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2050 तक भारत में उपचारित अपशिष्ट जल का बाजार मूल्य दोगुना से अधिक हो जाएगा
भारत के पास उपचारित जल  का पुन: उपयोग करने की जबरदस्त क्षमता है जो वर्ष 2050 तक उसके 26 गुना क्षेत्र को सिंचित करने के लिए पर्याप्त होगा।
Posted on 30 Mar, 2023 03:14 PM

भारत 2050 तक अनुमानित सीवेज उत्पादन और उपचार क्षमताओं के आधार पर 35,000 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक अपशिष्ट जल जमा कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार भारत के पास उपचारित जल  का पुन: उपयोग करने की जबरदस्त क्षमता है जो वर्ष  2050 तक भारत के 26 गुना क्षेत्र को सिंचित करने के लिए पर्याप्त होगा। अध्ययन से ये भी बात सामने आई है कि अगर भारत  साल 2021 में उपचारित जल का प्रयोग करता  तो  वह लगभग  28 मिलियन

जल उपचार संयंत्र, Pc(cleantechwater)
विश्व जल दिवस : क्या स्वच्छ पेयजल की समस्या से जूझ रहा है विश्व, जानें क्या कहती है यूएन रिपोर्ट
भारत में दुनिया की 18% आबादी रहती है, लेकिन इसके पास केवल 4% पानी है, जो इसे सबसे अधिक जल-तनावग्रस्त देशों में शामिल कराता है ।
Posted on 22 Mar, 2023 02:29 PM

इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च को विश्व जल दिवस घोषित किए जाने के 30 वर्ष पूरे हो गए हैं, जो दुनिया भर में स्वच्छ जल तक पहुंच के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक बेहतर अवसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार विश्व स्तर पर चार में से केवल एक व्यक्ति के पास ही साफ पीने के पानी तक पहुंच है। डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार 2000 के बाद से  लगभग  1.8 बिलियन लोगों के

क्या स्वच्छ पेयजल की समस्या से जूझ रहा है विश्व,जानें क्या कहती है यूएन रिपोर्ट,Pc-Earth reminder h
जलयात्रा - भारतीय संस्कृति की झलक थाइलैंड में दिखती है
जलवायु परिवर्तन के कारण थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक आने वाले 15-20 सालों में लगभग आधी डूब जाएगी। दलदली जमीन को पाट करके बसाया गया बैंकॉक शहर समुद्र से महज डेढ़ मीटर यानी 4-5 फुट की ऊंचाई पर ही स्थित है। अगर समुद्र का जल स्तर इतना बढ़ जाएगा तो शहर में समुद्र का पानी घुस जाएगा। जकार्ता, मनीला जैसे कई दक्षिण एशियाई शहर भी समुद्री जल स्तर बढ़ने के कारण खतरे में हैं। Posted on 01 Feb, 2023 05:34 PM

थाइलैंड दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है। इसका प्राचीन नाम श्यामदेश या स्याम है। इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया, दक्षिण सीमा पर मलेशिया और पश्चिम सीमा पर म्यान्मार है। इस देश के इतिहास में देखें तो सन्‌ 1767 में बर्मा द्वारा अयुध्या के पतन के बाद थोम्बुरी राजधानी बनी। सन्‌ 1782 में बैंकॉक में चक्री राजवंश की स्थापना हुई उसी को इसका आरंभ माना जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका में

जलयात्रा - भारतीय संस्कृति की झलक थाइलैंड में दिखती है  (PC-Wanderlust Crew)
जलयात्रा - विकास हेतु वैचारिक क्रांति और परिवर्तनशीलता वाला देश फिलीपींस
फिलीपींस द्वीपों से बना हुआ एक देश है। कारण इसके पर्यावरणीय संकट काफी ज्यादा हैं। फिर भी फिलीपींस अपने पर्यावरण संकट से निपटने की भरपूर कोशिश कर रहा है। फिलीपींस में वन क्षेत्र कभी 70 फीसदी हुआ करता था लेकिन आज मात्र 20 फीसदी रह गया है। उन्होंने एक बहुत मजेदार कानून बनाया है जिसकी वजह से फिलीपींस की काफी चर्चा रही है, कि ग्रेजुएशन पूरा करने से पहले हर छात्र को कम से कम 10 पौधे लगाना अनिवार्य है और अगर आप साबित कर देंगे कि आप के पौधे हैं तभी आपको ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाएगी।
Posted on 01 Feb, 2023 05:22 PM

