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कालबैसाखी की कालिमा यानी कालबैसाखी झंझावात क्या है (what is Kal Baisakhi thunderstorm)
खूबसूरत मौसम खरामा-खरामा खौफनाक हो जाता है। प्रकृति में भी दूर की कौड़ी आ जाती है मध्य एशिया में इकट्ठी शीतकालीन हवाएं घड़ी की सूई की तरह सर्पिल गति से बिखर वितरित होने लगती है। यही हवा के झोंके हिमालय को लांघ उत्तर भारत के गांगेय मैदानी इलाकों को घेर लेते हैं। Posted on 07 Jul, 2023 11:19 AM

काल की तरह आती है कालबैसाखी कहर बरपा जाती है। संत कवि तुलसीदास ने रामचरित मानस के अरण्यकांड में इसे 'धूरि पूरि नभ मंडल रहा' कहा है (आकाश धूलि धूसरित हो गया)। मार्च से मई तक के महीने मातमी माने जाते हैं। आकाश का उत्तरी-पश्चिमी आकर्षक छोर अचानक आक्रामक हो जाता है। गगनचुंबी बदरंग बादल गर्जन-तर्जन करने लगते हैं, कौंधती बिजली कड़कने लगती है, हुंकार भरती हवा के झोंके हू-हू करने लगते हैं, बलात बारिश क

कालबैसाखी कहर,फोटो क्रेडिट:IWPFlicker
वर्षा आधारित कृषि की भारतीय अर्थव्यवस्था में भूमिका
भारत में लगभग 100 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र से खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 1950 में 60 मिलियन टन था तथा उत्पादकता बहुत ही कम (500-600 किलोग्राम / हेक्टेयर) थी। देश की आबादी के भरण पोषण हेतु हमें आवश्यक खाद्यान्न के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता था। Posted on 06 Jul, 2023 04:03 PM

परिचय

वर्ष 2013-14 के दौरान भारत में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान (2004-05 मूल्यों के अनुसार) लगभग 14 प्रतिशत था। यद्यपि उद्योग जगत और सेवा क्षेत्र की अपेक्षा में यह योगदान कम है, परंतु यह विकास का आधार स्तंभ है। कुल श्रमिक शक्ति का लगभग 52 प्रतिशत भाग जीविका के लिए फार्म सेक्टर से रोजगार प्राप्त करता है एवं सामान्य भारतीय अपने कुल व्यय का लगभग आधा भाग ख

वर्षा आधारित कृषि की भारतीय अर्थव्यवस्था में भूमिका,फोटो क्रेडिट--IWP Flicker
खाद्यान्न सुरक्षा और बदलता पर्यावरण
जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। लेकिन, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के एक शोध के नतीजों ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है। इस शोध के मुताबिक देश के दो तिहाई हिस्से में जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाली समस्याओं का सामना करने की क्षमता नहीं है। Posted on 06 Jul, 2023 12:11 PM

धरती की आबोहवा बदल रही है और भविष्य की खाद्यान्न सुरक्षा खतरे में है। 132 करोड़ की जनसंख्या वाले देश के नीति-निर्माता और वैज्ञानिक परेशान हैं कि बढ़ती आबादी, शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के गिरते स्तर के कारण फसलोत्पादन में होने वाली गिरावट को कैसे रोका जाए। 

खाद्यान्न सुरक्षा औ बदलता पर्यावरण:-फोटो क्रेडिट:-IWP Flicker 
जल प्रबंधन आज और कल
वायु के बाद मानव समाज के लिए जल की महत्ता प्रकृति द्वारा प्रदत वरदानों में से एक है। जल ने पृथ्वी पर जीवन और हरियाली विकसित होने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि जल  ही जीवन है एक लोकोक्ति है कि जल है तो कल हैं

Posted on 04 Jul, 2023 03:04 PM

सारांश

मनुष्य के शरीर का लगभग 70 प्रतिशत जल ही होता है। जल को लेकर ही हमारे देश ही नहीं अपितु विश्व में एक बहुत बढ़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। आज इसका निवारण ढूँढना प्राथमिकता के आधार पर अति आवश्यक हो गया है। हमारे देश में कुल जल का लगभग 76 प्रतिशत भाग मानसून के मौसम में बरसात से प्राप्त होता है। वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 22 घन मीटर है,

जल प्रबंधन आज और कल,फोटो क्रेडिट- IWP Flicker
भूमि जल में वृद्धि के लिए वर्षा जल के संचयन की तकनीकें
केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड ने आठवीं योजना से कृत्रिम जल भरण पर काफी अध्ययन किया है एवं विभिन्न तरीकों की उपयोगिता को समझा है। इस संस्करण में कुछ तकनीकों की जानकारी दी गई है जो विभिन्न भौगोलिक एवं जमीन के नीचे की स्थितियों के लिए उपयुक्त है। Posted on 03 Jul, 2023 03:28 PM

