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यह नहीं कह सकते, मनरेगा से होता ही है गरीबों का भला
Posted on 22 Feb, 2016 10:49 AM
सरकार (ग्रामीण विकास मंत्रालय) ने कहा है कि मनरेगा के पहले पू
राष्ट्रीय गर्व और उत्साह का सबब उपलब्धियाँ समारोही
Posted on 22 Feb, 2016 10:00 AM
पिछली यूपीए सरकार का यह महत्त्वाकांक्षी विचार था कि गाँवों के खेतिहर मजदूरों के पास रोजगार पहुँचाया जाये। इसके जरिए उनकी माली हालत में सुधार कर उन्हें और गरीब होते जाने से रोकना मकसद था। आय बढ़ाकर उनकी क्रय शक्ति बढ़ाते हुए प्रकारान्तर से ग्रामीण क्षेत्र को भी अर्थव्यवस्था के विकास से जोड़ना था। इसके गुणात्मक परिणाम दिखे भी हैं। गाँवों में मजदूरों का जीवन-स्तर बदला है और उनकी क्रयशक्ति बढ
भिक्षा, जल त्याग और भागीरथी इको सेंसेटिव जोन
Posted on 21 Feb, 2016 10:23 AM
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - छठा कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है :


.वर्ष 2010 में हरिद्वार का कुम्भ अपेक्षित था। शंकराचार्य जी वगैरह सब सोच रहे थे कि कुम्भ में कोई निर्णय हो जाएगा। कई बैठकें हुईं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ज्ञानदास जी ने घोषणा की कि यदि परियोजनाएँ बन्द नहीं हुई, तो शाही स्नान नहीं होगा। लेकिन सरकार ने उन्हें मना लिया और कुम्भ में शाही स्नान हुआ। कुम्भ के दौरान ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी के मण्डप में एक बड़ी बैठक हुई। मेरे अनुरोध पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी भी आये। अन्ततः यही हुआ कि आन्दोलन होना चाहिए।

भीख माँगकर, परियोजना नुकसान भरपाई की घोषणा


...फिर तीन मूर्ति भवन में मधु किश्वर (मानुषी पत्रिका की सम्पादक) व राजेन्द्र सिंह जी ने एक बैठक की। उसमें जयराम रमेश (तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री) भी थे और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी (शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के शिष्य प्रतिनिधि) भी थे।
स्वच्छ भारतः समृद्ध भारत
Posted on 15 Feb, 2016 03:55 PM
‘‘मैं गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करूँगा। मैं शपथ लेता हूँ कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूँगा और उसके लिये समय दूँगा। हर वर्ष सौ घंटे यानी हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूँगा। मैं न गंदगी करूँगा, न किसी और को करने दूँगा। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मोहल्ले से, मेरे गाँव से और मेरे
अब ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर जोर
Posted on 15 Feb, 2016 12:13 PM

हमारे यहाँ एक तरफ जहाँ हरियाली और बरसात तेजी से घट रहे हैं, वहीं हवा भी लगातार जहरीली होत

गंगा मइया मांगे गंगाजल
Posted on 15 Feb, 2016 11:06 AM

शिव की जटाओं में इठलाती, किसी अल्लड़ नवयौवना की तरह बलखाती गंगा ने धरती पर कदम रखते वक्त य

सिनेमा में गंगा के नाम का दुरुपयोग
Posted on 15 Feb, 2016 10:51 AM

गंगा का जादू फिल्म जगत पर भी दिखा। इसलिये फिल्मों में गंगा को बड़े फलक पर चित्रित किया गया

स्पष्ट हुई आदेश और अपील की मिलीभगत - स्वामी सानंद
Posted on 14 Feb, 2016 04:19 PM


स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - पाँचवाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:

. दिसम्बर, 2008 तक मैंने तय कर लिया था कि फिर अनशन करुँगा। मेरे सामने प्रश्न था कि कहाँ करुँ? दिल्ली में पहला अनशन तो मैंने महाराणा प्रताप भवन में किया था।

27-28 जून तक वे भी कहने लगे थे कि कब खाली करोगे। मैंने सोचा कि दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित मालवीय स्मृति भवन में करुँ। सोच थी कि इसे बीएचयू एलुमनी एसोसिएशन ने बनवाया है; मैं भी बीएचयू एलुमनी ही हूँ और मालवीय जी का गंगाजी के लिये बहुत कन्ट्रीब्युशन था; अच्छा रहेगा। बी एम जायसवाल, मालवीय भवन के प्रबन्धक थे। उनसे मिला। वह खुश थे। उन्होंने कहा कि बोर्ड बदल गया है। अब महेश शर्मा जी इसके अध्यक्ष हैं। गिरधर मालवीय जी भी बोर्ड में हैं। बाद में पता चला कि ये तीनों समर्थन में थे, लेकिन सांसद राजा कर्णसिंह जी ने मना कर दिया।

ऐ आबे - रूदे - गंगा तू आबरू - ए - हिंद अस्त
Posted on 13 Feb, 2016 04:13 PM
ऐ आबे-रूदे-गंगा तू आबरू-ए-हिंद अस्त।
तू जिन्दगी-ए-मास्त तू रूहे-मुल्के हिंद अस्त।।
यानी ऐ गंगा का पानी! तू हिन्दुस्तान की इज्जत है।
तू हमारी जिन्दगी तो है ही, भारत की आत्मा भी है।

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