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भारत
राष्ट्रीय हरित अधिकरण की वर्तमान आवश्यकता
Posted on 04 Sep, 2023 05:06 PMहमारे धर्म ग्रंथ उपनिषद एवं साहित्यिक कृतियां सनातन मानवीय व्यवस्था के साक्षी हैं और उनमें वर्णित न्याय सिद्धान्त पर्यावरण के प्रत्येक घटक को संपूर्ण संरक्षण प्रदान करते हैं। हमारा जीवन दर्शन धर्म व न्याय शास्त्र से निर्देशित है। चेतना के स्थान पर भौतिकता को प्रश्रय हमें अमानवीय बना रहा है और हमें न्याय से दूर ले जा रहा है। हमने प्रकृति के नाजुक तानेबाने को स्वयं के लाभ के लिए इतना ज्यादा नुकसा
![राष्ट्रीय हरित अधिकरण की वर्तमान आवश्यकता](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%A4%20%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3%20.jpeg?itok=kxDLdQa9)
ग्लोबल वॉर्मिंग से बढ़ता खतरा
Posted on 04 Sep, 2023 04:46 PMआज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन की समस्या से ग्रस्त है। मनुष्य प्रतिदिन पानी, वायु और वृक्षों को हानि पहुंचा रहा है। वह स्वयं के सुखों के संसाधनों को जुटाने के लिए प्रतिदिन प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है। वह अपने कारखानों/ घरों से गंदा पानी एंव कचरा नदियों में डाल रहा है या फिर खुले में कचरे को फेंक रहा है। मनुष्य के इस कृत्य से जल और वायु प्रदूषित हो रहे हैं। यह प्रदूषण हमारी ओजोन परत को नुकसान
![ग्लोबल वॉर्मिंग से बढ़ता खतरा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/global%20warming..jpeg?itok=iOGvj5bJ)
मार्बल स्लरी : पर्यावरण समस्या एवं उपलब्ध समाधान
Posted on 04 Sep, 2023 04:37 PMचमकीले पत्थर " मार्बल" से निर्मित विश्वप्रसिद्ध ताजमहल, विक्टोरिया मेमोरियल महल, दिलवाड़ा मंदिर एवं बिरला मंदिर जैसी अनेकों इमारतों, मकबरों एवं मंदिरों ने सब का मन मोहा है। भू-गर्भ के अत्यधिक ताप एवं दाब उपरांत कायांतरित चट्टानों में रूपांतरित अवसादी एवं आग्नेय चट्टान का ही एक नाम मार्बल है जिसकी राजस्थान के कुल 33 जिलों में से 16 जिलों में खुदाई की जा रही है एवं प्रसंस्करण भी किया जा रहा है। र
![मार्बल स्लरी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%B2%20%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%B0%E0%A5%80.jpeg?itok=8ttyUhVk)
गंगा की पवित्रता एवं रोग निवारण क्षमता का वैज्ञानिक रहस्य(Scientific secret of Ganga's purity and disease-preventing ability)
Posted on 04 Sep, 2023 01:14 PM"नमामि गंगे तव पादपंकजं सुरासुरैर्वन्दितदिव्यरूपम। भुक्तिं च मुक्तिं च ददासि नित्यं भावानुसारेण सदा नराणाम "। "हे गंगा माँ ! देवताओं और राक्षसों द्वारा वंदित आपके दिव्य चरण-कमलों को मैं नमन करता हूँ, जो मनुष्य को नित्य ही उसके भावानुसार भक्ति और मुक्ति प्रदान करते हैं।"
![गंगा की रोग निवारण क्षमता का वैज्ञानिक रहस्य](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/OIG.py_cgt_nK.jpeg?itok=JdyT47Gg)
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में एक नई शुरुआत(A New Beginning in Renewable Energy in India)
Posted on 04 Sep, 2023 12:29 PMनवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र राष्ट्र को ग्रिड पावर मुहैया कराने में बढ़-चढ़कर भूमिका निभा रहा है। इसकी कुल क्षमता लगभग 8,000 मेगावाट तक पहुंच गयी है और भारत ने केवल पवन ऊर्जा से 5,300 मेगावाट से अधिक की क्षमता हासिल करके विश्व में पवन ऊर्जा में चौथा स्थान प्राप्त कर लिया है। भारत द्वारा विश्व का सबसे बड़ा नवीकरणीय क्षमता विस्तार कार्यक्रम आरंभ किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा पर अ
![नवीकरणीय ऊर्जा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/OIG%20%284%29.jpeg?itok=Lo4IJt1S)
वनों पर प्राकृतिक आपदा एवं जलवायु परिवर्तन का प्रकोप
