दिल्ली

Term Path Alias

/regions/delhi

तभी से बादल बरसता है
Posted on 25 Jul, 2014 09:59 AM बहुत पुरानी बात है। तब धरती और बादल पास-पास रहते थे। इतने पास कि एक-दूसरे को छू लेते। उस समय धरती बहुत हल्की थी। इतनी हल्की कि हवा में उड़ जाती। कभी-कभी तो बादल धरती की पीठ पर सवार होकर पूरे अंतरिक्ष का चक्कर लगा आता।

एक दिन की बात है। धरती ने बादल से कहा- ‘तुम्हें पीठ पर बिठाते-बिठाते मैं थक गई हूं। मैं अकेले कहीं दूर घूमने जाना चाहती हूं।’
पनबिजली परियोजनाओं की समीक्षा कर रही है सरकार
Posted on 25 Jul, 2014 09:45 AM

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत पारिस्थितिकी और अन्य विषयों के अध्ययन के लिए एक विशेषज्ञ समिति

हाईटेक की राह
Posted on 24 Jul, 2014 01:28 PM मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 2037 करोड़ की जो धनराशि आवंट
गंगा का बजट मंथन
Posted on 24 Jul, 2014 11:33 AM

गंगा की अविरलता और निर्मलता की ये कोई नई शुरुआत नहीं है। चूंकि गंगा सफाई का मुद्दा बड़ी परियोजन

पर्यावरण प्रदूषण : अस्तित्व संकट और हम
Posted on 22 Jul, 2014 12:24 PM जल प्रदूषणमनुष्य जहां एक ओर दुनिया का सबसे बुद्धिमान और शक्तिशाली प्राणी है, वहीं दूसरी ओर वह अपने अदूरदर्शी कृत्यों से अपने को सर्वाधिक मूर्ख साबित करने पर तुला हुआ है। वर्तमान
नदियों का आंगन सूना है-
Posted on 22 Jul, 2014 11:43 AM रामगंगाहिमधर के अश्रु पिघल रहे
सरि तीरे पीड़ा पसरी है
जहां भोर सुहानी खिलती थी
वहां गहन उदासी बिखरी है

पूजा की थाली में सज कर
बरसात हो, तो यूं हो
Posted on 21 Jul, 2014 04:07 PM

फरमाइशी बरसात के पैंडुलम के बीच वह आदमी अब भी निरपेक्ष बना हुआ है जिसे बरसात की सबसे ज्यादा जरू

यमुना: देव वाणी की चेतावनी सुनो
Posted on 21 Jul, 2014 03:16 PM

सूर्य यमुना के पिता हैं; यमराज भाई, ब्रह्म रचयिता और कृष्ण.. यमुना के पिया। यमुना की दुर्दशा देखा आहत् इन देव शक्तियों की वाणी चीख-चीख कर कुछ कह रही हैं। सुन सको, तो सुनो।

सूर्य: मानव! मूर्ख मानव !!

नहीं, नहीं तुम मानव तो हो नहीं सकते। तुम तो दानव हो; विनाश के ज्वालामुखी पर बैठे, क्रूर और अभिमान के मद में चूर दानव!

Yamuna
जल नहीं जीवन निधियाँ हैं ये
Posted on 21 Jul, 2014 09:35 AM भले ही रोज के अखबार मुल्क में पानी के भीषण संकट की खबरें छापतें हो
water
यमुना : आदि से अनंत प्रवाह
Posted on 20 Jul, 2014 03:11 PM

यमुना नदीबीती शिवरात्रि को मैने जीवनयात्रा के 50 साल पूरे किए। मैं जन्म से दिल्ली में हूं। 11 वर्ष का हुआ तो रहने के लिए बाबूजी हमें यमुना किनारे ले आए। मेरा नया सरकारी स्कू

Yamuna river
×