्तमान वस्तुस्थिति यह है कि अपनी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है. भौतिक विकास के जिस आयाम तक हम अपनी प्रकृति को खींच लाये हैं, वहां से मानव जाति का अस्तित्व अंधकारपूर्ण दिख रहा है.
Posted on 01 Nov, 2023 11:24 AM

इटली की टाइबर नदी पर दो हजार साल पहले रोमन सम्राट नीरो द्वारा बनवाया गया पुल, जिसके अवशेष पानी में डूबे रहते हैं, इस बार नदी के सूखने के कारण देखे जा सकते हैं. यह सूचना इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए उत्सुकतापूर्ण हो सकती है, किंतु पर्यावरण की दृष्टि से चिंताजनक है. यह अपवाद नहीं है. ‘पो’ (इटली की गंगा),आरनो, एनीऐन आदि नदियां भी सूखे का सामना कर रही हैं.

ग्लोबल वार्मिंग ने पैदा किया जीवन पर संकट
विष्णुगाड पीपलकोटी पनबिजली परियोजना से प्रभावित हाट गांव और वर्ल्ड बैंक
ग्रामीणजनों को विश्वबैंक से न्याय की उम्मीद है। हाट गांव के ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के कारण हाट गांव में स्थित पुरातन लक्ष्मी नारायण मंदिर बर्बाद हो जाएगा, जो कि एक ‘फिजिकल कल्चरल रिसोर्स’ है, और जिसपर ग्रामीणों की आजीविका टिकी हुई है। Posted on 31 Oct, 2023 05:01 PM

वर्ल्ड बैंक में शिकायत

उत्तराखंड के चमोली में भारत से जुड़ी एक ‘विष्णुगाड पीपलकोटी हाइड्रो पावर परियोजना’ मामले में, वर्ल्ड बैंक के इंस्पेक्शन पैनल ने 83 समुदायों की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए, उसे दर्ज कर लिया है। विश्वबैंक की टीम दौरा भी कर चुकी है। ग्रामीणजनों को विश्वबैंक से न्याय की उम्मीद है। हाट गांव के ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के कारण हाट गां

विष्णुगाड पीपलकोटी पनबिजली परियोजना, Pc-IWP
नौले-धारों और नदियों को 'सारा' से मिलेगा नया जीवन
वर्षा जल संरक्षण के लिए राज्य में सभी नौले, धारे और नदियों का मानचित्र बनाकर मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। नदियों की शुरुआत से अंत तक के पानी को संग्रहित करने के उपायों में हजारों चेकडैम और जल संरक्षण के पौधे शामिल होंगे Posted on 31 Oct, 2023 02:49 PM

केंद्र सरकार ने ‘कैच द रेन कार्यक्रम’ के जरिए जलस्रोतों को सुधारने का प्रयास किया है। इसी प्रकार, उत्तराखंड में भी धामी सरकार वर्षा के पानी को संचय करके नौले-धारे और नदियों को संरक्षित और संवारने का प्रोजेक्ट आरंभ करने की योजना बना रही है। सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में, स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी (सारा) की स्थापना को मंजूरी मिली, जो जलागम निदेशालय के तहत सोसायटी के रूप में पंजीकृ

नौले-धारे और नदियाँ
जलवायु परिवर्तन, गांधी और वैश्विक परिदृश्य
लालच, उपभोग और शोषण पर अंकुश होना चाहिए। विघटनरहित और टिकाऊ विकास का केंद्र बिंदु समाज की मौलिक जरूरतों को पूरा करना होना चाहिए। ऐसा सतत विकास के लिए गांधी जी के विचारों को पुन: समझना और लागू करना ही होगा। Posted on 31 Oct, 2023 12:48 PM

गांधीजी ने कहा था कि धरती सारे मनुष्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है, लेकिन किसी एक का भी लालच पूरा करने में वह असमर्थ है। जलवायु परिवर्तन या जलवायु विघटन के मूल में गांधी जी का यही विचार निहित है।

जलवायु परिवर्तन, गांधी और वैश्विक परिदृश्य
सुन्दरलाल बहुगुणा हिमालय-सा व्यक्तित्व था उनका
हिमालय में सक्रिय रहीं गांधीजी की शिष्या सरला बहन (जो अपने को विश्व नागरिक मानती थीं) की शिष्या विमला बहन के सुंदरलाल बहुगुणा के जीवन में आने के बाद इनके सोच- विचार और जीवन शैली में और भी प्रखरता आयी। विमला बहन ने जिस निष्ठा, भावना, समर्पण से जीवन भर साथ निभाया और उनका ध्यान रखा, ऐसे कम ही उदाहरण मिलते हैं। बहुगुणा जी के काम में विमला बहन का विशेष योगदान रहा Posted on 31 Oct, 2023 12:33 PM

पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के अनेक प्रेरणास्रोत रहे। उनके वनाधिकारी पिता अंबाप्रसाद बहुगुणा का देहावसान उनके बचपन में ही हो गया था। गंगा के प्रति अगाध श्रद्धा उन्हें पिता से विरासत में मिली। मां पूर्णा देवी ने कड़ी मेहनत करके परिवार का पालन-पोषण किया। हिम्मत रखने, कष्टमय जीवन से न घबराने और परिश्रम करने का संस्कार मां से मिला। गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी देव सुमन (सुमन जी के नाम से प्रसिद्