फिलीपीन्स दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। इसका आधिकारिक नाम 'फिलीपींस गणतंत्र" है। उसकी राजधानी मनीला है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित 7107 द्वीपों से मिलकर यह देश बना है। फिलीपीन द्वीप-समूह पूर्व में फिलीपींस महासागर से, पश्चिम में दक्षिण चीन सागर से और दक्षिण में सेलेबस सागर से घिरा हुआ है। इस द्वीप-समूह से दक्षिण पश्चिम में देश बोर्नियो द्वीप के करीबन सौ

फिलीपींस में पानी आपूर्ति स्थापित पंप और पाइप लाइनों के माध्यम से पानी प्रदान किया जाता (PC-British Geological Survey)
जल कुप्रबंधन के कारण बेपानी हो रहा म्यांमार
म्यांमार का संकट अब बहुआयामी हो चुका है। कृषि संकट-पर्यावरण संकट से म्यांमार में आर्थिक संकट। उसके बाद आंतरिक तनाव और फिर शरणार्थी संकट। क्रम म्यांमार में बन चुका है और यह एक चक्र बन चुका है। म्यांमार से लगभग 10लाख रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान आदि में फैल चुके हैं।






Posted on 31 Jan, 2023 12:18 PM

हिन्दुकुश राष्ट्रों की सूची में म्यान्मार एक समृद्ध राष्ट्र था। इसका ज्ञान, संस्कार और व्यवहार भी प्रकृति प्रिय था। लेकिन यहां की सरकारों व बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की सांठ-गांठ से अब यह राष्ट्र लुट-पिटकर गरीबतम्‌ की सूची में आ गया। यहां के जल का कुप्रबंधन भी एक मिसाल बन गया है। यहां की नदियां बहुत प्रदूषित और शोषित होकर मर गई हैं। समाज और राज दोनों ही साझे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए चिंतनशील द

जल कुप्रबंधन के कारण बेपानी हो रहा म्यांमार (photo- myanmar water portal)
बांग्लादेशी विस्थापितों का पुनर्वासघर है भारत
बांग्लादेशियों में बाढ़ तथा शाकाहारी भोजन का भी भारत जैसा सम्मान नहीं है। शायद इसलिए प्रकृति के मूल स्वरूप को मानवता का पोषक मानने में भारतीय दृष्टि से भी भिन्‍नता है। फिर भी आहार-विहार, आचार-विचार, रहन-सहन इस सब में बहुत दूरी नहीं है। इसलिए बांग्लादेशी भी यूरोप में जाकर अपने को भारतीय बोलते हैं। Posted on 30 Jan, 2023 01:20 PM

बांग्लादेश में मेरा कई बार जाना हुआ है। जब भी गया तब नैतिकता, न्याय की विश्वशांति जलयात्रा के लिए ही गया। यह देश भारतखंड (हिन्दुकुश) का एक हिस्सा था। अभी भी है। इस देश और भारत में बहुत जुड़ाव सा दिखता है। इसमें उत्तर पूर्वी राज्यों तथा बंगाल से आना-जाना आज भी है, जबकि कांटेदार बाड़ लग गई है। लोगों का आना-जाना जब यह पूरा भारतवर्ष ही था, तब जैसा तो नहीं है; लेकिन आने-जाने वाले आज भी वैसे ही आ-जा

