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समाचार और आलेख
पारंपरिक धोबियों के बजाय माइक्रोलॉन्ड्री का जोर पकड़ रहा चलन
Posted on 18 Jan, 2024 12:37 PMविराग (नाम बदला हुआ) एक प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर कंपनी में बेंगलुरु में काम करते थे, लेकिन इस साल उन्हें नोएडा जाना पड़ा। उनका दफ्तर बहुत दूर था, इसलिए उन्हें कपड़ों को धुलाने और धोने का समय नहीं मिलता था। उन्हें धोबी के द्वारा धुले कपड़ों की सफाई भी अच्छी नहीं लगती थी। लेकिन लॉन्ड्री स्टार्टअप कंपनियों के नजदीक के स्टोर ने उनकी यह समस्या हल कर दी। विराग का कहना है कि ये स्टार्टअप धोबियों से ज्यादा प
तीखी हरी मीर्च ने लाया महिलाओ के जीवन में मिठास
Posted on 17 Jan, 2024 04:00 PMक्या आपने कभी सुना है कि हरी मिर्च मीठी हो सकती है?
जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार पर अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' जारी
Posted on 17 Jan, 2024 03:43 PM- जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार का एक अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' रिपोर्ट जारी
- जल जीवन मिशन (जेजेएम) स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम), अटल भूजल योजना आदि जल आधारित योजनाओं के तहत 4.5 लाख करोड़ के संसाधन निर्माण के लिए प्रबंधन के लिए कुशल-श्रमशक्ति सृजन की जरूरत पर बल
- एक दर्जन से ज्यादा संगठनों ने देश में पानी-प्रबंधन योजनाओं से किए जा रहे रोजगार सृजन की अभूतपूर्व सं
जलवायु वित्त क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों है
Posted on 17 Jan, 2024 11:27 AMजलवायु परिवर्तन वार्ताओं में विकसित और विकासशील देशों के बीच विश्वास बनाए रखने के लिए जलवायु वित्त (Climate Finance) महत्वपूर्ण है जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) के दुबई में आहूत 'कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज' (COP 28) में जलवायु वित्त का एक प्रमुख मुद्दा बनने की उम्मीद की जा रही है. जलवायु वित्त-जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय के अनुसार, जलवायु वित्त
वर्षा जल संरक्षण का महत्व एवं विधियां | Importance and methods of rain water conservation
Posted on 16 Jan, 2024 01:50 PMजल ही जीवन है साथ ही अमुल्य धरोहर । जलसंख्या के वृध्दि से कृषि पशुपालन उद्योग धन्धो एवं पीने के पानी की मांग भी बढ़ रही है। इसके साथ ही वन क्षेत्र कम हो रहे हैं जिसके परिणाम स्वरुप बरसात ka पानी रुककर धरती में समा नहीं पाता फलस्वरुप धरती का जलस्तर 1 से 1.5 मी.
जल संरक्षण क्या है
Posted on 15 Jan, 2024 03:30 PMभारतीय समाज लंबे समय से अनेक विधियों से वर्षाजल संचयन करते आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत वर्षा जल संचयन स्थानिक परिस्थितियों के अनुसार सतही जलाशयों, जैसे- झीलों, तालाबों,सिंचाई तालाबों आदि में किया जाता है। राजस्थान में वर्षा जल संचयन ढाँचे जिन्हें कुंड अथवा टाँका; एक ढका हुआ भूमिगत टंकी के नाम से जानी जाती है जिनका निर्माण घर अथवा गाँव के पास या घर में संग्रहित वर्षा जल को एकत्र कर
जलवायु विविधता और परिवर्तन
Posted on 15 Jan, 2024 01:50 PMभारत की जलवायु में बहुत विविधता और भिन्नता पाई जाती है जैसे कि- उष्णकटिबंधीय प्रकार से लेकर महासागरीय प्रकार तक, अत्यधिक शीत से लेकर अत्यधिक उष्ण तक, अत्यंत शुष्क से लेकर नगण्य वर्षा तक तथा अत्यधिक आर्द्रता से लेकर मूसलाधार वर्षा तक। इसलिए जलवायु को देश की परिस्थिति को ध्यान में रखकर पंद्रह कृषि क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। भारत में तापमान में भी विविधिता दिखाई पड़ती है, जलवायु परिवर्तन क
जल संसाधन का अर्थ और प्रकार
Posted on 13 Jan, 2024 04:07 PMसतही जल संसाधन
सभी प्रकार के जल संसाधनों का उद्गम वर्षा अथवा हिमपात है। सतही जल के चार मुख्य स्रोत हैंः नदियाँ, झीलें, ताल तलैया और तालाब। इनमें से नदी सतही जल का मुख्य स्रोत है। नदी में जल प्रवाह इसके जल ग्रहण क्षेत्र के आकृति और आकार अथवा नदी बेसिन और इस जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है। भारत के पर्वतों पर जमा हिम पिघलकर गर्मियों के दिनों में
जल जीवन मिशन के तहत 14 करोड़ परिवारों को मिला लाभ
Posted on 13 Jan, 2024 02:10 PMजलजीवन मिशन (जेजेएम-JJM) ने 14.5 करोड़ (72.71 फीसदी) ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदान करने को महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई भारत सरकार की इस प्रमुख पहल ने बेमिसाल गति और पैमाने का प्रदर्शन करते हुए केवल चार वर्षों में ग्रामीण नल कनेक्शन कवरेज को आश्चर्यजनक रूप से तीन करोड़ से बढ़ाकर 14 करोड़ कर दिया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि
बेहता नदी में जहरीले पानी से मरीं मछलियां, गोमती खतरे में
Posted on 13 Jan, 2024 01:27 PMबेहता नदी में केमिकल युक्त पानी मछलियों के लिए काल बन गया है। शनिवार को हजारों मृत मछलियां पानी में उत्तराती दिखीं। यही नहीं, कुछ तो पानी में बहकर नदी के किनारे पर भी आ गई हैं। केमिकल युक्त पानी ने नदी के जल को काला कर दिया है और उससे बदबू भी आ रही है। इससे ग्रामीण आक्रोशित हैं और उनका कहना है कि दूषित पानी संडीला की किसी फैक्ट्री से छोड़ा गया है। यह मनमानी आगे और मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्य