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नैनीताल उत्तराखण्ड के लिए एक धरोहर के रूप में
जाने उत्तराखण्ड का खूबसूरत शहर नैनीताल के भूगोल, पेड़-पौधे ,वनस्पति और वन्य जीव एवं जंतु के बारे में
Posted on 01 Mar, 2024 12:16 PM

नैनीताल की झील बाहरी हिमालय में मेन बाउन्ड्री थ्रस्ट के करीब स्थित प्रकृति की दुर्लभ रचना है। सात ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे नैनीताल की भू-आकृति कटोरानुमा है। नैनीताल, पट्टी / परगना छःखाता के अन्तर्गत आता है। छःखाता शब्द संस्कृत का अपभ्रंश है। छःखाता का भावार्थ है- 60 झीलों वाला क्षेत्र। जिसमें से नैनीताल, भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल, मलुवाताल, खुर्पाताल, सरियाताल और बरसाती झील सूखाताल आदि श

नैनीताल उत्तराखण्ड के लिए एक धरोहर के रूप में
ऊपरी प्रवाह-क्षेत्र में गंगा का स्वरूप
जानिए ऊपरी प्रवाह-क्षेत्र में गंगा का स्वरूप पुनर्निर्मित होने के बजाए जलऊर्जा परियोजनाएं पुनर्निर्मित क्यों हो Posted on 29 Feb, 2024 12:04 PM

बांधयुक्त और सूखी है गंगा यहाँ। क्या यहां प्राकृतिक प्रवाह की एक नीति होनी चाहिए, जो यह तय करे कि नदी का स्वरूप पुनर्निर्मित होने के बजाए जलऊर्जा परियोजनाएं पुनर्निर्मित हों? गंगा अपने ऊपरी प्रवाह क्षेत्र में (उत्तराखंड राज्य में), अभियांत्रिकी के खेल का मैदान बन गई है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) तथा उत्तराखंड बिजली विभाग ने नदी की जलऊर्जा संभावना का अनुमान लगभग 9,000 मेगावाट लगाया है

ऊपरी प्रवाह-क्षेत्र में गंगा का स्वरूप
गंगा नदी : प्रदूषण के क्या समाधान हैं, हमें क्या करना होगा
जाने गंगा नदी में प्रदूषण के क्या समाधान हैं, और हमें ऐसा क्या करना होगा Posted on 28 Feb, 2024 04:42 PM

इसका जवाब है घुलाव (डायल्युशन) और प्राकृतिक प्रवाह (इकोलोजिकल फ्लो)। इसका जवाब यह भी है कि जलमल का प्रबंधन कैसे किया जाए। और उद्यौगिक प्रदूषण का नियंत्रण कैसे हो

गंगा नदी : प्रदूषण के क्या समाधान हैं, हमें क्या करना होगा
गंगा नदी : औद्योगिक प्रदूषण की समस्याएं और समाधान
जाने बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण की समस्याओं से निटपने के लिए यह समाधान कितने कारगर है Posted on 28 Feb, 2024 03:53 PM

मुख्य गंगा में औद्योगिक प्रदूषण का छोड़ा जाना हमेशा से चिंता और तवज्जो का मुद्दा रहा है, किंतु बिना अधिक सफलता के समस्या यह है कि बहुत से उद्योग जो गंगा में हानिकारक रासायनिक प्रदूषक तत्व प्रवाहित करते हैं, लघु-स्तरीय हैं, और उनके लिए ट्रीटमेंट की तकनीक नाकाफी तथा अवहनीय है।

औद्योगिक प्रदूषण की समस्याएं और समाधान
गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कार्य योजना
जानिए गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कौन कौन सी कार्य योजना है Posted on 28 Feb, 2024 01:31 PM

गंगाः नदी का प्रवाह

पांच राज्यों से होकर बहने वाली गंगा के प्रवाह क्षेत्र में देश का लगभग 26 प्रतिशत भूभाग आता है। इसकी सफाई पर अकूत धन खर्च करने के बावजूद यह नदी आज भी प्रदूषित है। इससे भी बुरी बात यह है कि प्रदूषण अब उन हिस्सों में भी पाया जा रहा है जो पहले साफ माने जाते थे।

गंगा नदी में प्रदूषण और उसकी सफाई के लिए संभावित कार्य योजना
गंगा व सोन समेत 22 नदियों का पानी नहाने के लायक नहीं
जाने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि पूर्वी चंपारण से गुजरने वाली सिरसिया नदी सूबे में सबसे अधिक प्रदूषित है



