प्रयागराज जिला

Term Path Alias

/regions/allahabad-district

वृक्ष विछोह : एक सामाजिक समस्या
Posted on 05 Dec, 2016 12:15 PM
आमने-सामने दो बड़े-बड़े बंगले हैं। लेकिन मुझे इन्हें 'घर' कहना अच्छा लगता है। मेरी समझ से घरौंदे से ही घर का स्वरूप आया होगा। 'घर' दो शब्द है 'घ' और 'र'। उसी तरह पति-पत्नी एक पुरुष, एक नारी, दोनों होते हैं एक। दोनों के सहयोग से ही बनता है एक घर। और इसी श्रेणी में आमने-सामने के दोनों 'घर' आते हैं। दोनों परिवारों ने बड़े प्रेम-सहयोग से एक साथ आमने-सामने घर बनवाया था। बीच में मात्र सड़क, आपस में अच
मृदा का धात्विक प्रदूषण और उपचार (Metallic pollution and treatment)
Posted on 05 Dec, 2016 12:09 PM

वाहित मल जल को कृत्रिम जलाशयों में रोककर उसमें शैवालों और जलकुम्भी जैसे जलीय पौधों को उगा

भारतीय कृषि में सोयाबीन
Posted on 05 Dec, 2016 11:58 AM
सोयाबीन एक दलहनी फसल है। इसे जादुई फसल भी कहते हैं। यह बहुत ही पुरानी फसलों में से एक है। इसके खेती का प्रमाण कई सौ साल पहले चीन में हुआ था। ऐसा लोगों का विश्वास है कि समुद्र और भूमि विस्तार के साथ सोयाबीन का आगमन, चीन के पड़ोसी देशों एवं भारत में हुआ था। आज के वर्तमान समय में सोयाबीन चीन, मन्चुरिया, जापान, कोरिया और मलेशिया का महत्त्वपूर्ण फसल हो गया है।
भारत में मलेरिया नियंत्रण : चुनौतियाँ एवं संभावनाएं
Posted on 04 Dec, 2016 04:52 PM
मलेरिया मानव सभ्यता के प्राचीनतम रोगों में से एक है जिसका उल्लेख 1600 ईसा पूर्व वैदिक लेखों में भी किया गया है। हिप्पोक्रेट्स द्वारा 2500 वर्ष पूर्व एवं 500 ईसा पूर्व आर्यन सर्जरी के संस्थापक चरक एवं सुश्रुत द्वारा भी इसका उल्लेख किया गया है। ऐतिहासिक दृष्टि से मलेरिया द्वारा युद्ध एवं शांति में भी अहम भूमिका निभाई गई है। मलेरिया के द्वारा ग्रीस की वैभवता, रोमन साम्राज्य का पतन, इजिप्शियन सभ
प्रोटिओमिक्स : प्रोटीन अध्ययन के परिपेक्ष्य में एक महत्त्वपूर्ण तकनीक
Posted on 04 Dec, 2016 03:24 PM
मानव समाज में सदैव से प्रकृति के रहस्यों को जानने एवं समझने की इच्छा रही है और मानव की इसी रुचि ने विज्ञान के नये-नये आयाम खोले हैं। मानव, विज्ञान के माध्यम से सदैव सूक्ष्म से लेकर दीर्घाकाय तथा जटिल जीवों के आंतरिक तथा बाहरी संरचनात्मक गुणों को जानने की कोशिश करता आ रहा है। मानव के इन जिज्ञासु गुणों के कारण विज्ञान की विभिन्न शाखाओं का जन्म हुआ। विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में एक शाखा प्रोटिओ
प्रकृति में छिपा है संवेदनशीलता का मर्म
Posted on 04 Dec, 2016 03:12 PM
सभ्यता की दौड़ में भौतिक साधनों को जुटाने की होड़ आज संपूर्ण मानव जाति को इस कदर उलझाये हुए है कि हम अपने आस-पास के वातावरण, अपने परिवेश से पहले की तरह ही घिरे होने के बावजूद उससे पूरी तरह निष्प्रभावित हैं। हमारे अंदर की संवेदनशीलता मरती जा रही है और हम भावनाओं की पूरी तौर पर उपेक्षा कर सिर्फ एक यंत्र की तरह जी रहे हैं। यदि ध्यानपूर्वक देखा जाए और जीव जंतुओं के संसार के दूसरे सदस्यों की चर्चा
पर्यावरण एवं वनवासी जीवन
Posted on 04 Dec, 2016 03:07 PM
भारत का अधिकांश भाग जंगलों से आच्छादित रहा है। यहाँ की आदिवासी जन-जातियों का मुख्य रूप से निवास गिरि कंदराओं तथा दुर्गम पहाड़ियों के मध्य होता था। जन-जातियाँ देश के कई राज्यों में छिटपुट मिलती हैं। विशेषतौर पर पहाड़ी स्थानों में इनकी बस्तियाँ रही हैं। उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड तथा बिहार में इनके जत्थे निवास करते रहे हैं। सोनभद्र और चंदौली तथा मिर्जापुर कई जन-जाति
नौ बिलियन बनाम 2 डिग्री सेन्टीग्रेड : वर्तमान व भविष्य की चुनौतियाँ
Posted on 04 Dec, 2016 03:01 PM
बढ़ती हुई जनसंख्या एवं उपभोग प्राकृतिक संसाधनों व पर्यावरण पर निरंतर दबाव बनाए हुए है। एक ओर जहाँ वर्ष 2050 तक मानव जनसंख्या 9 बिलियन पार कर जाएंगी (चित्र 1) वहीं दूसरी ओर उनके भरण की व्यवस्था के लिये कृषि क्षेत्र का फैलाव भी बढ़ेगा। कृषि चूँकि ग्रीनहाउस गैसों के विनियमन में सबसे शक्तिशाली मानवजनित कारक है, इसके फैलाव से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि की संभावनाएं भी अधिक हैं। इसका एक
पवित्र वन : प्रकृति संरक्षण की प्राचीन परंपरा
Posted on 03 Dec, 2016 11:28 AM

उपरोक्त कारणों से विघटित पवित्र वनों में अनेक स्थानों पर विज्ञातीय (exotic) पौधों की प्रज

पर्यावरणसौम्य रसायन के रूप में हरित रसायन
Posted on 03 Dec, 2016 11:12 AM
हरित रसायन रासायनिक उत्पादों और प्रक्रियाओं का वह रूप है जो खतरनाक पदार्थों के उपयोग एवं उत्पादन को कम करता है। इस प्रकार खतरनाक रसायनों से हमें बचाकर नुकसान करने के बजाय हरित रसायन खतरों को ही कम करने या समाप्त करने का प्रयत्न करता है और इस प्रकार हमें जोखिम का सामना करने की आवश्यकता ही नहीं रहती। सारी दुनिया के रसायन विज्ञानी पर्यावरण हितैषी रसायनों की खोज में संलग्न हैं। रसायनों द्वारा मा
×