Posted on 02 Sep, 2023 12:06 PMवन किसी भी राष्ट्र की मूल्यवान संपत्ति हैं क्योंकि वनों से कच्चे पदार्थ लकड़ियाँ सूक्ष्म जीवों के लिए आवास, मिट्टी के अपरदन से बचाव, भूमिगत जल में वृद्धि होती है। वन, कार्बन डाईऑक्साइड का अधिक से अधिक मात्रा में अवशोषण करते हैं एवं कारखानों से निकलने वाली मानव जनित कार्बन डाईऑक्साइड को सोख कर वायुमंडल के हरित ग्रह प्रभाव को कम करते हैं। कारखानों से निकलने वाली गैसों के पर्यावरण पर कई प्रकार के
![वनों पर प्राकृतिक आपदा एवं जलवायु परिवर्तन का प्रकोप](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/Tree-%E0%A4%B5%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%86%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A4%BE%20.jpeg?itok=H23x1YWe)
वैश्विक प्राकृतिक घटनाएं एवं उनका प्रभाव - ग्लोबल वार्मिंग के सन्दर्भ में
Posted on 01 Sep, 2023 01:31 PMग्लोबल वार्मिंग आज के सन्दर्भ में बड़ा ही सामान्य सा नाम है। इसके अर्थ को आज कल हर सामान्य व्यक्ति जानता हैं परन्तु इसका प्रभाव जो आम जीवन पर पड़ता है वह एक विशेष अवस्था है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। जैसे-जैसे समाज और देश प्रगति करते गए, वैसे-वैसे मानव और प्रकृति के बीच असंतुलन बढ़ता गया। गैसों के उत्सर्जन को लेकर भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व चिंतित है परन्तु विशेष बात यह है कि आज तक सम्पूर्ण व
![वैश्विक प्राकृतिक घटनाएं एवं उनका प्रभाव - ग्लोबल वार्मिंग के सन्दर्भ में](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/jal%20vaye%20parivartan.jpeg?itok=cxs5IYN7)
विकास से उपजती है बाढ़
Posted on 01 Sep, 2023 01:15 PMयह जानने के लिए अब किसी गहन - गंभीर शोध की जरूरत नहीं बची है। कि आजकल विकास के नाम पर किया जाता धतकरम असल में भीषण त्रासदियों को जन्म देता है। इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली जिस तरह से बाढ़ की चपेट में है उससे विकास की यही विडंबना खुलकर उजागर हो रही है। शहर के बुनियादी ढांचे की विकास परियोजनाओं ने स्थानीय जल निकास यानि सीवेज को बाधित कर दिया है। खराब तरीके से डिजाइन किए गए शहरी विस्तार में सीवे
![विकास से उपजती है बाढ़](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/flood%20.jpeg?itok=uqdk1PXu)
स्वच्छ ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या हैं (What are the main sources of Clean Energy in Hindi)
Posted on 29 Aug, 2023 02:06 PMकिसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के मुख्य स्रोत रहे हैं। इसीलिए काफी मात्रा में जीवाश्म ईंधन का उपयोग होता रहा है। विश्व स्तर पर अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत होने से जीवाश्म ईंधनों का उपयोग बढ़ा है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के उत्पादन में जीवाश्म ईंधनों का योगदान 90 प्रतिशत है। जीवाश्म ईंधन के दहन से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड व अन्
![नवीकरणीय ऊर्जा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-08/OIG.jpeg?itok=QqbfUMOh)
जलवायु परिवर्तन: समुद्रों से शिखरों तक सभी में खतरे की घंटी
Posted on 24 Aug, 2023 01:15 PMआजकल की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिकीकरण की वजह से पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती बन चुका है। जलवायु परिवर्तन का अर्थ होता है मानव गतिविधियों के कारण वृक्षों और जीवों के साथ-साथ पूरे पृथ्वी के जलवायु में बदलाव। यह परिवर्तन सामान्य जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है, सिर्फ जलवायु ही नहीं, बल्कि वनस्पति, प्राणियों, जलवायु संरचना, और जीवों की प्रजातियों पर भी दुर्भाग्यपू
![जलवायु परिवर्तन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-08/CLIMATE%20CHANGE.jpeg?itok=TOlW1YY8)