Posted on 27 Feb, 2024 06:06 PM

सूबे को 22 नदियां जीवनदायिनी की बजाए बीमारी का मुख्य स्रोत बनती जा रही है। सूबे की जीवनरेखा कही जाने वाली नदियां राज्य को आधे से अधिक आबादी को प्रभाषित कर रही है। जाने-अनजाने में लोग आस्था के नाम पर नदियों के पानी उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की संभावना प्रबल हो गई है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद् ने वर्ष 2023- 24 की वार्षिक रिपोर्ट में यह खुलास हुआ है। र

गंगा व सोन समेत 22 नदियों का पानी नहाने के लायक नहीं
गंगा में उड़ेली जा रही गंदगी पर एनजीटी सख्त
जानिये एनजीटी ने उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों और विभाग प्रमुखों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करके दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया निस्तारण क्षमता कमी Posted on 27 Feb, 2024 01:23 PM

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) भारत में एक स्वतंत्र न्यायिक निकाय है जिसे विशेष रूप से पर्यावरणीय मुद्दों और विवादों को संबोधित करने के लिए स्थापित किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तराखंड समेत कई राज्यों में गंगा नदी के प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है। विशेष रूप से, एनजीटी ने गंगा में अनुपचारित सीवेज के निर्वहन को रोकने में निष्क्रियता के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्

नदियों में गंदगी का निरंतर प्रवाह
हरे-भरे गांव में फैल रही गंदगी
जाने क्यों उत्तराखंड के हरे भरे गावों में गंदगी का अम्बार लग रहा है Posted on 27 Feb, 2024 01:11 PM

"लोग कचरे को गधेरों (नहर) में फेंक देते हैं और फिर उस कचरे को कुत्ते घरों में लेकर आते हैं. कई बार तो इस्तेमाल किये गए पैड को भी गधेरों में फेंका जाता है. जिससे बहुत ज्यादा दुर्गंध आती है. कुत्ते कचरे के साथ उस पैड को भी इधर उधर फैला देते हैं अथवा घरों में ले आते हैं. जिससे बहुत ज्यादा मच्छर और दुर्गंध फैलती है." यह कहना है 45 वर्षीय कलावती देवी का.

हरे-भरे गांव में फैल रही गंदगी,फोटो-चरखा फीचर
विकसित भारत के लिए भंडारण अवसंरचना के साथ सतत खाद्य प्रणालियों को आकार देना जरूरी
जाने विकसित भारत के लिए एक अनुकूल भंडारण अवसंरचना खाद्य प्रणालियों को आकार देना क्यों जरूरी हो गया है Posted on 24 Feb, 2024 02:07 PM

एक अनुकूल भंडारण अवसंरचना कृषि खाद्य प्रणालियों की निरंतरता की कुंजी है जिससे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास लक्ष्यों के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होगी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र-विकसित भारत बनने की राह पर है। अनुमान है कि 2047 तक भारत की जनसंख्या 1.64 बिलियन होगी, जिसमें से लगभग 0.82 बिलियन

विकसित भारत के लिए भंडारण अवसंरचना के साथ सतत खाद्य प्रणालियों को आकार देना जरूरी
साम्राज्यवाद और प्राकृतिक संसाधन
दुनिया के ज़्यादातर विकसित देश, अनेकानेक प्राथमिक संसाधनों और उत्पादों के लिए, जिनमें खनिज संसाधन तथा कृषि उत्पाद, दोनों ही आते हैं, अपने से "बाहर की दुनिया" (अधिकतर आज की दुनिया के गरीब देशों पर बहुत ही ज़्यादा निर्भर बने हुए हैं। Posted on 24 Feb, 2024 12:42 PM

इस दुनिया में विभिन्न देशों के बीच, उनके 'विकास' के स्तर और उनके पास प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी के स्तर के बीच, बहुत भारी असंतुलन है। सबसे विकसित देशों के समूह, जी-7 को ही ले लीजिए जिसमें अमेरिका, यूके, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान तथा कनाडा शामिल हैं। इस ग्रुप में दुनिया की कुल आबादी का सिर्फ 10 फीसद हिस्सा रहता है, लेकिन 2020 में दुनिया भर की कुल संपदा का आधे से ज्यादा हिस्सा, इसी ग्रुप के

साम्राज्यवाद और प्राकृतिक संसाधन
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