प्रस्तावना

प्रगतिशील युग में जल की बढ़ती खपत बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया है। हमारे देश की समस्याएं विविध एवं जटिल है क्योंकि भारतवर्ष में जल की उपलब्धता क्षेत्रीय वर्षा एवं भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित है। इसके साथ बढ़ती हुई जनसंख्या, शहरीकरण का बढ़ता क्षेत्र अपना प्रभाव जल की उपलब्धि एवं गुणवत्ता पर डाल रहे हैं।

भूमि जल में वृद्धि के लिए वर्षा जल के संचयन की तकनीकें, फोटो क्रेडिट-  wikipedia
पीने योग्य जल
किसी भी आपदा के बाद सबसे पहली जरूरत संकटग्रस्त लोगों के लिए पीने योग्य जल की व्यवस्था करना होता है। शुद्ध पीने योग्य जल उपलब्ध कराने से महामारी को फैलने से रोका जा सकता है Posted on 03 Jul, 2023 11:40 AM

प्रस्तावना

जल जीवन है, मनुष्य, पशु और पेड़-पौधे इसी पर जीवित रहते हैं। इसलिए सृष्टि के अस्तित्व के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल की उपलब्धता अनिवार्य है। यह जरूरी है कि मनुष्य जो पानी पिए वह अवांछित अशुद्धियों और नुकसानदेह रसायनिक यौगिक और जीवाणुओं से मुक्त हो । लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए पीने योग्य जल की आपूर्ति की योजना बनाना

पीने योग्य जल,फोटो- flicker-Indiawaterportal
कैसे होगा भूजल पुनर्भरण
विगत 22 जुलाई को दिल्ली में भू जल के कृत्रिम पुनर्भरणासंबंधी परामर्शदात्री परिषद की प्रथम बैठक में प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा उदघाटन में भूजल पुनर्भरण का जन अभियान चलाने का आह्वान किया। Posted on 24 Jun, 2023 04:07 PM

यह आह्वान सरकार की चिन्ता का तो दर्शाता ही है साथ ही सूजल की गंभीर स्थिति को भी इंगीत करता हैं। आजादी के समय भारत में प्रतिव्यक्ति सालाना जल उपलब्धता 5000 घन मीटर थी जो अब घटकर 1760 घन मीटर पर पहुंच गई है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली-- जैसे दक्षेत्रों में तो यह 300 से 700 घन मीटर प्रति व्यक्ति पहुंच गया है। जल संसाधन मंत्रालय के वर्ष- -2004 के आकलन के अनुसार देश में 5723 ब्लॉक  में से 106

भूजल पुनर्भरण,Pc-Agro Star
 जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स
भारतीय स्टार्ट-अप देश के सामने जल की कमी की चुनौती का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये अभिनव उद्यम कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देने, अपव्यय को कम करने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी और रचनात्मक समाधानों का लाभ उठा रहे हैं
Posted on 24 Jun, 2023 03:36 PM

भारतीय स्टार्ट-अप देश के सामने जल की कमी की चुनौती का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये अभिनव उद्यम कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देने, अपव्यय को कम करने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी और रचनात्मक समाधानों का लाभ उठा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 'मन की बात' के दौरान कुछ युवाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप के माध्यम से किए जा रहे सराहन

 जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स,Pc-performindia
जल संरक्षण भारत के युवाओं के हाथ में समाधान का नेतृत्व 
पानी की कमी पूरी दुनिया में एक प्रमुख चुनौती है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। आबादी बढ़ने के साथ- साथ उद्योगों का विस्तार होता है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ता है। इससे पानी की माँग तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि इस परिदृश्य के बीच भारत के युवा एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरे हैं
Posted on 24 Jun, 2023 03:17 PM

 पानी की कमी पूरी दुनिया में एक प्रमुख चुनौती है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। आबादी बढ़ने के साथ- साथ उद्योगों का विस्तार होता है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ता है। इससे पानी की माँग तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि इस परिदृश्य के बीच भारत के युवा एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरे हैं, जो एक स्टेनेबल भविष्य के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित करने का नेतृत्व कर रहे हैं।

जल संरक्षण भारत के युवाओं के हाथ में समाधान का नेतृत्व ,PC-cbcindia
कृत्रिम- भूजल पुनर्भरण
भूजल मृदा कणों तथा चट्टानों के बीच मौजूद स्थानों (रानो) और चट्टानों में पड़ी दरारों में पाया जाता है आवश्यकता पड़ने पर इसकी सुनिश्चित उपलब्धता और सामान्य रूप से श्रेष्ठ गुणवत्ता के कारण भूजल का उपयोग घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति तथा अन्य उद्देश्यों के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। तथापि, क्या आपको ज्ञात है कि अत्यधिक दोहन के कारण भू-जल बहुत तेजी से कम होता जा रहा है? इसके अतिरिक्त उद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण भूजल प्रदूषित भी हो रहा है। Posted on 24 Jun, 2023 01:15 PM

प्रस्तावना

पिछली इकाई में आपको ताज जल की उपलब्धता के महत्वपूर्ण पहलुओं के बार में बताया गया था। देश में सिंचाई विकास के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में जल की मांग तथा जल प्रदूषण संबंधी समस्या से भी आपको अवगत कराया जा चुका है।

 कृत्रिम- भूजल पुनर्भरण,Pc-Patrika
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