बस्तर जिला

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एक पहाड़ी मैना की मौत
Posted on 15 Jul, 2011 02:56 PM

विलुप्ति के कगार पर पहुंच गई पहाड़ी मैना को लेकर प्रसिद्ध लेखक कांतिकुमार जैन का संस्महरणात्म क आलेख-

धरती की प्यास बुझाते हैं तालाब
Posted on 03 Mar, 2010 07:30 AM

छत्तीसगढ़ में जल-संसाधन और प्रबंधन की समृद्ध परम्परा के प्रमाण, तालाबों के साथ विद्यमान हैं। तालाब छत्तीसगढ़ में स्नान, पेयजल और अपासी (आबपाशी या सिंचाई) आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष पूर्ति के साथ जन-जीवन और समुदाय के बृहत्तर सांस्कृतिक संबंध के संदर्भयुक्त बिन्दु हैं। अहिमन रानी और रेवा रानी की गाथा तालाब स्नान से आरंभ होती है। नौ लाख ओडिय़ा, नौ लाख ओड़निन के उल्लेख सहित दसमत कइना की गाथा में तालाब

शौच के पानी को बना रहे हैं उपयोग लायक
Posted on 17 Nov, 2015 03:54 PM

विश्व शौचालय दिवस, 19 नवम्बर 2015 पर विशेष

 

बस्तर के एक गाँव में चल रहे इस विद्यालय ने करीब 15 हजार की लागत से बस्तर का पहला ‘वेस्ट वाटर रिसाइकल प्लांट’ यहाँ बनाया गया है। इस प्लांट में उपयोग हो चुके पानी को फिर से भूमि के अन्दर इस्तेमाल करने लायक बनाया जाता है। इससे आश्रम में कभी पानी की कमी नहीं होती। प्लांट में शुद्ध हुए पानी को फिर दैनिक कर्मों में इस्तेमाल किया जाता है।

बस्तर के अत्यधिक नक्सल प्रभावित इलाकों से गुजरते वक्त क्या ये कल्पना सम्भव है कि यहाँ कुछ सुखद, दिल को आनन्द देने वाला और सन्तोषजनक भी मिल सकता है। इसका जवाब है हाँ। बस्तर में भी ऐसा बहुत कुछ हो रहा है, जो हमें सुकून दे सकता है।

फिलवक्त तो हम बात कर रहे हैं लंजोडा नामक गाँव में बनाए गए “वेस्ट वाटर रिसाइकल प्लांट” की, जो शौचालय में इस्तेमाल होने वाले पानी को न केवल दोबारा उपयोग के लायक बना रहा है, बल्कि कुछ लोग इसका लाभ भी उठा रहे हैं।

जब कांकेर और कोंडागाँव जैसे आदिवासी जिलों में पानी का संकट गहराने लगता है तो इन दोनों जिलों के मध्य स्थित लंजोड़ा गाँव का सदा हराभरा रहने वाले एक कोना सहज ही राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर से गुजरने वाले यात्रियों का ध्यान खींच लेता है।

water treatment plant
नामशेष होता बस्तर
Posted on 13 Feb, 2010 09:19 AM बस्तर देश के वनवासी-बहुल क्षेत्रों में बचा हुआ आखिरी बड़ा हिस्सा है। देश के बड़े जिलों में वह तीसरे स्थान पर है। वह पूरे केरल राज्य से कुछ बड़ा ही है। उसका क्षेत्रफल 39,060 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन 1981 की जनगणना के अनुसार उसकी जनसंख्या 18.4 लाख से कुछ ही ज्यादा है। दो-तिहाई से ज्यादा लोग वनवासी हैं जिले में केवल पांच बड़े कस्बे हैं। जिले भर में पक्की ओर कच्ची दोनों प्रकार की सड़कों की कुल लंबाई 3,
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