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प्रदूषण से मौतों का आंकड़ा भयावह
मनुष्य दिन भर में जो कुछ लेता है उसका 80 प्रतिशत भाग वायु है। प्रति दिन मनुष्य 22000 बार सांस लेता है। इस प्रकार प्रत्येक दिन वह 16 किलोग्राम या 35 गैलन वायु ग्रहण करता है। वायु विभिन्न गैसों का मिश्रण होती है, जिसमें नाइट्रोजन की मात्रा सर्वाधिक 78 प्रतिशत) होती है, जबकि 21 प्रतिशत ऑक्सीजन और 003 प्रतिशत कार्बन डाईऑक्साइड होता है त Posted on 07 Nov, 2023 12:25 PM

घरेलू और बाहरी प्रदूषण से भारत में हर साल 24 लाख लोगों की मौत होती है, जो दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों का 30 प्रतिशत है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल अर्बन एयर पॉल्यूशन रिपोर्ट में 108 देशों के 4300 शहरों से पीएम 10 और पीएम 2.5 के महीन कणों का डाटा तैयार किया गया है। इसके मुताबिक 2016 में पूरी दुनिया में सिर्फ वायु प्रदूषण से 42 लाख लोगों को मौत हुई है। वहीं खाना बनाने, फ्यूल और घरेलू उपकरण

प्रदूषण से मौतों का आंकड़ा भयावह
गांगेय डाल्फिन के संरक्षण से बढ़ेगा गंगा का आकर्षण व जैव विविधता
बीबीएयू के इनवायरमेंट साइंस विभाग के प्रोफेसर डॉ. वेंकटेश दत्ता ने बताया कि डॉल्फिन गंगा बेसिन में पाए जाते हैं। यह विलुप्तप्राय जीव हैं। मछली नहीं मैमल्स है। यह मछलियों की तरह अंडा नहीं देती। किसी भी स्तनधारी की तरह बच्चे पैदा करती हैं। इनकी प्रजनन क्षमता कम होती है। तीन चार साल के अंतराल पर एक मादा एक या दो बच्चे ही देती है। Posted on 06 Nov, 2023 01:24 PM

उत्तर प्रदेश राज्य का जलीय जीव बनी डाल्फिन 

उत्तर प्रदेश में गांगेय डाल्फिन के संरक्षण की कवायद अब तेज हो गई है। इसी कारण चंद रोज पहले सरकार ने इसे राज्य का जलीय जीव घोषित कर दिया। नदी की जैव विविधता को बनाए रखने में इनकी अहम भूमिका होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घोषणा से लुप्तप्राय हो रहे इस स्तनधारी जीव (मैमल्स) के सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन पर फोकस ब

गांगेय डाल्फिन
नमामि गंगे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा शीर्ष 10 परियोजनाओं में रखने से जल विशेषज्ञ असहमत
संयुक्त राष्ट्र ने गंगा नदी को साफ करने के लिए नमामि गंगे परियोजना को दुनिया की दस अग्रणी पहलों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है, जो प्रकृति संरक्षण का काम कर रहे हैं। लेकिन जल विशेषज्ञ संयुक्त राष्ट्र की इस मान्यता से प्रभावित नहीं हैं, उनका कहना है कि एजेंसी ने इस परियोजना को इस सूची में रखने के लिए आवश्यक मानदंडों के बारे में विवरण नहीं दिया है। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि इस तरह की कई परियोजनाओं के बावजूद गंगा में पानी की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। Posted on 04 Nov, 2023 01:47 PM

संयुक्त राष्ट्र ने 13 दिसंबर को भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा का प्रदूषण साफ़ करने वाली भारत सरकार की नमामि गंगे परियोजना को दुनिया की दस ऐसी अग्रणी पहलों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है, जो प्रकृति के संरक्षण के काम में लगी हुई हैं।यह मान्यता ऐसे समय में आई है, जब पिछले कुछ वर्षों में किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि गंगा में पानी की गुणवत्ता अभी भी खराब है और इस मुद्दे से निपटने के लिए

