फैजाबाद जिला

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नहर के अंतिम छोर पर सिंचाई जल की कम उपलब्धता की स्थिति में अरहर के साथ उड़द / धान की उन्नत खेती
पूर्वी उत्तरप्रदेश में किसान प्रायः धान-गेहूँ फसल चक्र को अपनाते है लेकिन नहर के अंतिम छोर पर सिंचाई जल की कम उपलब्धता के कारण कृषकों को पारंपरिक फसलोत्पादन से समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। इस क्षेत्र की शारदा सहायक नहरी कमांड की चाँदपुर रजबहा एवं उसकी छ अल्पिकाओं के अधीन कुल 4551 कृषि क्षेत्र फल/ हेक्टेयर आता है जिसका मात्र 27.7 प्रतिशत क्षेत्रफल ही इस उपलब्ध जल से सिंचित हो पाता है जिसका अधिकांश भाग अल्पिकाओं के शीर्ष एवं मध्यम छोर तक ही सीमित होता है Posted on 08 Jun, 2023 05:45 PM

प्रस्तावना

यह सर्वविदित है कि जिस प्रकार से मनुष्य को अपनी शारीरिक आवश्यकता के हेतु जल की आवश्यकता पड़ती है वैसे ही पौधों को भी अपनी जरूरतें पूरी करने के लिये जल की आवश्यकता पड़ती है। पौधों के लिये कई प्रकार के खनिज तत्व एवं रासायनिक यौगिक मृदा में मौजूद रहते हैं। लेकिन पौधे उन्हें ठीक तरह से ग्रहण नहीं कर सकते हैं मृदा में उपस्थित जल इन तत्वों को घोल कर जड़ों

नहर के अंतिम छोर पर सिंचाई,Pc-MID
वर्षा जल संचयन एवं इसका बहुआयामी उपयोग तथा प्रबंधन
जल हमारे जीवन का बहुत ही महत्त्वपूर्ण भाग है। जल के बिना जीवन निर्वाह संभव नहीं है। जल की आवश्यकता जितनी मानव के लिए आवश्यक है उतनी ही पौधों के लिए भी आवश्यक है। फसलों एवं पौधों का लगभग 70-90 प्रतिशत भाग जल का ही बना होता है। पौधे सदैव अपना भोजन मृदा से घोल के रूप में जल के माध्यम से ही लेते हैं या ग्रहण करते हैं। Posted on 19 May, 2023 11:34 AM
प्रस्तावना

कृषि उत्पादन में जल की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सिंचित स्थिति की तुलना में असिंचित स्थिति में उगाई गई फसलों की पैदावार लगभग आधी ही प्राप्त होती है जिससे किसानों को कृषि में भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। देश के उत्तरप्रदेश राज्य में औसतन वर्षा लगभग 1000 मिलीमीटर ही प्राप्त होती हैं जिसका अधिकांश भाग भूमि की ऊपरी सतह से बहकर नदी एवं नालों

वर्षा जल संचयन एवं इसका बहुआयामी उपयोग तथा प्रबंधन,PC-MONCHASHA
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