भारत

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सौर ऊर्जा आधारित जल निकासी प्रणाली
Posted on 10 Nov, 2015 12:24 PM

अच्छे स्वास्थ्य के लिये उचित गुणवत्ता वाला पीने योग्य स्वच्छ पानी सभी के लिये अति आवश्यक

पर्यावरण सम्मेलन में भारत बनाएगा जीवनशैली को मुद्दा
Posted on 10 Nov, 2015 11:14 AM दिसम्बर माह विश्व पर्यावरण के इतिहास में मील का पत्थर बनने जा रहा है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में विश्व भर के पर्यावरणविदों के साथ 190 देशों के सरकारों के प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे। सम्मेलन 30 नवम्बर से 11 दिसम्बर तक यह सम्मेलन चलेगा।
COP 20
भारतीय जूट उद्योग
Posted on 09 Nov, 2015 12:33 PM

नये बाजार की तलाश में

jute
ग्रामीण विकास और स्वयंसेवी क्षेत्र
Posted on 09 Nov, 2015 12:29 PM

गाँवों के विकास में आज स्वयंसेवी क्षेत्र एक बहुत बड़े ‘सेक्टर’ के रूप में उभरकर सामने आया

ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएँ
Posted on 09 Nov, 2015 12:21 PM

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और देश के पूर्वोत्तरी भागों में सड़कों के निर्माण पर

ग्रामीण विकास का लेखा-जोखा
Posted on 09 Nov, 2015 12:11 PM

आजादी के पचास वर्षों में ग्रामीण अंचल की प्रगति की दिशा में भारत ने काफी लम्बा सफर तय कर

‘ओरण’ का मरुक्षेत्र के पारिस्थितिकी तन्त्र से गहरा ताल्लुक
Posted on 08 Nov, 2015 03:59 PM

‘ओरण’ की परम्परा के सम्बन्ध में मान्यता यह है कि गाँव की भूमि का एक भूखंड अपने लोकदेव के

समाज, दीपावली और पर्यावरण
Posted on 08 Nov, 2015 03:47 PM

दीपावली विशेष


भारतीय जन मानस की स्मृतियों में रचा-बसा है कि दीपावली के ही दिन भगवान राम लंका विजय कर अयोध्या लौटे थे। उनकी अयोध्या वापसी पर नगरवासियों ने ख़ुशियाँ मनाई थीं और रात्रि में पूरे नगर को दीपों से सजाया था। अयोध्या वापसी को चिरस्थायी बनाने के लिये हर साल दीवाली मनाई जाती है। रामायण काल से यह प्रथा चली आ रही है।

इसके अलावा, लगभग पूरे देश में रामलीला का आयोजन होता है। लोग उसके रंग में रंग जाते हैं। दशहरे के दिन रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण का वध आयोजन होता है। लोग बड़ी मात्रा में इस उत्सव में हिस्सेदारी करते हैं। लोगों को बधाई देते हैं और असत्य पर सत्य की जीत का उत्सव मनाते हैं।

ग़ौरतलब है कि भारत में भरपूर बरसात के सूचक उत्तरा नक्षत्र (12 सितम्बर से 22 सितम्बर) की विदाई के साथ त्योहारों यथा हरितालिका, ऋषि पंचमी, राधाष्टमी, डोल ग्यारस, अनन्त चतुर्दशी, नवरात्रि उत्सव, विजयादशमी, शरदपूर्णिमा और फिर दीपावली का सिलसिला प्रारम्भ होता है।

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इस दीवाली दीजिए अपनों को खास तोहफ़ा
Posted on 08 Nov, 2015 11:48 AM

दीपावली विशेष


छत्तीसगढ़ सरकार ने हर वर्ष की तरह अपनी अखण्ड परम्परा को निभाते हुए पर्यावरण संरक्षण नियम 1986 के प्रावधानों के तहत पटाखों से सम्भावित ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिये कई तरह के निर्देश जारी किये हैं। राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर कहा गया है कि निर्धारित मानकों से अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले पटाखों के उत्पादन और उनकी बिक्री को प्रतिबन्धित किया जाये।

साथ ही नसीहत भी दी गई है कि सभी स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थियों को ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण की समस्या की जानकारी देकर उन्हें पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में भी अवगत कराया जाना चाहिए। इसके लिये समाज में जन-जागरण अभियान चलाकर उसमें छात्र-छात्राओं को भी जोड़ा जाना चाहिए।
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