बांग्लादेशी विस्थापितों का पुनर्वासघर है भारत (Photo-Norad)
विस्थापन व विश्वयुद्ध से बचाव हेतु विश्वशांति जल-साक्षरता यात्रा : नेपाल
हिन्दुकुश के आठ देशों में से दो देश पाकिस्तान व चीन, इसके संचालन के लिए भारत में इसका मुख्यालय नहीं बनने देना चाहते हैं। इसलिए यह संगठन उतना प्रभावशाली नहीं रहा। इस काम को गति देने के लिए हिन्दुकुश हिमालय यात्रा आयोजित करना आवश्यक है । Posted on 30 Jan, 2023 01:07 PM

नेपाल के काठमाण्डु में 5 दिसम्बर 2017 से 7 दिसम्बर 2017 तक एक हिन्दुकुश देशों का सम्मेलन हुआ था। इसमें भूटान, चीन, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और हिमालय से जुड़े सभी देशों के सरकारी व गैर-सरकारी प्रतिनिधि मौजूद थे। नेपाल की राष्ट्रपति ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था। हिमालय से पलायन होना बड़ी समस्या है। सभी ने हिमालय की हरियाली और नदियों के प्रवाह को बनाये रखने हेतु बातचीत की थी। सभी के

विस्थापन व विश्वयुद्ध से बचाव हेतु विश्वशांति जल-साक्षरता यात्रा : नेपाल
पाकिस्तान में पर्यावरण संकट 
पाकिस्तान भारत का पड़ोसी देश है। लेकिन यहां कुदरत की हिफाज़त करने की चिंता भारत जैसी दिखाई नहीं देती।  इस देश में भी कमोबेश चीन जैसी स्थिति नजर आती है। आजादी के बाद यहां भी भौतिक व आर्थिक विकास तो नजर आता है, जिसके कारण प्रकृति (कुदरत) में बिगाड़ बहुत तेजी से नजर आ रहा है। मैंने अपनी यात्राओं के दौरान इस देश में जलवायु परिवर्तन का बहुत बिगाड़ देखा है। Posted on 28 Jan, 2023 04:35 PM

पाकिस्तान भारत का पड़ोसी देश है। लेकिन यहां कुदरत की हिफाज़त करने की चिंता भारत जैसी दिखाई नहीं देती।  इस

पाकिस्तान में  जलवायु परिवर्तन के कारण ये विनाशकारी घटनाएं अधिक से अधिक आम होती जा रही हैं
मध्य एशिया में विश्वशांति जलयात्रा
मध्य एशिया, अफ्रीका व यूरोप में विश्व जल शांति यात्रा का पहला चरण सम्पन्न हुआ है। इसमें स्पष्ट रूप में समझ आया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ही विस्थापन बढ़ रहा है। यही लड़ाई झगड़ों का मूल कारण बन रही हैं। इस यात्रा का लक्ष्य एशिया-अफ्रीका के देशों में जाकर, उनको मजबूरी में विस्थापन (उजाड़) कम करने हेतु समझना-समझाना और उन्हें जल सहेजने में लगाना है। जिससे इनके पास हमेशा जल उपलब्ध रहे। Posted on 28 Jan, 2023 12:47 PM

फिलीस्तीन, इजराइल, जॉर्जिया, अजरबैजान, इराक, तुर्किस्तान, कुवैत, ईरान, सऊदी अरब, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस

मध्य एशिया में विश्वशांति जलयात्रा, (Pc-Ap news)
सिंधु जल संधि विवाद,भारत ने पाकिस्तान को नोटिस जारी किया
सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों को दो भागों में विभाजित किया गया। भारत को पूर्वी नदियों के पानी और पश्चिमी नदियों के पाकिस्तान को उपयोग करने का पूर्ण अधिकार दिया गया। पूर्वी नदियों से पानी के नुकसान के लिए पाकिस्तान को मुआवजा दिया गया था
Posted on 27 Jan, 2023 04:29 PM

सिंधु नदी के पानी को साझा करने के लिए 19 सितंबर, 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच 'सिंधु जल संधि' पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। विश्व बैंक ने उनके साथ तीसरे गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए।

सिंधु जल संधि विवाद,भारत ने पाकिस्तान को नोटिस जारी किया
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