नमामि गंगे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा शीर्ष 10 परियोजनाओं में रखने से जल विशेषज्ञ असहमत,Pc-सर्वोदय जगत
कृषि उद्यमिता, नेचुरल फार्मिंग, जल प्रबंधन का सशक्त मॉडल
विश्व युवक केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय शंकर सिंह द्वारा सभी लोगों के स्वागत के साथ की गई। पहले सत्र में अतिथियों ने महाराष्ट्र के वर्धा जिले में बजाज फाउंडेशन द्वारा की गई पहल के चलते किसानों की आय में बढ़ोतरी और जल प्रबंधन के मॉडल की सराहना की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे वर्धा के विधायक पंकज भोयर ने कहा कि देश में अगर खेती के क्षेत्र में परिवर्तन देखना हो तो महाराष्ट्र के वर्धा जिले के किसानों के खेतों में आएं Posted on 04 Nov, 2023 12:59 PM

बढ़ती हुई आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें खेती की उन्नत तकनीकी का उपयोग करते हुए कृषि एवं उस से जुड़े उत्पादकता की तरफ पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। खेती की लागत में कमी लाने में जितना मददगार उन्नत तकनीकी को माना जा सकता है, उतना ही जरूरी है खेती में उन्नत यंत्रों का प्रयोग।

कृषि उद्यमिता, नेचुरल फार्मिंग, जल प्रबंधन का सशक्त मॉडल
तो डूब जाएगा जकार्ता
मौसम में बदलाव हो रहा है। वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। इस के कारण ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं, जिन का पानी जा कर समुद्र में मिल रहा है। इस से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। अगर इसी रफ्तार से यह सब चलता रहा तो दुनिया के नक्शे से कई शहर मिट जाएंगे Posted on 03 Nov, 2023 03:39 PM

(जकार्ता इंडोनेशिया की राजधानी है, जहाँ लगभग एक करोड़ लोग रहते हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से एक है। इस शहर में रहने वालों के पैरों तले ज़मीन खिसक रही है। बीते दस सालों में यह शहर ढाई मीटर ज़मीन में समा गया है। लोगों के घरों में समुद्र का पानी घुसता चला जा रहा है। लेकिन दलदली ज़मीन पर बसे इस शहर पर बड़ी हाउसिंग और कमर्शियल काम्पलेक्स का निर्माण कार्य लगातार जारी है। इंडोनेशिया के वैज्

तो डूब जाएगा जकार्ता
उत्तरकाशी की लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना रद्द
प्रोफेसर जीडी अग्रवाल (स्वामी सानंद) के गंगा आंदोलन का उद्देश्य गंगा नदी को बांधने से बचाना और उसकी अविरल प्रवाह सुनिश्चित करना था। इस आंदोलन को संतों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने लंबे समय से नदी की रक्षा के लिए शुरू किया था। इसी तरह, पर्यावरणविद प्रोफेसर जी.डी. अग्रवाल ने हरिद्वार के मातृ सदन में भागीरथी नदी पर बन रही लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना के विरोध में अनशन किया था। इस आंदोलन को ऐतिहासिक सफलता मिली, जब केंद्र सरकार ने गोमुख से 50 किलोमीटर दूर लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना को रद्द करने का फैसला लिया था। Posted on 03 Nov, 2023 12:47 PM

(गंगा के संदर्भ में जून, 2008 में कानपुर आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर गरूदास अग्रवाल ने उत्तरकाशी और दिल्ली में आमरण अनशन किया था। उनके आंदोलन के चलते उत्तराखण्ड सरकार ने जून, 2008 में मनेरी भाली द्वितीय चरण एवं पाला मनेरी परियोजना को निलंबित करने के आदेश जारी किए। जनवरी, 2009 में प्रोफेसर अग्रवाल ने दुबारा अनशन पर बैठने व हिंदू संतों व संगठनों के आंदोलित हो जाने के कारण केंद्र सरकार ने लोहारीनाग प

उत्तरकाशी की लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना रद्द,PC-Wikipedia
चिपको आन्दोलन के पचास साल : एक थीं गौरा देवी (भाग 2)
गौरा देवी चिपको आन्दोलन की सर्वाधिक सुपरिचित महिला रहीं। इस पर भी उनकी पारिवारिक या गाँव की दिक्कतें घटी नहीं। चिपको को महिलाओं का आन्दोलन बताया गया पर यह केवल महिलाओं का कितना था ? अपनी ही संपदा से वंचित लोगों ने अपना प्राकृतिक अधिकार पाने के लिए चिपको आन्दोलन शुरू किया था। Posted on 02 Nov, 2023 05:06 PM

(पिछले भागों में आपने पढ़ा कि किस प्रकार शेखर पाठक जी अपने साथियों के साथ गौरा देवी से मिले और कैसे हुई चिपको की शुरुआत। आज जानिये चिपको आंदोलन के बाद के परिदृश्य के बारे में।)

