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अरुणाचल प्रदेश
ब्रह्मपुत्र घाटी
Posted on 30 Mar, 2017 04:20 PMब्रह्मपुत्र घाटी दो समान्तर पर्वत शृंखलाओं- अरुणाचल प्रदेश और उत्तर में भूटान वाली पूर्वी हिमालय शृंखला और मेघालय, उत्तरी कछार और दक्षिण में नागालैंड वाली पूर्वोत्तर पर्वतीय शृंखला- के बीच अवस्थित है। इस घाटी का जो हिस्सा असम में आता है उसे तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है- ग्वालपाड़ा और कामरूप जिलों वाला पश्चिमी भाग; दरांग और नौगाँव जिलों वाला मध्यवर्ती भाग तथा लखीमपुर, डिब्रूगढ़ और सिबसाग
अरुण के आंचल में खुशबू खजाना
Posted on 06 Feb, 2017 11:42 AM
उगते सूरज का प्रदेश, सर्वाधिक क्षेत्रीय बोलियों वाला प्रदेश, भारत का तीसरा विशाल राष्ट्रीय पार्क (नाम्दाफा नेशनल पार्क) वाला प्रदेश जैसे भारतीय स्तर के कई विशेषण अरुणाचल प्रदेश के साथ जुड़े हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश के लिये जो विशेषण सबसे खास और अनोखा है, वह है, यहाँ उपलब्ध सबसे अधिक आॅर्चिड विविधता।
बौद्ध भिक्षुओं पर पुलिसिया हमला
Posted on 30 Aug, 2016 12:35 PMघटना तवांग के स्थानीय लोगों पर पुलिस द्वारा गोलियाँ चलाए जाने की है। जोकि अपने नेता लामा
प्रकृति की गोद में समाई जीरो घाटी
Posted on 07 Jun, 2016 04:08 PMहापोली से 4 किलोमीटर दूर कारदो जंगल में एक 25 फुट ऊँचा और 22
खतरे में है महाबाहु ब्रह्मपुत्र
Posted on 14 Mar, 2012 03:05 PMब्रह्मपुत्र सिर्फ एक नदी नहीं है। यह एक दर्शन है-समन्वय का। इसके तटों पर कई सभ्यताओं और संस्कृतियों का मिलन हुआ है। आर्य-अनार्य, मंगोल-तिब्बती, बर्मी-द्रविड़, मुगल-आहोम संस्कृतियों की टकराहट और मिलन का गवाह यह ब्रह्मपुत्र रहा है। जिस तरह अनेक नदियां इसमें समाहित होकर आगे बढ़ी हैं, उसी तरह कई संस्कृतियों ने मिलकर एक अलग संस्कृति का गठन किया है। ब्रह्मपुत्र पूर्वोत्तर की, असम की पहचान है, जीवन है और संस्कृति भी। असम का जीवन तो इसी पर निर्भर है। असमिया समाज, सभ्यता और संस्कृति पर इसका प्रभाव युगों-युगों से प्रचलित लोककथाओं और लोकगीतों में देखा जा सकता है।
चीन की कुदृष्टि की वजह से तिब्बत से बांग्लादेश तक फैले विस्तृत ब्रह्मपुत्र नदी का अस्तित्व खतरे में है। इस बात की खबर आ रही है कि अपने देश में चीन इस नदी की धारा मोड़ने या पनबिजली परियोजना के लिए बांध बनाकर उसके प्रवाह को रोकने की साजिश कर रहा है। इस महानदी के सूखने का मतलब कई संस्कृतियों और सभ्यताओं का सूखना है इसलिए अरुणाचल से असम तक ब्रह्मपुत्र के किनारे बसे लोगों में बेचैनी है। हालांकि चीन बार-बार ऐसे आरोपों से इनकार कर चुका है लेकिन जब 29 फरवरी को अरुणाचल के पासीघाट के निकट सियांग नदी (अरुणाचल में ब्रह्मपुत्र को इसी नाम से जाना जाता है) का जलस्तर गिरता हुआ बिल्कुल बरसाती नदी जैसा हो गया तो पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। अरुणाचल प्रदेश के सरकारी प्रवक्ता ताको दाबी ने इस बात की जानकारी फौरन राज्य सरकार को दी और केंद्र सरकार से वास्तविकता का पता लगाने का आग्रह किया। लोगों को लग रहा है कि चीन ब्रह्मपुत्र की धारा के साथ छेड़छाड़ कर रहा है।अरुणाचल यात्रा
Posted on 28 Feb, 2012 11:17 AMपहले सुवर्णसीरी वर्षा में भी पारदर्शी रहती थी। अब शायद सड़क आदि के कारण मिट्टी आने लगी है। बाढ़ भी आने लगी है। ज
ब्रह्मपुत्र की गोद में कुदरत से बर्ताव
Posted on 25 Feb, 2012 03:29 PMअसम में ब्रह्मपुत्र का विराट रूप मिलता है तो अरुणाचल में उसकी शाखाओं तथा बिगड़े हुए जल संग्रह क्षेत्रों को जानने