मध्य प्रदेश

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स्वच्छता के अभाव में व्यक्ति के जीवन में क्या असर पड़ता हैं
Posted on 28 Feb, 2011 10:18 AM

प्रश्न 5 स्वच्छता के अभाव में व्यक्ति के जीवन में क्या असर पड़ता हैं ?



उत्तरः- स्वच्छता के अभाव में:-

1. 80 प्रतिशत बीमारियॉँ खुले में मल त्याग करने से फैलती है।
2. डायरिया, मलेरिया, डेंगू इत्यादि दूषित एवं ठहरे जल से फैलते है तथा पोलियो खुले में मल त्याग करने से फैलता है।
समग्र स्वच्छता अभियान एवं स्वजलधारा पेटर्न
Posted on 28 Feb, 2011 10:13 AM

प्रश्न 4 समग्र स्वच्छता अभियान एवं स्वजलधारा पेटर्न पर ली जाने वाली पेयजल योजनाओं के अंतर्गत सांगठनिक ढाँचा क्या है ?


समग्र स्वच्छता अभियान एवं स्वजलधारा पेटर्न पर ली जाने वाली पेयजल योजनाओं के अंतर्गत सांगठनिक ढाँचा क्या है
Posted on 28 Feb, 2011 10:13 AM

प्रश्न 4 समग्र स्वच्छता अभियान एवं स्वजलधारा पेटर्न पर ली जाने वाली पेयजल योजनाओं के अंतर्गत सांगठनिक ढाँचा क्या है ?


समग्र स्वच्छता अभियान के प्रमुख प्रावधान क्या है
Posted on 28 Feb, 2011 10:10 AM

प्रश्न 3 समग्र स्वच्छता अभियान के प्रमुख प्रावधान क्या है ?



उत्तर समग्र स्वच्छता अभियान के अर्न्तगत प्रत्येक घर में शौचालय, विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण का प्रावधान है।

गरीबी रेखा के नीचे के परिवार द्वारा घरेलू शौचालय के निर्माण एवं उपयोग के पष्चात् शासन द्वारा रूपये 2200 प्रोत्साहन राषि प्रदाय करने का प्रावधान है।
समग्र स्वच्छता अभियान का उदे्दश्य क्या है
Posted on 28 Feb, 2011 10:07 AM

प्रश्न 2 समग्र स्वच्छता अभियान का उदे्दश्य क्या है ?


उत्तरः- समग्र स्वच्छता अभियान का उद्देश्य खुले में शौच से मुक्ति हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाओं को व्यापक बनाना है तथा लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।

इस कार्यक्रम के प्रमुख उदे्दश्य निम्नानुसार है:-

1. ग्रामीण जनजीवन के स्तर में गुणात्मक सुधार लाना।
समग्र स्वच्छता अभियान
Posted on 28 Feb, 2011 10:02 AM

प्रश्न 1 समग्र स्वच्छता अभियान क्या है ?


उत्तरः- समग्र स्वच्छता अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा चलाया जाने वाला माँग आधारित एवं समुदाय केन्द्रित अभियान है।

चौकड़िया
Posted on 10 Mar, 2010 08:50 AM सब सों बोलो मीठी बानी, थोड़ी सी जिन्दगानी
येई बानी सुरलोक पठावै, येई नरक निशानी
येई बानी हाथी चढ़वायै, येई उतारे पानी
येई बानी सें तरें ईसुरी, बड़े-बड़े मुनी ज्ञानी।
जल को जानने-पहचानने वाले
Posted on 08 Mar, 2010 10:36 AM बैतूल के हरिनारायण मालवीय को पता नहीं था कि वे अपनी नौकरी छोड़कर एक बड़ा काम करने वाले हैं। किसी तरह थोड़ी-बहुत पढ़ाई करके मध्यप्रदेश सरकार में ग्राम सेवक की नौकरी पा जाने वाले मालवीय नहीं जानते थे कि आसपास के इलाकों में उनका नाम इतने सम्मान से लिया जाएगा। असल में ग्राम सेवक के अपने प्रशिक्षण के सिलसिले में वे एक बार होशंगाबाद जिले के पँवारखेड़ा स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में गए थे, जहाँ उनके उस्तादो
नैनपुर, जहाँ खिलौनों-सी रेल और समुद्र-सा तालाब है
Posted on 08 Mar, 2010 09:59 AM मंडला से प्रसिद्ध कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान के कुछ आगे का नैनपुर असल में उमरिया, निवारी और नैनपुर गाँवों की जमीनों पर 19 वीं शताब्दी में बसा था। पहले अंग्रेजों ने यहाँ के पायली, पारेदा, डेहला, अलीपुर आदि 84 गाँवों को मालगुजारों को बेच दिया था जिनमें से चौधरियों ने 400 रुपए में घुघरी गाँव खरीदा था। और कमला ने 900 रुपए में नैनपुर। उस जमाने में ब्राह्मण बहुल इस इलाके को ‘चौरासी इलाका’ इसीलिए कहा
भुआ-बिछिया में, जल-प्रदाय करते थे अहीर
Posted on 08 Mar, 2010 09:47 AM मंडला-रायपुर मार्ग पर भुआ नाले के दोनों और बसा 15 हजार की आबादी वाला कस्बा भुआ-बिछिया पिछले 30-40 सालों में ही बढ़ा है। देश के भिन्न-भिन्न इलाकों से आए व्यापारियों, कर्मचारियों ने ही यहाँ के अधिकांश पक्के मकान बनवाए हैं। लेकिन पानी के मामले में यह कस्बा आजकल संकटग्रस्त ही माना जाता है।
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