यूरोप तोड़ रहा बांध, नदियों में लौटीं विलुप्त मछलियां, पनपे पौधे

यूरोप तोड़ रहा बांध, नदियों में लौटीं विलुप्त मछलियां, पनपे पौधे
यूरोप तोड़ रहा बांध, नदियों में लौटीं विलुप्त मछलियां, पनपे पौधे

यूरोप में नदियों की अविरल धारा के लिए मुहिम चल रही है। साल 2016 से ही बांध तोड़े जा रहे हैं। 2022 में ही यूरोपीय नदियों पर बने 325 बांध तोड़ दिए गए, जो 2021 से 36% ज्यादा है। खास बात यह है कि जिन नदियों पर बांध तोड़े गए वहां का जलीय जीवन बदलने लगा है। फिनलैंड हितोलांजोकी नदी में सोलोमन जैसी मछलियां नजर आने लगीं, जो साला पहले यहां खत्म हो चुकी थीं। फिनलैंड की नैचुरल रिसोर्स इंस्टीट्यूट की इकोलॉजिस्ट पॉलिना लौही कहती हैं- मछलियों का लौटना इस बात की निशानी है कि नदी का इकोसिस्टम खुद को ठीक कर रहा है। स्थानीय पौधे दोबारा उगने लगे हैं। दरअसल 1911 से 1925 तक नदी पर 3 बड़े बांध बने और नदी का प्रवाह रूक गया। नतीजतन रूस की झील से फिनलैंड की यात्रा करने वाली सोलोमन और ब्राउन टाउट जैसी मछलियों का सफर खत्म हो गया और धीरे-धीरे वे भी।

यूरोप में करीब 1.50 लाख बांध काम नहीं कर रहे, लेकिन रखरखाव का खर्च बहुत ज्यादा है। इसलिए उन्हें तोड़ा जा रहा है। दूसरी वजह प्राकृतिक है। पर्यावरण परिवर्तन कम करने के लिए नदियों को उनके नैसर्गिक पर्यावरण में रहने देने की कोशिश कर रहे हैं।

अमेरिका भी हटा रहा बांध

हरियाली बढ़ रही - यूरोप से पहले अमेरिका ने अपनी नदियों से बांध हटाने की शुरुआत की। यहां 92,000 बांधों की औसत उम्र 62 साल है। अमेरिका ने अब तक 2000 से ज्यादा बांध तोड़ दिए। जिन नदियों के बांध तोड़े गए वहां का पर्यावरण तेजी से बदलने लगा और नदी अपने पुराने स्वरूप में आने लगी। आसपास की हरियाली भी बढ़ी।

स्रोत - एजेंसी | हेलेंस्की

Path Alias

/articles/europe-tode-raha-bandh-nadiya-mein-lauti-vilplut-machaliya-panpe-paudhe

Post By: Shivendra
×