अस्कोट-आराकोट अभियान 1984,फोटो साभार:-शेखर पाठक
चिपको आन्दोलन के पचास साल : एक थीं गौरा देवी (भाग 1)
अगली सुबह रैणी के पुरुष ही नहीं, गोविन्द सिंह रावत, चंडी प्रसाद भट्ट और हयात सिंह भी आ गये। रैणी की महिलाओं का मायका बच गया और प्रतिरोध की सौम्यता और गरिमा भी बनी रही। 27 मार्च 1974 को रैणी में सभा हुई, फिर 31 मार्च को इस बीच बारी-बारी से जंगल की निगरानी की गई। Posted on 02 Nov, 2023 03:35 PM

जनवरी 1974 में जब अस्कोट आराकोट अभियान की रूपरेखा तैयार हुई थी, तो हमारे मन में सबसे ज्यादा कौतूहल चिपको आन्दोलन और उसके कार्यकर्ताओं के बारे में जानने का था। 1973 के मध्य से जब अल्मोड़ा में विश्वविद्यालय स्थापना, पानी के संकट तथा जागेश्वर मूर्ति चोरी सम्बन्धी आन्दोलन चल रहे थे, गोपेश्वर, मंडल और फाटा की दिल्ली-लखनऊ के अखबारों के जरिये पहुँचने वाली खबरें छात्र युवाओं को आन्दोलित करती थीं लेकिन

गौरा देवी अस्कोट अभियन 84 के दौरान अपने घर में,फोटो साभार- शेखर पाठक
जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा का सवाल
विकासशील देशों को समुचित अनुकूलन प्रणाली विकसित कर जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी कृषि की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने की नीतियां एवं योजनाएं बनानी प्रांरभ कर देनी चाहिए। मुक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं बाजार के विस्तार के कारण महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक कृषि संसाधनों; जल, भूमि, मृदा, वन एवं जैव विविधता का ह्रास तथा तीव्र अवनयन हुआ है। फलस्वरूप विगत तीन दशकों में कृषि उत्पादकता में भारी गिरावट आयी है। Posted on 01 Nov, 2023 12:21 PM

विगत वर्षों में विश्व के विकसित एवं विकासशील देशों में औद्योगीकरण और जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ कृषि भूमि का विस्तार हुआ है। साथ ही जहां एक ओर शहरीकरण तथा यातायात के साधनों में वृद्धि के कारण सकल कृषि क्षेत्र में कमी आयी है, वहीं दूसरी ओर विकासोन्मुख देशों में अब कृषि योग्य भूमि के विस्तार की संभावनाएं बहुत ही सीमित हो गयी हैं। तीव्र गति से आगे बढ़ती हुई मुक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं बाजार के

जलवायु परिवर्तन : संकट में कृषि, संकट में जीवन,Pc-सर्वोदय जगत
पहाड़ विध्वंस और गंगाविलास
आज उत्तराखण्ड और केन्द्र, दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। भाजपा आज भी खुद को हिंदू संस्कृति का पोषक बताते नहीं थकती है। आज कोई हिंदू संगठन नहीं कह रहा है कि जोशीमठ का धारी देवी मन्दिर हो या गंगा; आस्थावानों के लिए दोनों तीर्थ हैं। गंगा स्नान, संयम, शुद्धि और मुक्ति का पथ है। गंगा विलास काम, भोग और धनलिप्सा का यात्री बनाने आया है। गंगा हमारी पूज्या हैं। हम पहाड़ों के विध्वंस और गंगा पर भोग-विलास की इजाज़त नहीं दे सकते। यह हमारी आस्था के साथ कुठाराघात है।
Posted on 01 Nov, 2023 11:56 AM

16 जून, 2013 को केदारनाथ जल प्रलय आई। उससे पहले शिलारूपिणी परमपूज्या धारी देवी को विस्थापित किया गया। ऐसा श्रीनगर, गढ़वाल की एक विद्युत परियोजना को चलाते रहने की जिद्द के कारण किया गया था। भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने इसे धारी देवी का तिरस्कार माना था। इस तिरस्कार को केदारनाथ प्रलय का कारण बताते हुए उन्होंने संसद में स्कन्द्पुरण के एक श्लोक का उल्लेख किया था:

गंगाविलास क्रूज,Pc-सर्वोदय जगत
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