पाली जिला

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पूरे साल के पानी का इंतजाम
Posted on 25 Sep, 2014 10:10 AM

सुमेरपुर (पाली), पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख जलस्रोत जवाई बांध ने पिछले साल का आंकड़ा पार कर लिया है। इसमें जिले का हलक तर करने के लिए वर्ष भर के पानी प्रबंध हो गया है। वर्तमान में बांध के लाइव स्टोरेज में करीब 1147 एमसीएफटी से अधिक पानी उपलब्ध है। सेई बांध में उपलब्ध जल राशि में से करीब सात सौ एमसीएफटी पानी जवाई बांध में आना तय है, जबकि जलदाय विभाग वर्ष भ

canal
नदी जल प्रदूषण की किसानों पर मार
Posted on 30 Jan, 2013 03:52 PM किसान नहीं चाहते कि पाली के उद्योग अपना कचरा नदी में बहाएं। उनकी मांग है कि उद्योगों को खुद प्रदूषित
राजस्थान राज्य जल नीति 2010
Posted on 15 Apr, 2010 12:16 PM


राजस्थान की जल नीति को 15 फरवरी 2010 को कैबिनेट सब-कमेटी ने प्रदेश की पहली जल नीति के रूप में मंजूरी दे दी है।

राज्य जल नीति के उद्देश्य हैं: सस्टेनेबल आधार पर नदी बेसिन और उप बेसिन को इकाई के रूप में लेते हुए जल संसाधनों की योजना, विकास और प्रबंधन को एकीकृत और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाना, और सतही और उपसतही जल के लिये एकात्मक दृष्टिकोण अपनाना। नीति में पानी की पहली प्राथमिकता पेयजल,

कैसा जमाना आया, पानी बिक रहा है
Posted on 23 Dec, 2009 09:45 AM

-दिलीप बीदावत

पानी कितना अमूल्य धरोहर है, यह बात तो मरू वासियों के जहन में सदियों से बैठी हुई है। लेकिन अपनी प्यास बुझाने के लिये पानी का भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा, यह कभी यहां के लोगों ने सोचा नहीं था। पानी की एक-एक बूंद के लिये मोहताज थार के रेगिस्तान में पानी के करोड़ों के कारोबार का कथन अविश्वसनीय लग सकता है, किंतु यह बात सत्य है।

Water Tanker
जल प्रदूषण के खिलाफ किसानों ने कमर कसी
Posted on 13 Nov, 2009 10:58 AM कुछ साल पहले मैंने राजस्थान के टेक्सटाइल नगर पाली के बारे में लिखा था, जिसकी मौसमी नदी बांदी का पानी औद्योगिक कचरे के कारण पूरी तरह विषैला हो गया है। प्रदूषण के कारण खेती बर्बाद हो गयी थी। किसानों ने हंगामा किया था। और पानी प्रदूषण के खिलाफ पाली के किसानों ने कमर कसी हुई है, वे सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ रहे हैं। तब मैंने कहा था कि असली मुद्दा प्रदूषण नहीं, बल्कि किसानों का गुस्सा है जो तरल क
जल प्रदूषण
राजस्थान, पाली में भी आर्सेनिक
Posted on 06 Apr, 2009 03:32 PM फ़ेंकारिया गाँव के महावीर सिंह सुकरलाई एक कम पढ़े-लिखे किसान हैं और उन्होंने विज्ञान की कोई पढ़ाई नहीं की है, लेकिन वे इतने सक्षम हो चुके हैं कि 300 व्यक्तियों की भीड़ को सहज रूप से सम्बोधित करते हुए पानी में मौजूद आर्सेनिक और ज़िंक की जाँच के नतीजे बता सकते हैं। गहरे कुंए से निकले हुए पानी के नमूने की जाँच करके वे बता सकते हैं कि पानी मनुष्यों के पीने लायक है या नहीं। फ़ेंकारिया गाँव, राजस्थान के
प्रोजेक्ट ऑफिसर
Posted on 02 Apr, 2009 09:07 AM

जल भागीरथी फाउंडेशन



स्थान- राजस्थान

अंतिम तिथि- अप्रैल-10

प्रोजेक्ट एरिया- राजस्थान के बाड़मेर, अजमेर और पाली जिले

जल भागीरथी फाउंडेशन में पानी के क्षेत्र में फील्ड अनुभवी और कुशल व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित हैं।

ईमेल से आवेदन करने के लिए पता -
HR@jalbhagirathi.org
सात हजार गांवों पर अकाल का साया
Posted on 15 Mar, 2009 07:45 PM
जयपुर/ नई दुनिया। राजस्थान में इस साल 7372 गांवों पर अकाल का साया मंडरा रहा है। इन गांवों में सरकार शीघ्र ही राहत कार्य शुरु करने जा रही है। सरकार ने इसके साथ ही अकाल ग्रस्त इलाकों में पीने के पानी, रोजगार और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों में अकाल की छाया मंडरा रही है, वें हैं जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेंर, सिरोही, पाली, जालौर, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, नागौर, र
राजस्थान की नदियां
Posted on 13 Oct, 2008 10:50 AM

- राहुल तनेगारिया

१) चम्बल नदी -

इस नदी का प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाड़ी (६१६ मीटर ऊँची) के विन्ध्यन कगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है। अपने उदगम् स्थल से ३२५ किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर एक लंबे संकीर्ण मार्ग से तीव्रगति से प्रवाहित होती हुई चौरासीगढ़ के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। यहां से कोटा तक लगभग ११३ किलोमीटर की दूरी एक गार्ज से बहकर तय करती है। चंबल नदी पर भैंस रोड़गढ़ के पास प्रख्यात चूलिया प्रपात है। यह नदी

माही नदी
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