सुन्दरलाल बहुगुणा,Pc-IwpFlicker
जोशीमठ त्रासदी के लिए कौन हैं ज़िम्मेदार
जोशीमठ का भू-धंसाव हाल की सबसे बड़ी पर्यावरणीय दुर्घटनाओं में से एक है। भूगर्भ वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों की चेतावनियों को दरकिनार करके जोशीमठ को एक आधुनिक शहर बनाने की होड़ लगी हुई है। बीते कुछ वर्षों में यहाँ होटल्स, माल्स और सड़कों के अलावा अब चार लेन वाली चर्चित ऑल वेदर रोड का विकास हो रहा है, यह सब विशेषज्ञों की राय को कूड़ेदान में फेंक कर केवल अपनी जिद और सनक को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, इसी सनक ने इस त्रासदी को आमंत्रित ही किया है। Posted on 31 Oct, 2023 12:26 PM

जोशीमठ के बारे में जो खबरें आ रही हैं, वे न केवल एक पहाड़ी शहर के जमींदोज होते जाने की हौलनाक दास्तान बयान करती हैं, बल्कि चीन की सीमा के नजदीक होने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा की ओर से भी चिंतित करने वाली हैं। जोशीमठ में मकानों और सड़कों में दरार आने की खबर आज से नहीं, बल्कि पिछले दो साल से लगातार आ रही है, अलग बात है कि सरकार अब जागी है। समस्या है जोशीमठ की जमीन के निरंतर धंसते जाने की और यह गत

पहाड़ और जोशीमठ शहर की संरचना,Pc-सर्वोदय जगत 
दुनिया में फैशन का ब्रांड बन रही है खादी
दुनिया में सबसे टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कपड़ा होने के कारण दुनिया में खादी की मांग बढ़ती जा रही है। खादी डेनिम दुनिया में एकमात्र दस्तकारी डेनिम फैब्रिक है, जिसने देश और विदेश में व्यापक लोकप्रियता हासिल की है। कपड़े की बेहतर गुणवत्ता, आराम, जैविक और पर्यावरण के अनुकूल गुणों के कारण प्रमुख फैशन ब्रांडों में खादी डेनिम के प्रति आकर्षण बढ़ा रहा है। Posted on 31 Oct, 2023 11:51 AM

भारतीय फैशन में ब्रांड बन चुका खादी अब अन्य देशों में भी लोकप्रिय होता जा रहा है। अमेरिका के मशहूर फैशन ब्रांड पेटागोनिया ने अपने परिधानों में खादी डेनिम का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। इस कंपनी ने हाल ही में भारत से 1.08 करोड़ रुपये का करीब 30 हजार मीटर खादी डेनिम फैब्रिक खरीदा है।

दुनिया में फैशन का ब्रांड बन रही है खादी
प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों से जीवों पर पड़ने वाले प्रभाव (Harmful effects of the microplastic pollution in hindi)
प्लास्टिक के कणों का स्तर हमारी कल्पना से भी अधिक है। उन्होंने समझाया कि प्लास्टिक एक कृत्रिम पदार्थ है, जो समय के साथ अपनी नमी खोता है और छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखरता है। Posted on 30 Oct, 2023 03:49 PM

आज के इस आधुनिक युग में प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े जल,थल और नभ में इतना प्रसारित हो चुके हैं कि कोई भी जीव इनसे बचा नहीं है। यूरोप एक्वाकल्चर पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक हमारे द्वारा गरम पानी में डाले गए टी-बैग से भी ऐसे प्लास्टिक के कण हमारे शरीर में पहुंचकर रक्त में मिलते हैं।

प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों से जीवों पर पड़ने वाले प्रभाव
जलवायु परिवर्तन से वर्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव
उच्च गर्मी और आर्द्रता का संयोजन हमारे शरीर को ठंडा रखने वाले पसीने के तंत्र को प्रभावित कर सकता है। जब पसीना हमारी त्वचा से उड़ जाता है, तो हमारा शरीर शीतल होता है Posted on 30 Oct, 2023 02:18 PM

जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के स्वरूप में बदलाव हुआ है। इसका प्रभाव दिल्ली की हवा और तापमान पर भी पड़ा है। दिल्ली में नमी का स्तर बढ़ा है और तापमान में भी थोड़ा सा उतार-चढ़ाव हुआ है। इससे लोगों को परेशानी और असहनीयता का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि 2011 से अब तक महानगर के परिवेशी तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ है। यह बात एक हालिया अध्ययन से पता चली है।

जलवायु परिवर्तन से वर्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव
हम हिमालय की सुरक्षा क्यों नहीं कर पा रहे हैं
हम हिमालय की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं, जबकि हिमालय राष्ट्र की जीवनशक्ति है। सिंधु से लेकर ब्रह्मपुत्र तक नदियां हिमनदों से ही निकलती हैं और ये हिमनद ग्लोबल वार्मिंग तथा ग्रीन हाउस गैसों के प्रभाव से पिघलकर पीछे हटते जा रहे हैं। चिंतनशील भारतीय आज इसलिए स्तब्ध हैं कि आखिरकार वैज्ञानिकों की अनवरत चेतावनियाँ देने के बावजूद प्राकृतिक विनाश की प्रत्यक्ष क्षति देखते हुए भी हम हिमालय को अपने अवांछित निर्माण, खनन आदि गतिविधियों से अस्थिर क्यों कर रहे हैं? Posted on 30 Oct, 2023 12:26 PM

यह देखकर हम सभी स्तब्ध हैं कि भूकंप के प्रति संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में जानबूझकर एनटीपीसी द्वारा सुरंगों, मकानों और भारी भरकम बहुमंजिला होटलों का निर्माण क्यों हो रहा है? ब्यूरोक्रेसी भी जानबूझकर क्यों अनजान बन रही है?

हाइड्रो आधारित विद्युत परियोजनाएं,Pc-सर्वोदय जगत
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