खंडवा (पूर्व निमाड़) जिला

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इस तरह बिक जाएगा नर्मदा का पानी
Posted on 01 May, 2012 11:26 AM

नर्मदा जल के सपने दिखाकर लघु-मध्यम शहरी ढांचागत विकास योजना (यूआइडीएसएसएमटी) के तहत निगम ने 106.72 करोड़ रु.

एक आत्मनिर्भर गांव
Posted on 06 Mar, 2011 09:40 AM

सूखे से निपटने की तैयारियां शुरू हुईं, तो ग्रामीणों को समझ में आया कि खेत में और मिट्टी के कणों के आसपास जल संग्रह के लिए जीवांश-कंपोस्ट के ह्यूमस की विशेष भूमिका होती है।मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर छैगांवमाखन विकासखंड में जैविक ग्राम मलगांव स्थित है। करीब 10 साल पहले के सूखे ने यहां के ग्रामीणों की कमर तोड़कर रख दी थी। इस गांव में करीब 505 हेक्टेयर रकबा है

अब तोरणी जैसे गाँव ही होंगे नए तीर्थ!
Posted on 16 Jan, 2010 01:15 PM देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु ने भाखड़ा-नांगल बांध और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर जैसी जगहों को आधुनिक तीर्थ कहा था। इक्कीसवीं सदी में वैज्ञानिक डॉ. कलाम की इन यात्रा का संदेश भी साफ है- यहाँ मिसाइलमैन का वास्ता मिसाइल की सी गति से नहीं पड़ने वाला, जिनके वे धुरंधर खिलाड़ी रहे हैं। यहाँ उनका रास्ता छोटी-छोटी जल संरचनाएँ रोकेंगी और उनसे कहेंगी, यह वक्त थोड़ा थमने का भी है....! खंडवा जिले के लोगों ने ‘गति के गुरूर’ को तोड़ा है! उन्होंने पानी के वेग को वश में कर लिया है। बादलों से बरसा पानी अब इस जिले की जमीन पर इठलाता, बलखाता और सरपट दौड़ता नजर नहीं आता। अब पानी की लगाम यहाँ के उन लोगों के हाथों में हैं, जो गाँवों में रहते हैं और उनमें से भी अधिकतर पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते। ये लोग कभी सरपट भागते पानी के कान उमेठकर उसे कुंडी या कुएँ की दिशा दिखा देते हैं तो कभी उसे पुचकारकर पोखर में उतार देते हैं। सौ बात की एक बात तो यह है कि इन लोगों ने पानी के बहाव को वश में कर लिया है यहाँ। वरना पानी अब नदी-नालों के जरिए समुद्र का रास्ता नहीं नापता।
water
स्थाई समाधान तलाशा
Posted on 21 Dec, 2009 03:35 PM आपको भी यह जानकर आश्चर्य होगा कि किस प्रकार टोरनी गांव भूख,प्यास,गरीबी और बेकारी के दलदल से बाहर निकलते हुए समृद्धि और खुशहाली की ओर अग्रसर हो रहा है और आज हम सभी के लिए एक आदर्श गाँव के रूप में उभर रहा है। यहां पानी का सही प्रबंधन किया जाता है। यहां पानी की उपलब्धता के साथ-साथ फसलों की भी चौगुनी पैदावार हो गई है और यहां से पलायन कर गए लोग वापस लौट आए हैं। टोरनी गांव खंडवा से 28 किलोमीटर की दूरी प
और मैली हुई नर्मदा
Posted on 28 Aug, 2009 05:00 PM
हिंदू पुराणों में शिवपुत्री नर्मदा को गंगा से भी पवित्र नदी माना गया है . जनश्रुति है कि पवित्र नदी गंगा वर्ष में एक बार काली गाय के रूप में नर्मदा में स्नान करने आती है और पवित्र होकर श्वेतवर्णी गाय के रूप में फिर से स्वस्थान लौट जाती है. नर्मदा पुराण में कहा गया है कि नर्मदा के दर्शन मात्र से पापियों के पाप नाश हो जाते है.
मध्यप्रदेश में पेयजल
Posted on 15 Aug, 2009 12:52 AM

1 - इन्दौर शहर में वर्ष 2006 की गर्मियों में पानी की आपूर्ति के लिये किराये पर लिये गये टेंकरों के एवज में 2 करोड़ रूपये की राशि चुकाई गई थी। नगर निगम ने वर्ष 2007 में अपने 37 टैंकरों के अलावा 130 टैंकर किराये पर लिये थे। इस साल इतनी शिकायतें आईं कि नगर निगम प्रशासन दबाव में आ गया। इसके बावजूद जल संकट दूर नहीं हुआ और 14 मई 2007 को इन्दौर में राजनैतिक दलों और आम लोगों ने प्रशासन का उग्र व

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