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समाचार और आलेख
वर्षा जल संरक्षण का महत्व एवं विधियां | Importance and methods of rain water conservation
Posted on 16 Jan, 2024 01:50 PMजल ही जीवन है साथ ही अमुल्य धरोहर । जलसंख्या के वृध्दि से कृषि पशुपालन उद्योग धन्धो एवं पीने के पानी की मांग भी बढ़ रही है। इसके साथ ही वन क्षेत्र कम हो रहे हैं जिसके परिणाम स्वरुप बरसात ka पानी रुककर धरती में समा नहीं पाता फलस्वरुप धरती का जलस्तर 1 से 1.5 मी.
![वर्षा जल संरक्षण का महत्व एवं विधियां](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Varsha%20jal%20sanchey%29_0.jpeg?itok=JbrCgW9q)
जल संरक्षण क्या है
Posted on 15 Jan, 2024 03:30 PMभारतीय समाज लंबे समय से अनेक विधियों से वर्षाजल संचयन करते आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत वर्षा जल संचयन स्थानिक परिस्थितियों के अनुसार सतही जलाशयों, जैसे- झीलों, तालाबों,सिंचाई तालाबों आदि में किया जाता है। राजस्थान में वर्षा जल संचयन ढाँचे जिन्हें कुंड अथवा टाँका; एक ढका हुआ भूमिगत टंकी के नाम से जानी जाती है जिनका निर्माण घर अथवा गाँव के पास या घर में संग्रहित वर्षा जल को एकत्र कर
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जलवायु विविधता और परिवर्तन
Posted on 15 Jan, 2024 01:50 PMभारत की जलवायु में बहुत विविधता और भिन्नता पाई जाती है जैसे कि- उष्णकटिबंधीय प्रकार से लेकर महासागरीय प्रकार तक, अत्यधिक शीत से लेकर अत्यधिक उष्ण तक, अत्यंत शुष्क से लेकर नगण्य वर्षा तक तथा अत्यधिक आर्द्रता से लेकर मूसलाधार वर्षा तक। इसलिए जलवायु को देश की परिस्थिति को ध्यान में रखकर पंद्रह कृषि क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। भारत में तापमान में भी विविधिता दिखाई पड़ती है, जलवायु परिवर्तन क
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जल संसाधन का अर्थ और प्रकार
Posted on 13 Jan, 2024 04:07 PMसतही जल संसाधन
सभी प्रकार के जल संसाधनों का उद्गम वर्षा अथवा हिमपात है। सतही जल के चार मुख्य स्रोत हैंः नदियाँ, झीलें, ताल तलैया और तालाब। इनमें से नदी सतही जल का मुख्य स्रोत है। नदी में जल प्रवाह इसके जल ग्रहण क्षेत्र के आकृति और आकार अथवा नदी बेसिन और इस जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है। भारत के पर्वतों पर जमा हिम पिघलकर गर्मियों के दिनों में
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जल जीवन मिशन के तहत 14 करोड़ परिवारों को मिला लाभ
Posted on 13 Jan, 2024 02:10 PMजलजीवन मिशन (जेजेएम-JJM) ने 14.5 करोड़ (72.71 फीसदी) ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदान करने को महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई भारत सरकार की इस प्रमुख पहल ने बेमिसाल गति और पैमाने का प्रदर्शन करते हुए केवल चार वर्षों में ग्रामीण नल कनेक्शन कवरेज को आश्चर्यजनक रूप से तीन करोड़ से बढ़ाकर 14 करोड़ कर दिया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि
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बेहता नदी में जहरीले पानी से मरीं मछलियां, गोमती खतरे में
Posted on 13 Jan, 2024 01:27 PMबेहता नदी में केमिकल युक्त पानी मछलियों के लिए काल बन गया है। शनिवार को हजारों मृत मछलियां पानी में उत्तराती दिखीं। यही नहीं, कुछ तो पानी में बहकर नदी के किनारे पर भी आ गई हैं। केमिकल युक्त पानी ने नदी के जल को काला कर दिया है और उससे बदबू भी आ रही है। इससे ग्रामीण आक्रोशित हैं और उनका कहना है कि दूषित पानी संडीला की किसी फैक्ट्री से छोड़ा गया है। यह मनमानी आगे और मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्य
![बेहता नदी में जहरीले पानी से मरीं मछलियां, गोमती खतरे में](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/fishes%20die%20in%20behata%20river%20.jpeg?itok=eRWaaLqZ)
पर्वतीय क्षेत्रों में कम लागत तकनीक द्वारा वर्षा जल संग्रहण
Posted on 10 Jan, 2024 01:37 PMखाद्य संकट से छुटकारा एवं स्थिर आर्थिक विकास के लिये जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। ज्ञातव्य है कि कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक जल का उपयोग किया जाता है लेकिन निकट भविष्य में इस दशक के अंत तक इसमें प्रयोग होने वाले जल की कुल मात्रा में से 10-15 प्रतिशत की कमी होने की सम्भावना जताई जा रही है। सिंचाई के स्थिर एवं यथाक्रम विकास के साथ- साथ भारतवर्ष में विकास की विभिन्न योजनाओं के द्वारा सम्भा
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शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण की विभिन्न तकनीकें
Posted on 09 Jan, 2024 12:16 PMचित्र-4: वर्षा जल का भंडारण करके सिंचाई, पेयजल तथा मछलीपालन हेतु निर्मित प्रक्षेत्र तालाब।चित्र-4: वर्षा जल का भंडारण करके सिंचाई, पेयजल तथा मछलीपालन हेतु निर्मित प्रक्षेत्र तालाब।पानी मानव जीवन की पहली जरूरत है- फिर वह चाहे स्वास्थ्य और जीवित रहने के लिये हो या फिर खाद्य उत्पादन और दूसरी आर्थिक गतिविधियों के लिये। बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्यान्न आपूर्ति व तेजी से हो रहे औद्योगिक विकास के कारण
![शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण की विभिन्न तकनीकें](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/Varsha%20jal%20sanchey%29.jpeg?itok=ogNzP5Cm)
पुनर्जीवित होती 'एक नदी' | River rejuvenation
Posted on 08 Jan, 2024 01:23 PMहमारे देश में एनजीओ और आम जनता द्वारा छोटी-छोटी नदियों को बचाने के प्रयास बहुत कम हुए हैं। इस वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर ऐसे प्रयासों की चर्चा हमें एक प्रेरणा दे सकती है। दरअसल नदियों के किनारे अनेक सभ्यताएं विकसित हुई है। नदियां जहां एक और हमारी आस्था से जुड़ी हुई हैं वहीं दूसरी ओर हमारी अनेक मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पुराने जमाने
![पुनर्जीवित होती 'एक नदी'](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-01/kali%20river.png?itok=Wd_wVJTX)
अंतर्निहित है जल और जलवायु रिश्ता
Posted on 08 Jan, 2024 12:57 PMमानव जाति सबसे खराब कोविड-19 तबाही का सामना कर रही है, जो प्रथम दृष्टया स्वयं की मूढ़ता से तैयार हुआ और अब हर देश इससे निपटने के लिए अपने संबंधित कौशल का इस्तेमाल कर रहा है। अब तक भारत ने इससे निपटने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। लेकिन यहां पर लंबे समय के लिए जल की कमी और वैश्विक जलवायु परिवर्तन की ज्यादा गंभीर चुनौतियां हैं। पानी की बढ़ती मांग ने भूजल पंपिंग के उपयोग को बढ़ा दिया है। 2 करोड
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