नवादा जिला

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बिहार में जल अधिकार कानून की जरूरत - राजेन्द्र सिंह
Posted on 18 Jun, 2016 09:57 AM
दुनिया में सबसे ज्यादा सिल्ट लेकर बहने वाली नदियों को तटबन्धो
फ्लोराइड ने छीन ली कचहरिया डीह की जवानी
Posted on 24 Dec, 2014 04:55 PM कचहरिया डीह बिहार के नवादा जिले का एक बदनसीब टोला है। रजौली प्रखण्ड के हरदिया पंचायत में स्थित इस गाँव को आस-पास के लोग विकलांगों की बस्ती कहते हैं।

71 घरों वाले इस छोटे से टोले के सौ के करीब जवान लड़के-लड़कियाँ चलने-फिरने से लाचार हैं। उनकी हड्डियाँ धनुषाकार हो गई हैं। यह सब तीन दशक पहले शुरू हुआ जब अचानक इस बस्ती के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा तय सीमा से काफी अधिक हो गई और बस्ती स्केलेटल फ्लोरोसिस के भीषण प्रकोप का शिकार हो गया।

हालाँकि मीडिया में लगातार यहाँ की परिस्थितियों पर खबरें आने से एक फायदा तो यह हुआ कि सरकार का ध्यान इस ओर गया और यहाँ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित हो गया। मगर देखरेख के अभाव में पिछले दिनों वह चार माह से खराब पड़ा था, महज दस दिन पहले यह ठीक हुआ है।
ककोलत जलप्रपात अस्तित्व पर खतरा
Posted on 16 Aug, 2011 11:54 AM

नवादा जिले से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एक ऐसा जलप्रपात जो सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिहाज से देश के किसी भी जलप्रपात से कम नहीं है लेकिन सरकारी महकमा इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने के बजाय उसके अस्तित्व को मिटाने के लिए तत्पर हैं। बिहार में कश्मीर के नाम से प्रसिद्ध नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड के अंतर्गत पड़ने वाले प्राकृतिक पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात पर अस्तित्व मिटने का खतरा

ककोलत जलप्रपात
गांव की एटीएम हैं तालाब
Posted on 24 Nov, 2012 12:01 PM सामान्य खेतों में जहां साल भर खूब मेहनत के बावजूद फसल उत्पादन से अच्छी आय नहीं होती है, वहीं तालाब बनवा कर मछलीपालन अधिक लाभकारी है। बिहार में बेगूसराय के किसान जयशंकर कुमार को मात्र 38 कट्ठे की जमीन पर तालाब से चार से छह लाख रुपये सालाना आय हो रही है। जयशंकर की तरह ही राज्य के कई किसान अब सामान्य खेती के बदले समेकित खेती करने लगे हैं। समेकित खेती के लिए तालाब जरूरी है। बिहार में कृषि और मत्स्य
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